संदीप देव
कश्मीर के ईनामी आतंकी बुरहान वानी के जनाजे में 20 हजार की भीड़। पुलिस-सेना के जवानों पर भीड़ ने किया हमला।
2) बिहार के भोजपुर में किसी के फेसबुक पोस्ट को इस्लाम के खिलाफ बताते हुए तोड़-फोड़, हिंसा और स्थानीय लोगों पर हमला।
3) पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में पुलिस बल पर बम से हमला, 6 पुलिसकर्मी घायल। मुर्शिदाबाद की आबादी में हिन्दू अल्पसंख्यक हैं और मुसलमान बहुसंख्यक, इसीलिए पुलिस का नो एरिया में प्रवेश वर्जित।
4) लेफ्ट लिबरल बहस, आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता! लेकिन आज भारत में हुए इन तीन आतंकी घटनाओं में धर्म को ही आधार बनाकर आतंक के समर्थन में लोग सड़कों पर उतरे हैं!
5) जबतक आतंक के मूल कारणों पर बहस से समाज बचता रहेगा, याकूब और बुरहान वानी के जनाजों और जाकिर नाईक के नफरत भरे कार्यक्रमों में भीड़ उमड़ती रहेगी
ढाई सौ लोगों के कातिल व
इनामी आतंकी बुरहान वाणी
का जनाजा है। इसके जनाजे में करीब दो लाख मुस्लिम जुटे हैं। और सचमुच इसका कोई धर्म नहीं था
अखिलेश शर्मा
अब पता चला??
इसलाम को और मुसलिमो को हम क्यू गाली देते हैं! मुसलिम समाज केंसर हो चुका हैं इस देश का! समाज के विकास में भागीदारी 1% भी नहीं और आतंकी के जनाजे ऐसे जाते हैं जैसे इनकी बह्न का यार हो!
शर्म आनी चाहिये हर एक भारतीय मुसलिम को!
अविनाश कुमार सिंह
जेहादी आतंकियो के समर्थन में सड़क पर निकले कथित प्रदर्शनकारीयो में से 5-10 को चाइना स्टाइल में जन्नत भेजा जाए तभी इस समस्या का समाधान है ,,लेकिन वोट बैंक इसका कभी समाधान होने नही देगा,,,
अवधेश कुमार
बुरहान वानी जैसे खूंखार आतंकवादी की शवयात्रा की इजाजत नहीं देनी चाहिए थी। भले इसके विरोध में आने वालों पर बल प्रयोग करना पड़ता
भारत में अन्यत्र भी बुरहान वानी जैसे आतंकवादियों के समर्थक हैं। उनका क्या किया जाए
आतंकवाद के ये समर्थक कौन हैं जो कश्मीर में आतंकवादी के मार जाने पर इतना उग्र विरोध कर रहे हैं
अर्ध सन्यासी
आखिर आतंकियों के समर्थकों ने भाजपा कार्यालय पर ही हमला क्यों किया,कांग्रेस या और पार्टियों के कार्यालयों पर क्यों नहीं? जिस दिन देश की जनता जाति,धर्म और क्षेत्र से ऊपर उठकर ईमानदारी से चिंतन करेगी,देश की दशा और दिशा दोनों बदल जायेगी।
अनिल ठाकुर विद्रोही
दुर्दांद आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने कश्मीरी मुस्लिमों ने कश्मीरी पंडितों के कैम्पों ,अमरनाथ यात्रियों पर पत्थरबाजी की । रास्ते में जा रहे भक्तों को गाड़ियों से निकाल कर पीटा ।
पुलवामा-अनंतनाग-शोपियां में कर्फ्यू
इतना गुस्सा है मुसलमानों में एक आतंकवादी के मरने पर और आमिर शाहरुख़ जैसे भाड़ और सेक्युलर कहेंगे कि आतंक का कोई धर्म नहीं होता है ।
कृष्ण मिश्र
देश में इतनी बड़ी संख्या में एक आतंकी को लोग सम्मान देते हैं तो भी आतंक का धर्म ना पता चले तो धिक्कार है ।
विशाल पंडित
क्या अब समय आ गया है कि भारतीय सेना को कश्मीर समस्या का परमानेंट इलाज कर देना चाहिए ?
ओजस्वी हिंदुस्तान
पिता ने कहा-बेटे की शहादत पर गर्व,तीसरा भी जिहाद पर जाना चाहेगा तो नहीं रोकेंगे