मुंबई : भारत के प्रधानमन्त्री ने भारत में जमा काले धन पर अंकुश लगाने के लिए जो कदम उठाये उससे सबसे ज्यादा नुकशान कांग्रेस, सपा, बसपा, आप, तृणमूल कांग्रेस इत्यादि पार्टियों को हुआ और सभी ने प्रधानमन्त्री पर गोले दागे लेकिन शरद पवार और उनकी एनसीपी इस विषय पर इन सभी पार्टियों से अलग है, जबकि शरद पवार तो काले धन के पुराने खिलाडी हैं, महाराष्ट्र में चीनी, अंगूर, संतरा, प्याज इत्यादि को पवार ही कण्ट्रोल करते हैं और तो और महाराष्ट्र की सहकारी समितियों पर पवार और उनके लोगों का ही कब्ज़ा है ! मुझे सूत्रों से ज्ञात हुआ की शरद पवार ने पहले ही अपना काला धन सफ़ेद कर लिया है और तभी शरद मियां प्रधान-मंत्री को अपने मंच पर बुलाते हैं ! शरद पवार के दावूद इब्राहीम से जो रिश्ते रहे हैं वो भी भी विख्यात हैं ! तो इसका अर्थ यह हुआ की दावूद इब्राहीम के साथी शरद पवार को सरकार द्वारा मदद की जा रही है !
हम यह न भूलें की मालेगांव केस में निर्दोष हिन्दुओं को फंसाने में शरद पवार की विशेष भूमिका रही है ! भाजपा का हिन्दू विरोधी शक्तियों से इतना प्रेम क्यों ?
क्या भाजपा का राष्ट्रवाद इतना कमजोर हो गया है की उन्हें ऐसे लोगों का सहारा लेना पड़ रहा है !प्रधान-मंत्री का कालेधन पर लिया गया निर्णय सराहनीय है लेकिन ऐसे तत्वों की सहयाता करना और उन्हें समर्थन देना भी निंदनीय है !