फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। परन्तु इस वर्ष चतुर्दशी तिथि 24 फरवरी 2017 की रात से प्रारम्भ होगी क्योंकि महाशिवरात्रि का पर्व रात्रि व्यापिनी होने पर ही विशेष फल दायक होती है, ऐसे में 25 फरवरी 2017 को चतुर्दशी तिथि तो है परन्तु रात्रि व्यापिनी नहीं है अतः 24 फरवरी 2017 को ही फाल्गुन कॄष्ण पक्ष त्रयोदशी को देवाधिदेव महादेव को पूजने का यह परम पवित्र महा पर्व महाशिवरात्रि बड़े ही धूम धाम एवं हर्षोल्लास के साथ श्रद्धा पूर्वक मनाया जायेगा।
भगवान शिव को औघड़ और भोलेनाथ भी कहा जाता है, लेकिन शिव जितने भोले और आसानी से प्रसन्न होने वाले हैं, उनका गुस्सा भी उतना ही प्रलयंकारी है। कहते हैं कि जिस दिन शिव ने अपनी तीसरी आंख खोल दी, उसी दिन दुनिया का अंत निश्चित है।
ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद शास्त्री ने बताया की इस दिन प्रदोष व्रत भी होने के कारण शिव भक्त व्रत रहकर, उपवास रखकर भगवान शिव को जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक, रुद्राभिषेक, जागरण इत्यादि विभिन्न तरीको से मनाएंगे, रिझाएंगे। सुहागन स्त्रियां अपने सौभाग्य की वृद्धि के लिए,अविवाहित लड़कियां सुयोग्य एवं मन पसन्द जीवन साथी की प्राप्ति हेतु शिव की पूजा अर्चना करेंगी। इस दिन चतुर्दश लिंग की पूजा की जाएगी। इस बार ये पर्व 24 फरवरी 2017 दिन शुक्रवार को है। उस दिन महानिशीथ काल 24 की रात 23 बजकर 47 मिनट से मध्यरात्रि 12 बजकर 37 मिनट तक होगा। पारण 25 फरवरी 2017 दिन शनिवार को होगा।
पौराणिक मान्यता के अनुसार जो व्यक्ति वर्ष भर कोई व्रत उपवास नहीं रखता है और वह मात्र महाशिवरात्रि का व्रत रखता है तो उसे पूरे वर्ष के व्रतों का पुण्य प्राप्त हो जाता है। इससे पूर्व 30 वर्ष पहले महाशिवरात्रि दो दिन मनाई गई थी। शिवरात्रि पर चार प्रहर की पूजा अत्यंत फलदायी होती है। शिव रात्रि पर चार प्रहर की पूजा से सभी प्रकार की कामनाएं पूर्ण होती है।
इस महाशिवरात्रि पर इन उपायों द्वारा बढ़ाएं अपनी आमदनी/इन्कम–
ज्योतिर्विद पंडित दयानंद शास्त्री ने बताया की इसी दिन भगवानशिव अर्ध रात्रि में ब्रह्मा जी के अंश से लिंग रूप में प्रकट हुए थे। कई जगहों पर मान्यता है कि इसी दिन भोले नाथ का गौरा माता से विवाह हुआ थाय़ इस दिन विधि विधान से भगवान भोले नाथ का पूजा अर्चन किया जाए तो सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है । इस बार इस दिन सुबह 06:36 बजे से लेकर पूरा दिन और रात सर्वार्थसिद्धि योग है और धन-वैभव कारक ग्रह शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में विद्यमान है, वो सभी मनोकामनाओं को पूरा करने वाला है। ज्योतिर्विद पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार अगर इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो समस्त मनोकामना पूरी हो सकती है:—
शिवरात्रि पर घर में पारद की शिवलिंग की स्थापना योग्य ब्राह्मण से सलाह कर स्थापना कर प्रति दिन पूजन कर सकते है। इससे आपकी आमदनी बढ़ाने के योग बनते हैं ।
शिवरात्रि पर गरीबों को भोजन कराएं, इससे आपके घर में कभी अन्न की कमी नहीं होगी और पितरों की आत्मा को शांति मिलेगी।
पानी में काले तिल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें व "ॐ नम: शिवाय "मंत्र का जप करें। इससे मन को शांति मिलेगी।
शिवरात्रि के दिन आटे से 11 शिवलिंग बनाएं व 11 बार इनका जलाभिषेक करें। इस उपाय से संतान प्राप्ति के योग बनते हैं।
ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद शास्त्री ने बताया की इस बार महाशिवरात्रि के दिन श्रवण नक्षत्र का साक्षी सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत योग एवं त्रियोदशी प्रदोष का योग बना है जो शिवभक्तों के लिए बेहद फलदायी होगा। यह संयोग बेहद मुश्किल से आता है। इसके पीछे मान्यता है कि इस संयोग में भगवान शिव को रूद्राभिषेक के पाठ से प्रसन्नता मिलती है। शिवलिंग का 101 बार जलाभिषेक करें । साथ ही ॐ हौं जूँ सः । ॐ भूर्भुवः स्वः। ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम् उर्व्वारुकमिव बन्धानान्मृत्यो मृक्षीय मामृतात् । ॐ स्वः भुवः भूः ॐ । सः जूँ हौं ॐ । मंत्र का जप करते रहें । इससे बीमारी ठीक होने में लाभ मिलता है।
