ट्राई की ‘राष्ट्रीय प्रसारण नीति-2024 तैयार करने की सूचनाओं’ के बारे में सिफारिशें…

    भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने आज ‘राष्ट्रीय प्रसारण नीति-2024 तैयार करने की सूचनाओं’ के बारे में सिफारिशें जारी की हैं।

    सूचना और प्रसारण मंत्रालय (एमआईबी) ने 13 जुलाई 2023 के अपने पत्र के माध्यम से ट्राई से राष्ट्रीय प्रसारण नीति तैयार करने के लिए ट्राई कानून, 1997 की धारा 11 के तहत अपनी सुविचारित जानकारियां प्रदान करने का अनुरोध किया है।

     पहले कदम के रूप में, ट्राई ने 21 सितम्‍बर 2023 को एक पूर्व-परामर्श पत्र जारी किया, ताकि राष्ट्रीय प्रसारण नीति के निर्माण के लिए जिन मुद्दों पर विचार किया जाना आवश्यक था, उन्हें सामने लाया जा सके। हितधारकों से प्राप्त टिप्पणियों और उनके साथ हुई चर्चा के आधार पर, ट्राई ने 2 अप्रैल 2024 को 'राष्ट्रीय प्रसारण नीति-2024 तैयार करने की जानकारियों’ के बारे में परामर्श पत्र जारी किया। परामर्श पत्र में फोकस क्षेत्रों की पहचान की गई और हितधारकों की टिप्पणियों के लिए 20 प्रश्न उठाए गए। ट्राई को सेवा प्रदाताओं, संगठनों, उद्योग संघों, उपभोक्ता वकालत समूहों और कुछ व्यक्तियों सहित 42 हितधारकों से टिप्पणियाँ प्राप्त हुईं।

     ओपन हाउस चर्चा (ओएचडी) 15 मई 2024 को आयोजित की गई थी। ओएचडी के बाद कुछ अतिरिक्त टिप्पणियां भी प्राप्त हुईं। टिप्पणियों, ओएचडी प्रस्तुतियाँ और अतिरिक्त टिप्पणियों का विश्लेषण किया गया है और सरकार के लिए सिफारिशें तैयार करते समय इन पर विधिवत विचार किया गया है।

     प्रसारण क्षेत्र एक उभरता हुआ क्षेत्र है जिसमें भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान करने की बहुत बड़ी क्षमता है। प्रसारण नीति तैयार करने के लिए प्राप्‍त जानकारियों के बारे में सिफारिशों में उभरती प्रौद्योगिकियों के युग में देश में प्रसारण क्षेत्र के नियोजित विकास और वृद्धि के लिए विजन, मिशन, लक्ष्य और रणनीति निर्धारित की गई है।

     नीति का उद्देश्य प्रसारण क्षेत्र में शामिल हितधारकों के हितों की रक्षा करते हुए, किफायती तरीके से उपभोक्ताओं को एक व्यापक और समृद्ध अनुभव प्रदान करने के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों को तेजी से अपनाकर क्षेत्र के विकास को आगे बढ़ाना है। इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रमुख हितधारकों अर्थात केन्‍द्र और राज्य सरकारों, स्थानीय सरकारों और एजेंसियों, टेलीविजन और रेडियो प्रसारकों, ओटीटी सेवा प्रदाताओं, सामग्री निर्माताओं, वितरकों, उपकरण निर्माताओं, शिक्षाविदों, शोध संस्थानों, स्टार्टअप सहित उद्योग और छोटे और मध्यम उद्यमों के बीच सहयोग की आवश्यकता है।

    प्राधिकरण ने राष्ट्रीय प्रसारण नीति-2024 के लिए निम्नलिखित विजन, मिशन और लक्ष्यों की सिफारिश की है।

विजन

     प्रसारण क्षेत्र के निरंतर विकास के लिए एक प्रतिस्पर्धी, किफायती और सर्वव्यापी इकोसिस्‍टम को बढ़ावा देना, उपभोक्ताओं की विविध आवश्यकताओं को पूरा करना जो गुणवत्तापूर्ण सामग्री निर्माण की सुविधा प्रदान करता है, लोकतांत्रिक मूल्यों और सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा देता है, समावेशिता और साक्षरता को सक्षम बनाता है, निवेश आकर्षित करता है, बौद्धिक संपदा की सुरक्षा करता है, लचीला स्वदेशी बुनियादी ढांचा विकसित करता है, उभरती प्रौद्योगिकियों को अपनाता है, रोजगार पैदा करता है और भारत की सॉफ्ट इमेज को मजबूत करने और वैश्विक स्तर पर ‘ब्रांड इंडिया’ की स्थिति बनाने के लिए नवाचार और सहयोग के माध्यम से सामाजिक-आर्थिक विकास को आगे बढ़ाता है।

मिशन

    भारत को विश्‍व बाजार में प्रसारण क्षेत्र में अग्रणी के रूप में स्थापित करने के लिए, यह नीति अगले 5 वर्ष में इस पर विशेष ध्यान देने के साथ 10 वर्षों के लिए व्यापक रोडमैप को लक्षित करने का इरादा रखती है। राष्ट्रीय प्रसारण नीति-2024, निम्नलिखित को प्राप्त करने की परिकल्पना करती है:

ए. विकास को बढ़ावा देना

• डेटा-संचालित शासन के माध्यम से विकासोन्मुख नीतियों और विनियमों को सक्षम करके एक मजबूत प्रसारण इकोसिस्‍टम की स्थापना करना।

