सारा देश उम्मीद लगाए हुआ था कि केरल में हो रहे भाजपा अधिवेशन में नरेंद्र मोदी शेर की तरह दहाड़ेंगे और देश को तैयार करेंगे कि वह पठानकोट और उरी करने वालों को कड़ा सबक सिखाएं लेकिन यह क्या हुआ? मोदी भारत की जनता से संवाद करने की बजाय पाकिस्तान की जनता को उपदेश देने लगे। आतंकवाद से निपटने की बजाय वे गरीबी और अशिक्षा को दूर करने की हवाई बातें करने लगे। मोदी ने कहा कि नवाज शरीफ आतंकवादियों के लिखे भाषण पढ़ते रहते हैं लेकिन यह समझ में नहीं आ रहा कि मोदी को आजकल कौन पट्टी पढ़ा रहा है? मोदी के इस केरल-भाषण में उनकी मर्दाना छवि को चूर-चूर कर दिया है। लेकिन इसी बात का एक दूसरा पहलू भी है।
वह पहलू यह है कि शीघ्र ही हमारी फौज आतंकी ठिकानों को उड़ाने का विचार कर रही हों। अपना गोलमोल भाषण देने के कुछ घंटे पहले ही मोदी हमारी फौज के तीन मुखियाओं से मिले हैं। जाहिर है कि यदि हमें जवाबी कार्रवाई करनी है तो दूर-दूर तक उसका कोई जिक्र तक नहीं होना चाहिए। यदि इसी कारण मोदी ने इधर-उधर की अप्रासंगिक बातें छेड़ दी हों तो उन्होंने कुछ गलत नहीं किया। लेकिन यदि उन्होंने जो कुछ कहा है याने वे हवा में लठ चलाते रहे तो देश के आम लोगों क्या, संघ और भाजपा के कार्यकर्ताओं की नजर में भी मोदी नेता नहीं रह पाएंगे।
उरी में लोहा गर्म था लेकिन हमने चोट नहीं की, उसका नतीजा क्या हुआ? अब चीन ने भी अपना मुंह खोल दिया है। उसने कहा है कि यदि पाकिस्तान पर हमला हुआ तो चीन उसका डटकर साथ देगा। चीन के हजारों मजदूर तथाकथित ‘आजाद कश्मीर’ में सड़के बना रहे हैं। चीन से कोई पूछे कि पाकिस्तान पर कौन हमला करना चाहता है? हम तो सिर्फ आतंकी शिविरों को उड़ाने की बात कर रहे हैं।
आश्चर्य की बात है कि इधर भारत और पाक में मुठभेड़ के बादल मंडरा रहे हैं और उधर रुस की सेनाएं पाकिस्तान में संयुक्त-सैन्य अभ्यास कर रही हैं। यदि भारत ने उरी के वक्त तत्काल कार्रवाई की होती तो विश्व-जनमत उसका साथ देता और चीन व रुस की भी घिग्घी बंध जाती लेकिन कोई बात नहीं। जब भी नींद खुले, सबेरा! अभी कम से कम दुनिया के सामने भारत ऐसे ठोस प्रमाण तो पेश करे कि उरी के आतंकी पाकिस्तानी थे।
मोदी सीधे नवाज से बात क्यों नहीं करते? पाकिस्तान की जनता से बात करने की क्या तुक है? नवाज अभी भी यही कह रहे हैं कि उरी कश्मीरियों ने ही किया होगा। आज पाकिस्तान की जनता को यह स्पष्ट संदेश देना जरुरी है कि इन आतंकी कारस्तानियों के परिणाम उसके लिये भयंकर सिद्ध हो सकते हैं।