राजीव कुुमार, प्रगति मैदान से लाइव
बुजुर्गों, दिव्यांगों व महिलाओं के लिए सीएसआर व ओएनजीसी की अनूठी पहल
दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे अंर्तराष्ट्रीय व्यापार मेले में सीएसआर रिसर्च फाउण्डेशन व ओएनजीसी के तत्वाधान में बुजुर्गों, दिव्यांगों व महिलाओं के लिए एक अनूठी पहल हुई है। इस पहल में महिलाओं की आपातकालीन आवश्यकताओं को देखते हुए विभिन्न स्थानों पर सैनिटरी नैपकीन मशीन लगाना, बुजुर्गों व दिव्यांगों के लिए कई जगह विश्राम गृह, साथ में उनके लिए चाय, जल-पान की व्यवस्था व उन्हें गंतव्य तक पहुंचाने के लिए ई-रिक्शा की भी व्यवस्था किया गया है, जो एक बेहद सराहनीय कदम है।
ज्ञात हो कि दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहा अंर्तराष्ट्रीय व्यापार मेला 14 से 27 नवंबर, 2017 तक चलेगा, इस दौरान सीएसआर, ओएनजीसी एवं आईटीपीओ के सहयोग से कई कल्याणकारी कार्य किए जा रहे हैं। इसमें सीएसआर का पहला प्रयास महिलाओं की अपातकालीन आवश्यकताओं को देखते हुए इसके लिए मेला परिसर में विभिन्न स्थानों पर सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीनों को लगाया गया है। महिला आगंतुकों की सुविधाओं को देखते हुए अंर्तराष्ट्रीय व्यापार मेले के इतिहास में इस पहल की शुरुआत साल 2015 में सीएसआर रिसर्च फाउंडेशन नें की थी और इस वर्ष भी सीएसआर उसी उत्साह से अपने इस सफल प्रयास को आगे बढ़ाने में प्रयासरत है। सीएसआर का सफल प्रयास Mission AAA महिला स्वास्थ्य को लेकर जगरुकता, उपलब्धता और सामर्थ्य पर केंद्रित है, जिसके माध्यम से वह महिला स्वास्थ्य, स्वच्छता, लिंग भेद और महिला सशक्तिकरण के लक्ष्य को अति शीघ्र प्राप्त कर सकें। उपरोक्त संस्था ने इस प्रयास को सफलतापूर्वक दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न कालेजों और स्कूलों तक पहुंचाया है।
वहीं सीएसआर रिसर्च फाउंडेशन संस्था के अध्यक्ष सीए दीनदयाल अग्रवाल ने अंर्तराष्ट्रीय व्यापार मेले के दौरान आने वाले वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों आगंतुकों को बेहतर सुविधा देने के उद्देश्य से एक नया विचार सबके समक्ष रखा है। उन्होंने मेला परिसर में विभिन्न स्थानों पर ‘विश्राम गृह’ की व्यवस्था की है, जहां बुजुर्ग व दिव्यांग विश्राम के साथ-साथ में चाय, पानी व विस्कुट आदि की आवश्यकताओं को पूरा कर सकेंगे। इसके साथ बुजुर्गों व दिव्यांगों को मेला परिसर में घूमने के लिए ई-रिक्शा परिचालन की भी व्यवस्था की गई, जिससे वह इस मेले का आनंद सुविधापूर्वक वातावरण में ले रहे हैं।
वहीं मीडिया सेंटर में काम कर रहे सरला से जब पूछा गया कि इतनी संख्या में आ रहे बुजुर्गों की सेवा करके आपको कैसा लग रहा है तो उन्होंने कहा कि यह सेवा का कार्य करके बहुत अच्छा लग रहा है।
लखनऊ से आये एक दंपत्ति विनोद नें बहुत भावुक होते हुए कहा कि इस अंतर्राष्ट्रीय मेले में वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान देखकर मेरी आत्मा गदगद हो गई। बुजुर्गों के लिए विश्राम गृह व उनके लिए चाय, काफी व बिस्कुल की व्यवस्था और तो और वे जहां चाह रहे हैं उन्हें ई-रिक्शा के माध्यम से उनके गंतव्य तक छोड़ा जा रहा है, इससे बुजुर्गों को बहुत सुविधा मिल रही है। हम सब बुजुर्ग बहुत प्रसन्न हैं। इस सुविधा से पूरे देश में एक संदेश जा रहा है कि भारत बुजुर्गों का सम्मान करने वाला देश है। इसे अनवरत जारी रखना चाहिए।
वहीं हरियाणा से आए बलजीत सिंह नें कहा कि हमारे देश में बुजुर्गों का बहुत सम्मान होता है, वह सम्मान दिखना चाहिए वो आज दिख रहा है। सरकार को ऐसी सुविधाएं बुर्जुगों को बाहर भी देनी चाहिए। क्योंकि यूके आदि देशों में बुजुर्गो को बहुत सम्मान है, सिर्फ बुजुर्गों का पैर छूने से काम नहीं चलेगा। सबनें सीएसआर और ओनजीसी के इस कदम की एक स्वर में सराहना की और कहा इसे आगे जारी रखा जाए क्योंकि इससे भारत की छवि में चार-चांद लग रहा है।
बुजुर्गों के लिए इस उपरोक्त मेेले में सीएसआर रिसर्च फाउण्डेशन व ओएनजीसी की प्रसिद्ध पत्रकार विष्णुगुप्त नें जमकर प्रशंसा की है।
तस्वीर में: वरिष्ठ पत्रकार विष्णुगुप्त जी व सीए दीनदयाल अग्रवाल
सभी तस्वीर- फोटो पत्रकार हेमेंद्र गोयल