स्वामी त्रिदंडी जी महाराज के दिखाए मार्ग से होगी हिन्दू महासभा अखंड प्रचंड
अखिल भारत हिन्दू महासभा की गुटबाजी को समाप्त कर हिन्दू महासभा को अखंड प्रचंड करने में स्वामी त्रिदंडी जी महाराज की भूमिका महत्वपूर्ण सिद्ध हो सकती है । स्वामी त्रिदंडी जी ने बिना किसी लोभ स्वार्थ के अपने गुट का विसर्जन करते हुए 7 जनवरी 2019 को सुश्री राज्य श्री चौधरी को निर्वाचित घोषित करते हुए भारतीय निर्वाचन आयोग को जो पत्र सौंपा , वो उनकी ओर से एक सराहनीय पहल है । हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी की अध्यक्षता में एक फरवरी को नई दिल्ली में सम्पन्न राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में स्वामी त्रिदंडी जी के पत्र को सर्वसम्मत्ति से मान्यता प्रदान कर उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए महासभा का एक गुट समाप्त घोषित कर दिया । इतना ही नही , राष्ट्रीय कार्यसमिति ने स्वामी त्रिदंडी जी के इस प्रेरक कदम का सम्मान करते हुए उन्हें हिन्दू महासभा केंद्रीय मार्गदर्शन मंडल के अध्यक्ष पद से सम्मानित भी किया । यह उद्गार हिन्दू महासभा की राष्ट्रीय मंत्री श्रीमती सविता नायडू ने आज जारी बयान में व्यक्त किये ।
सविता नायडू ने कहा कि अन्य गुटों को भी स्वामी त्रिदंडी से प्रेरणा लेकर निस्वार्थ भाव से अपने अपने गुटों के विसर्जन करने का साहस दिखाना चाहिए । उन्होंने कहा कि हिन्दू महासभा का अध्यक्ष पद किसी की बपौती नही है कि जो एक बार बन गया , वो मरते दम तक इस पद पर बना रहेगा । हिन्दू महासभा संविधान में प्रत्येक कार्यकाल के बाद चुनाव की संवैधानिक व्यवस्था है । जो लोग 16 – 16 वर्ष से जबरन राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से चिपके बैठे हैं , उन्हें स्वामी त्रिदंडी जी महाराज से प्रेरणा लेकर हिन्दू महासभा एकीकरण में अपनी भूमिका से न्याय करना चाहिए ।
सविता नायडू ने कहा कि स्वामी त्रिदंडी जी महाराज के 7 जनवरी 2019 के पत्र के माध्यम से ही हिन्दू महासभा अखंड प्रचंड होगी ।