राजीव कुमार/Rajeev Kumar
उत्तर प्रदेश में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बीसी सखी योजना चलाई जा रही है। इस योजना का शुभारंभ 22 मई, 2020 से मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ नें किया जिसका उद्देश्य उन्हें रोजगार देना, आत्मनिर्भर बनाना व पूरी तरह से प्रशिक्षित करना है। प्रदेश की महिलाओं को यह प्रशिक्षण रूरल सेल्फ एंप्लॉयमेंट इंस्टीट्यूट द्वारा महिलाओं को दिया जा रहा है। इस योजना के तहत ग्रामीण अंचल की महिलाओं को लोगों के घर पर जाकर बैंकिंग सेवाएं और पैसे का आदान-प्रदान करने वाली एक प्रणाली से जोड़ा जा रहा है जो पूरी तरह डिजिटल मोड में है यानी कार्य पूरी तरह आनलाइन हो रहा है।
समस्त ग्रामीण बंधुओं को यह जानना अत्यंत आवश्यक है कि बीसी सखी योजना 2021 के माध्यम से खेत-खलिहान के किसान बंधुओं को अब बैंक से जुड़े किसी भी काम के लिए बार-बार वहां का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। उपर्युक्त योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग करेस्पांडेंट सखी हर पल सेवा के लिए पूरी निष्ठा से तत्पर रहेगी जिससे किसान भाइयों को बैंक के काम करने में अत्यंत सुविधा रहेगी और बिना किसी दिक्कतों का सामना किये बिना ही वह अपना कम घर बैठे बहुत ही आसानी से करवा लेंगे।
और तो और, इस योजना से जुड़ने पर ग्रॉमीण महिलाओं को सरकार 6 महीने तक चार हज़ार रुपये दे रही है। और, साथ में बैंकिंग डिवाइस खरीदने के लिए अलग से 50 हज़ार अतिरिक्त दिया जा रहा है। वहीं, महिलाओं को इसके अलावा बैंक से भी लेन—देन पर अतिरिक्त देय (कमीशन) मिलेगा। यह यूपी बैंकिंग सखी योजना महिलाओं के लिए बेहद लाभकारी सिद्ध हो रही है क्योंकि इससे महिलाओं को रोजगार मिल रहा है जिससे वे आत्मनिर्भर हो रही हैं और उनकी आय एवं अतिरिक्त आय का एक स्रोत भी बन रहा है। लाभ की बात करें तो प्रधानमंत्री मोदी ने महिलाओं के खाते में गत दिसंबर, 2021 में 20,000 के निकट बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेन्ट सखी (BC Sakhi) के खाते में पहला मानेदय दे दिया है जिसमें सरकार ने 4000 रुपये स्थानांतरित किए। सरकार उपरोक्त लोगों को 6 महीने के लिए 4000 रुपये का मानदेय देती है साथ ही इनको अतिरिक्त राशि का भी लाभ मिलता है। बीसी सखी योजना से महिलाओं को पूरी तरह आत्मनिर्भर होने की कला सिखा ही रही है साथ में इस योजना से गॉंव के पुरूष वर्ग भी बहुत हर्षित हैं क्योंकि इस योजना से वो बैंको के चक्कर लगाकर जो समय बर्बाद होते थे, वे अब खेत—खलिहान से संबंधित कार्य करते हैं क्योंकि उनका कार्य घर बैठे ही हो जाता है।
बीसी सखी योजना के तहत महिला की नियुक्ति के बाद से ग्रामीण क्षेत्र में जनधन सेवाएं आरंभ हो जाती हैं। बैंकिंग सखी का एक और काम बेरोजगार, स्वरोजगार इच्छुक व्यक्तियों को ऋण दिलवाना भी है। जिसमें ऋण लेने के इच्छुक व्यक्तियों को ऋण के बारे में पूरी जानकारी दी जाती है और इसके बारे में उन्हें अच्छी तरह से समझाया भी जाता है व उसके हर तरह का संदेह को पलक झपकते दूर किया जाता है। इसके साथ, इसमें दिये गये ऋण की वसूली कराना भी इस कार्य में शामिल है। सार संक्षेप में इनके मुख्य कार्य की बात करें तो बीसी सखी का काम ग्रामीणों के बैंक खाते में धनराशि घर-घर जाकर जमा व निकासी करवाने का है, इनकी एक और जिम्मेदारी होगी कि ये लोगों के घरों में जाकर लोगों को बैंकिंग के प्रति पूरी तरह सजग करना भी है।
