पंचायत भवन न बनने से ग्रॉमवासी दु:खी

  पटवारी, सेक्रेटरी गलत रिपोर्ट लगाकर मुख्यमंत्री कार्यालय को गुमराह कर रहे हैं

 

 मड़ियाहूं, जौनपुर, उप्र। पंचायत भवन न बनने से ग्रॉमीण जन दु:खी है, पंचायत भवन बनवाने के लिए उप्र मुख्यमंत्री पोर्टल जनसुनवाई पर कई बार शिकायत भी ग्रॉम के समाजेसेवियों ने किया गया मगर परिणाम फिर वहीं ढॉंक के तीन पात। अभी विगत सप्ताह जौनपुर जिलाधिकारी महोदय से पंचायत भवन के लिए प्रार्थना पत्र  बरेठी के समाजसेवी व भाजपा नेता चंद्रशेखर सिंह ने दिया था जिसे जिलाधिकारी महोदय ने आईजीआरएस पोर्टल पर अग्रसारित कर दिया था जिसका अग्रसारित दिनांक : 22-06-2024  है जिसे नियत दिनांक : 22-07-2024  को तय किया गया है। जिलाधिकारी का उपरोक्त पत्र उप जिलाधिकारी मड़ियाहूं, जौनपुर, राजस्व एवं आपदा विभाग को मिल गया है जिसे शीघ्रताशीघ्र निस्तारित करने को कहा गया है।

     उपरोक्त समाजसेवी ने अपने पत्र में जिलाधिकारी को संबोधित करते हुए लिखा है कि माननीय मुख्यमंत्री जी के पोर्टल पर बहुत बार निवेदन किया गया है पंचायत भवन बनने के

लिए जैसा कि सरकार की मंशा भी है तीसरे साल बीत जाने के बाद भी नहीं बना? यह है हमारे गाँव बरेठी विकास खण्ड बरसठी जिला जौनपुर की ब्यवस्था पंचायत भवन निर्माण में जरा भी कोई दिलचस्पी नहीं ले रहा है।

     आगे जिलाधिकारी को लिखे पत्र में उन्होने गॉंव के प्रधान,  ग्राम पंचायत अधिकारी, लेखपाल व अन्य अधिकारियों को भी लपेटते हुए  लिखा है कि गाँव के प्रधान श्री उमाशंकर यादव हो या गाँव पंचायत अधिकारी श्री बिद्याधर यादव हो या लेखपाल अपील कुमार हो सभी साक्ष्य के साथ खण्ड विकास अधिकारी बरसठी जौनपुर में श्री राकेश मिश्रा जी वर्तमान खण्ड विकास अधिकारी श्री अभिनव सरोज जी को भी दिया गया लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं हो रही है।

 

:                                                                                             खण्ड विकास अधिकारी बरसठी, जौनपुर अभिनव सरोज
 

:                                                                             ग्राम पंचायत अधिकारी बिद्याधर यादव

:                                                                       हल्का लेखपाल अपील कुमार
 

    इतना ही नहीं भाजपा नेता चंद्रशेखर ने अपने पत्र में जिलाधिकारी को लिखा है कि बंजर भूमि पर कुछ दबंग कब्जा कर रहे हैं जिसे उन्होंने बताया कि वो चिह्नित आराजी संख्या 79 बंजर भूमि है जिसे सरकारी राजस्व अधिकारियों के सह से कब्जा किया जा रहा है, सरकार के जमीन पर सरकारी भवन क्यों नहीं बनाया जा रहा है सरकार के द्वारा संचालित सरकारी व्यवस्था जमीन पर नहीं कागज पर कब तक होता रहेगा? जांच अधिकारी के द्वारा गलत रिपोर्ट कब तक लगेगी क्या हमारे गाँव बरेठी बरसठी जौनपुर में सरकार की सारी योजना बाधित ही रहेगी?

    आगे जिलाधिकारी से प्रार्थना करते हुए कहा है कि जिलाधिकारी जौनपुर महोदय जी से करबद्ध निवेदन है कि सरकार के द्वारा संचालित ब्यवस्था जमीन पर उतरे और पंचायत भवन अतिशीघ्र हमारे गाँव में बने इसके लिए मै अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझते हुए आपसे निवेदन करते हैं और जब कोई आगे नहीं बढ़ेगा तो सरकारी ब्यवस्था ऐसे ही मनमानी चलेगी और सारे सरकारी धन का दुरूपयोग होता रहेगा? जनहित में नितांत जरूरी है और सरकारी जमीन पर दबंगई करने वाले के ऊपर भी कार्यवाही होनी चाहिए!

      समाजसेवी चंद्र शेखर सिंह का कहना है कि मैंने एक नहीं कई बार शिकायत किया हर बार गलत रिपोर्ट, भ्रामक रिपोर्ट और झूठ रिपोर्ट लगाकर उपर मुख्यमंत्री कार्यालय को पूरी तरह बरगला दिया जाता है।

:                                                                 समासेवी चन्द्र शेखर सिंह, बरेठी, बरसठी, जौनपुर
 

     भारत वार्ता से बात करते हुए चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि आगे उन्होंने कहा कि यदि आगे मेरी बात नहीं मानी जाती तो हम सबके पास सड़क पर उतरकर आंदोलन करने के सिवा और कोई रास्ता नहीं बचेगा। उनका कहना है कि मामला तो यहां अटक जाता है कि पटवारी रिश्वत लेकर गलत रिपोर्ट लगाकर उपर के अधिकारियों व मुख्यमंत्री कार्यालय को गुमराह करने में पूरी तरह दक्ष हैं, उनका कोई कुछ बिगाड़ ही नहीं पाता बहुत होता है तो तबादला। ऐसे में सरकार को एक ऐसा कठोर कानून लाना चाहिए जो भ्रष्ट अधिकारियों को कड़ी से कड़ी सजा दे, वर्ना जनता परेशान होती रहेगी और ये उपरोक्त भ्रष्ट अधिकारी किसी से डरेंगे नहीं और जनता परेशान होती रहेगी और अंत में जनता अपना सारा गुस्सा सत्तारूढ़ सरकार पर उतारती है।

     समाजसेवी सिंह के अनुसार  “पंचायत भवन न बनने व मुख्यमंत्री जी के पोर्टल पर अलग अलग ढंग से रिपोर्ट लगा कर मुख्यमंत्री कार्यालय को गुमराह करने में सेक्रेटरी बिद्याधर यादव की भूमिका अहम है“।
 

           (सभी तस्वीरें चंद्रशेखर सिंह द्वारा ह्वाट्सअप से साभार )
 

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भारत वार्ता ने कुछ साल पहले भी इस पंचाय भवन मुद्दे को उठाया था