राज्यश्री चौधरी बनाम पश्चिम बंगाल राज्य की सुनवाई दिनाँक 30 जुलाई 2020 के लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था जहाँ यह मुद्दा था कि बंगाल उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन नहीं किया गया है, जिसने निर्देश दिया है कि व्यापक प्रसार वाले समाचार पत्र में प्रकाशन होना चाहिए कि “सभी प्रकार के पशुओं को किसी भी खुले सार्वजनिक स्थान पर वध नहीं होना चाहिए एवं गौवध ID-UZ-ZOHA के त्यौहार का हिस्सा नहीं है और इस्लाम के तहत एक मजहबी आवश्यकता भी नहीं है जैसा की “मोहम्मद हनीफ कुरेशी एवं अन्य बनाम बिहार राज्य” के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने माना है।
सुप्रीम कोर्ट ने अखिल भारत हिन्दु महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्षा एवं नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की प्रपौत्री सुश्री राज्यश्री चौधरी बनाम पश्चिम बंगाल राज्य के मामले में आदेश जारी किया है की पश्चिम बंगाल राज्य उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन करने के लिए बाध्य है और याचिकाकर्ता गैर-अनुपालन के मामले में उच्च न्यायालय को संपर्क कर सकता है। इस तरह याचिका का निपटारा कर दिया गया।
इसलिए सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार उच्च न्यायालय के निर्देशों के संदर्भ में प्रकाशन करना पश्चिम बंगाल राज्य का बाध्य कर्तव्य है। Id-uz-Zoha 01.08.2020 को मनाया जा रहा है।
प्रकाशन के माध्यम से 01.08.2020 तक किया जाना चाहिए।