हिन्दू उग्रवादी होता तो बॉलीवुड में फिल्में नहीं बनती। चित्तौड की रानी पद्मावती पर भंसाली प्रोडक्शन द्वारा फिल्माई जा रही फिल्म में राजपूत वीर रानी पद्मिनी/पद्मावती के चरित्र को गलत तरह से जनता के समक्ष दिखाए जाने के कुचेष्टा को हिन्दू महासभा लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संतोष राय ने इसे मध्यकालीन इतिहास के साथ भारी खिलवाड़ बताया है। उन्होंने दुष्ट जेहादी मानसिकता वाले बॉलीवुड को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि इस फिल्म में ऐसा कुछ हुआ तो इसके गम्भीर परिणाम भुगतने होंगे। आगे डॉ0 संतोष राय ने कहा कि कुछ गंदी मानसिकता वाले जिनका मन-मष्तिष्क में कूड़ा भरा है इतिहास के नाम पर धंधा करने वाले कुछ जेहादी व वामपंथी तथा-कथित घटिया इतिहासकारों के कुकृत्यों का सहारा लेते हुए राजस्थान की गौरवशाली इतिहास को अपमानित करने का षडयंत्र कर रहे हैं, जिसे हिन्दू महासभा लोकतांत्रिक किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेंगे।
आगे डॉ. संतोष राय ने कहा कि रानी पद्मावती भारत की एक ऐसी वीरांगना थी जिसने अपने अस्मत की रक्षा हेतु हजारों राजपुताना महिलाओं के साथ जौहर की आग में झोंक दिया। ज्ञात हो कि वीरांगना व अमर रानी पद्मावती ने मुगल जेहादी व दुष्ट अलाउद्दीन ख़िलजी से अपने शील की रक्षा हेतु ऐसा किया था।
मगर कुछ बॉलीवुड के भांड चंद थोड़े से अर्थ और पब्लिसिटी की चाह में ऐसी भारत की अस्मिता से खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रहे हैं। बॉलीवुड द्वारा घिनौने रूप से अलाउद्दीन की प्रेमिका बताया जाना भारतीय इतिहास के साथ बहुत बड़ा अन्याय है, ऐसा करने वालों को उठाकर कारागार में डाल देना चाहिए। लेकिन दु:ख की बात है कि ऐसे लोगों को सुरक्षा दी जा रही है।
दुष्ट फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली को अविलम्ब इस मामले में देश की महिलाओं व राष्ट्रभक्त समाज को आहत करने के अपराध में प्राथमिकी दर्ज कर इस प्रकार के किसी भी फिल्मांकन पर अविलम्ब रोक लगाना चाहिए व भंसाली को ऐसा सजा देनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई फिल्म निर्माता इस तरह की फिल्म बनाने का दु:स्साहस न करें।
आगे डॉ राय ने बॉलीवुड द्वारा हिंदुओं को उग्रवादी बताए जाने पर कहा कि यदि हिन्दू उग्रवादी होता तो बॉलीवुड में फिल्में बनना बंद हो जाती। अब हिंदुओं के धैर्य की परीक्षा नहीं ली जानी चाहिए वर्ना हिंदू अपने पर आता है तो वो एक इतिहास बना देता है।