शिवरात्रि पर 21 बिल्व पत्रों पर चंदन से ओम नम: शिवाय लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। इससे आपकी इच्छाएं पूरी हो सकती हैं।
शिवरात्रि पर नंदी (बैल) को हरा चारा खिलाएं। इससे जीवन में सुख-समृद्धि आएगी और परेशानियों का अंत होगा।
शिवरात्रि पर भगवान शिव को तिल व जौ चढ़ाएं। तिल चढ़ाने से पापों का नाश व जौ चढ़ाने से सुख में वृद्धि होती है।
अगर विवाह में अड़चन आ रही है तो शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर केसर मिला कर दूध चढ़ाएं। जल्दी ही विवाह हो सकता हैं।
मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं । इस दौरान भगवान शिव का ध्यान करते रहें । इससे धन की प्राप्ति होती है।
ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद शास्त्री ने बताया की भोलनाथ पर कई तरह के फूल चढ़ाए जाते है जिनका अलग ही महत्व है। तो जानिए शिव को चढ़ने वाले किस फूल का क्या मतलब होता है:—
—ज्योतिषशास्त्र में कहा जाता है कि शिव जी को धतूरे का फूल चढ़ाने से संतान की प्राप्ति होती है। वहीं आकड़े का फूल चढ़ाने से आपकी आयु लंबी होती है।
—वहीं भोलेनाथ को एक लाख बेलपत्र चढ़ाने से जिस चीज की कामना हो उसकी प्राप्ति होती है। गुढेल का फूल चढ़ाने से शत्रु का नाश होता है।
—अगर आप शिव को बेला का फूल चढ़ाते है तो आपको सुंदर सुयोग्य पत्नी मिलेगी वहीं हरसिंगार के फूल चढ़ाने से घर में सुख-शांति आती है।
ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद शास्त्री ने बताया की शिव पुराण में कार्य, बात-व्यवहार और सोच द्वारा किए गए 12 पाप वर्णित हैं जिसे भगवान शिव कभी क्षमा नहीं करते। ऐसा व्यक्ति हमेशा ही शिव के कोप का भाजन होगा और कभी भी सुखी जीवन व्यतीत नहीं कर सकता | आपने सुना होगा कि ऊपरवाले से कुछ छुपा नहीं होता। यहां तक कि आप अपने मस्तिष्क में जो सोच रहे होते हैं, वह भी भगवान से छुपा नहीं है। इसलिए भले ही बात और व्यवहार में आपने किसी को नुकसान ना पहुंचाया हो, लेकिन अगर मन में किसी के प्रति कोई दुर्भावना है या आपने किसी का अहित सोचा हो, तो यह भी पाप की श्रेणी में आता है।
—दूसरों के पति या पत्नी पर बुरी नजर रखना, या उसे पाने की इच्छा करना भी पाप की श्रेणी में रखा गया है।
—गुरु, माता-पिता, पत्नी या पूर्वजों का अपमान भी आपको भूलकर भी नहीं करनी चाहिए।
—शराब पीना, गुरु की पत्नी के साथ संबंध बनाना, दान की हुई चीजें या धन वापस लेना महापाप माने जाते हैं जिसे भगवान शिव कभी भी क्षमा नहीं करते।
—दूसरों का धन अपना बनाने की चाह रखना भी भगवान शिव की नजर में अक्षम्य अपराध और पाप है।
—गलत तरीके से दूसरे की संपत्ति हड़पना, ब्राह्मण या मंदिर की चीजें चुराना या गलत तरीके से हथियाना भी आपको इस श्रेणी में लाता है।
—किसी भोलेभाले और निरपराध इंसान को कष्ट देना, उसे नुकसान पहुंचाने, या धन-संपत्ति लूटने, उसके लिए बाधाएं पैदा करने की योजना बनाना या ऐसी सोच रखना भगवान शिव की नजरों में हर हाल में माफी ना देने योग्य पाप है।
—अच्छी बातें भूलकर बुरी राह को स्वयं चुनने वाले के पाप अक्षम्य होते हैं।
—-शिव पुराण के अनुसार जिस प्रकार आप किसी का बुरा नहीं करने के बावजूद, उसके लिए बुरी सोच रखने के कारण भी पाप के हकदार और दंड की श्रेणी में आ जाते हैं, उसी प्रकार भले ही आपने अपने कार्य से किसी का बुरा ना किया हो, लेकिन आपकी बोली अक्षम्य पापों का हकदार भी बना सकती है। खासतौर से इन तीन हालातों में:—
001 .—किसी गर्भवती महिला या मासिक के दौरान किसी महिला को कटु वचन कहना या अपनी बातों से उनका दिल दुखाना शिव की नजरों में अक्षम्य अपराध और पाप है।
002 .–किसी के सम्मान को हानि पहुंचने की नीयत से झूठ बोलना ‘छल’ की श्रेणी में आता है और अक्षम्य पाप का भागीदार बनाता है।
003 .–समाज में किसी के मान-सम्मान को हानि पहुंचाने की नीयत से या उसकी पीठ पीछे बातें करना या अफवाह फैलाना भी एक अक्षम्य पाप है।
004 .—धर्म अनुसार मना की गई चीजें खाना या धर्म के विपरीत कार्य करना किसी हाल में व्यक्त के लिए स्वीकार्य नहीं होना चाहिए, वरना आप भगवान शिव की नजरों में हमेशा ही अपराधी रहेंगे।
005 .–बच्चों, महिलाओं या किसी भी कमजोर जीव के खिलाफ हिंसा और असामाजिक कार्यों में लिप्तता मनुष्य को पाप का दोषी बनाता है।