अब लोगों के मन में एक जिज्ञासा यह बनी है कि यूपी बैंक सखी योजना से लोगों व महिलाओं को क्या लाभ है? तो, सबसे पहले तो इसका लाभ यह है की प्रदेश की महिलाओं को रोजगार मिल रहा है। वे स्वयं पैसा कमा सकती हैं, वह अपने पैरों पर खड़ी होकर आत्मनिर्भर बन रही हैं। दूसरी बात यह कि, ग्रामीणों को बैंक तक जाने की झंझट समाप्त हो गई है। ग्रामीणों को समय बचत के साथ—साथ घर बैठे सारी जानकारी मिल जाती है। और तो और देश और प्रदेश में बेरोजगारी का स्तर न्यूनतम हो रहा है, महिलाओं को आगे बढ़कर स्वावलंबी बनने का पूरा मौका मिल रहा है।
विगत 21 दिसम्बर, 2021 महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम प्रयाग में हुआ जिसमें प्रधानमंत्री मोदी से मिलने के बाद शबाना परवीन ने कहा, देश के प्रधानमंत्री ऐसे हों तो देश के प्रगति को कोई नहीं रोक सकता। परवीन ने मोदी जी से बताया कि, “बैंक मेरे गांव से कम से कम आठ किमी दूर है जिसके कारण मेरे गॉंव के बुजुर्गों, महिलाओं और विकलांगों को बहुत ही कष्ट उठाने पड़ते थे जिसे देखकर मेरा मन व्यथित हो जाता लेकिन मैंने नवंबर में बैंक सखी के रूप में कार्य आरंभ किया तो गांव के बुजुर्गों, महिलाओं और विकलांगों को बैंक जाने की परेशानी से छुटकारा मिल गया। और, अब मैं इन लोगों के पैसे बैंक के साथ वित्तीय लेन—देन करके उनके घर सीधे भेजती हूं।”
प्रधानमंत्री मोदी जी को बताया गया कि परवीन कुल 55 लाख रुपये का लेन—देन कर अपने जिले की सर्वोच्च शिखर पर पहुंचने वाली बैंक सखी बन गई है। प्रधानमंत्री ने उनसे कहा, “आप बहुत ही अच्छा काम कर रही हैं, ऐसे ही काम करते रहो आगे अपनी प्रगति करती रहो।” परवीन ने बाद में कहा कि पीएम की इच्छा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की है और इस दिशा में तेजी से काम हो रहा है। उसने यह भी कहा कि, “अगर ऐसा नहीं होता, तो मुझे इतने बड़े कार्यक्रम में शामिल होने और सीधे प्रधानमंत्री से बात करने का मौका नहीं मिलता।”
इस यूपी बैंकिंग सखी योजना से जुड़ने के लिए महिलाओं की क्या योग्यता मांगी जी रही है, इसे जानना अत्यंत आवश्यक है। सर्वप्रथम, आवेदन के लिए महिला का उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए। आवेदिका दसवीं पास हो। इसके साथ ही महिला में बैंकिंग सेवाओं की समझ हो जिससे वह आसानी से इन सेवाओं को पूरी तरह आसानी से अपने मन—मष्तिष्क में उतार कर लोगों को उसका ज्ञान दे सके व इस पर काम करने में सहज अनुभव कर सके। और, महिला में पैसे का लेन—देन की समझ हो ही, साथ में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस संचालित करने में पूरी तरह माहिर हो।
आप BC सखी योजना 2021 ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं जिसमें आप गूगल सर्च व गूगल प्ले स्टोर की सहायता ले सकते हैं।