• अनुसंधान एवं विकास, प्रौद्योगिकी नवाचार और स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देने वाले लचीले, अनुकूल और तकनीकी तौर पर दक्ष बुनियादी ढांचे के निर्माण का समर्थन करना।

• समान अवसर और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की सुविधा प्रदान करना; सभी तक प्रसारण सेवाओं की पहुँच को सक्षम करके व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देना और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना, भारत को टेलीविज़न चैनलों के लिए ‘अपलिंकिंग हब’ के रूप में स्थापित करना, निवेश आकर्षित करना, रोज़गार के अवसर पैदा करना और कौशल विकास को बढ़ावा देना।

बी. विषय वस्‍तु को बढ़ावा देना

• टेलीविजन, रेडियो और ओटीटी प्रसारण सेवाओं के लिए गुणवत्तापूर्ण विषय वस्‍तु तैयार करने और वितरण में सहयोग करना, उभरती प्रसारण प्रौद्योगिकियों की शक्ति का उपयोग करके स्थानीय और वैश्विक स्तर पर भारतीय सामग्री के प्रसार को प्रोत्साहित करना और भारत को ‘वैश्विक विषय वस्‍तु केन्‍द्र’ बनाना

• फिल्मों, एनीमेशन, दृश्य प्रभाव, गेमिंग, संगीत और अत्याधुनिक पोस्ट-प्रोडक्शन बुनियादी ढांचे के माध्यम से भारतीय विषय वस्‍तु के विकास को बढ़ावा देना और सुविधा प्रदान करना।

सी. हितों की रक्षा करना

• कॉपीराइट संरक्षण के माध्यम से पाइरेसी का मुकाबला करना और विषय वस्‍तु तैयार करने वालों तथा बौद्धिक संपदा धारकों के अधिकारों की रक्षा करना।

   • समाज के सभी वर्गों तक सूचना के प्रसार के लिए जागरूकता और सक्षम प्रावधानों को सुनिश्चित करके सामाजिक जिम्मेदारियों को पूरा करना; तथा हरित प्रसारण प्रथाओं और आपदा तैयारियों के माध्यम से पर्यावरणीय जिम्मेदारियों को पूरा करना।

लक्ष्य

ए. विकास को बढ़ावा देना: एक मजबूत प्रसारण इकोसिस्‍टम की स्थापना करना

क. डेटा-संचालित नीतिगत निर्णय लेने के लिए विभिन्न प्रमुख आर्थिक मापदंडों के आधार पर क्षेत्र के प्रदर्शन का मूल्‍यांकन करना।

ख. कवरेज से वंचित घरों तक टेलीविजन प्रसारण सेवाओं की पहुंच और पहुँच को सक्षम बनाना

ग. कवरेज से वंचित क्षेत्रों में रेडियो कवरेज को सक्षम बनाना

घ. प्रसारण क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देना और आईपीआर को सुरक्षित करना

इ. स्वदेशी प्रसारण प्रौद्योगिकियों और उपकरणों सहित नई प्रौद्योगिकियों के विनिर्माण और अपनाने को बढ़ावा देना

एफ. रोजगार सृजन, कार्यबल को नए युग के कौशल प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण और कौशल उन्नयन के माध्यम से बढ़ावा दिया जाएगा।

जी. नवाचार-आधारित स्टार्टअप को प्रोत्साहित करें और लघु और मध्यम उद्यमों को सशक्त बनाएं।

एच. आर्थिक विकास के लिए अनुकूल नीतियों और नियामक प्रथाओं को बढ़ावा दें।

आई. भारत को टेलीविजन चैनलों का ‘अपलिंकिंग हब’ बनाएं।

जे. पूरक प्रसारण तकनीक के रूप में डिजिटल स्थलीय प्रसारण का लाभ उठाएं।

के. प्रभावी दर्शक माप और रेटिंग प्रणाली स्थापित करें।

बी. विषय-वस्तु को बढ़ावा देना: वैश्विक स्तर पर भारतीय विषय-वस्तु की पहुंच को प्रोत्साहित करना

क. भारत को विषय वस्‍तु निर्माण केन्‍द्र के रूप में स्थापित करना

ख. सार्वजनिक सेवा प्रसारण को मजबूत करना

ग. डिजिटल रेडियो प्रसारण के माध्यम से विषय वस्‍तु का प्रसार सुगम बनाना

घ. ओटीटी प्रसारण सेवाओं के माध्यम से भारतीय विषय वस्‍तु के विकास और प्रसार में सहयोग करना

इ. फिल्मों, एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और संगीत के माध्यम से भारतीय विषय वस्‍तु तैयार करने में सहयोग करना

सी. हितों की रक्षा: विषय वस्‍तु तैयार करने वालों के अधिकारों की रक्षा करना और समाज के सामाजिक-पर्यावरणीय हितों की रक्षा के लिए प्रसारण सेवाओं का लाभ उठाना

क. कॉपीराइट सुरक्षा के माध्यम से विषय वस्‍तु सुरक्षा लागू करना

ख. सामाजिक और पर्यावरणीय जिम्मेदारियों का समाधान करना

ग. आपदाओं के दौरान प्रसारक की भूमिका को पहचानना

प्रत्येक लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, अनेक रणनीतियों की सिफारिश की गई है, जिनका विवरण ट्राई की वेबसाइट www.trai.gov.in. पर दी गई सिफारिशों में उपलब्ध है।