मुख्यमंत्री गहलोत का अपने विश्वस्त नेताओं के ज़रिए भ्रष्ट मंत्रियों और विधायकों को सख्त संदेश, कई परेशान!
जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस के कई मंत्रियों, विधायकों और नेताओ को उनका टिकट कटने का डर सता रहा है। पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की शुक्रवार को हुई पहली बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नीरज डांगी और रघुवीर मीणा जैसे अपने सबसे नजदीकी नेताओं के ज़रिए कई मंत्रियों, विधायकों और नेताओं को ऐसा सीधा संदेश दिया कि उनको अपने राजनीतिक भविष्य पर संकट नज़र आने लगा है। गहलोत ने इस बैठक में कांग्रेस नेताओं को बेहद सख्त संदेश दिया।
मुख्यमंत्री गहलोत आमतौर पर सीधे एवं सरल राजनीति के रूप में जाने जाते हैं और उनके सख्त स्वरूप को आमतौर पर किसी ने नहीं देखा। लेकिन राजनीति के मैदान में बड़े राजनेता अपने सबसे नजदीकी लोगों को ही अपनी ढाल, हथियार और ताकत के रूप में इस्तेमाल करते हैं। मुख्यमंत्री गहलोत ने भी यही किया। कांग्रेस की हाल ही में गठित पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की शुक्रवार को हुई पहली बैठक हुई, जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपने कुछ हार रहे मंत्रियों, भ्रष्ट नेताओं और कमजोर विधायकों को उनकी जगह दिखानी थी और हर हाल में कम से कम खुद की सीट जीतने का संदेश देना था। गहलोत ने इसके लिए हथियार के रूप में अपने सबसे करीबी सांसद नीरज डांगी और पूर्व सांसद रघुवीर मीणा को चुना। मुख्यमंत्री ने अपने इन दोनों सबसे करीबी नेताओं को कुछ ऐसा कहा कि गहलोत की बात सुनकर कुछ दागदार मंत्री, अक्षम नेता और कमाने वाले विधायक बेहद परेशान होकर अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर चिंतन करने को मजबूर हैं।
मुख्यमंत्री गहलोत ज़बरदस्त मेहनत कर रहे हैं और हर हाल में फिर से राजस्थान में कांग्रेस की सरकार लाना चाहते हैं, लेकिन उनकी सरकार के ही कई मंत्री और विधायक अपने आचरण की वजह से फिर से कांग्रेस की सत्ता के आने में मुसीबत बने हुए हैं। कांग्रेस पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक में मुख्यमंत्री गहलोत ने इसीलिए सांसद डांगी को सीधे सपाट शब्दों में जैसे ही तीखी बात कही तो अगले ही पल वे मंत्री और नेता सीधे समझ गए कि सांसद डांगी व पूर्व सांसद मीणा के जरिये किस – किस को सीधे सीधे क्या कहा जा रहा है। ज्ञात हो कि कई मंत्री, कुछ नेता और विधायक अपने आचरण से चुनाव तो हार ही रहे हैं, सरकार की छवि को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं, एवं अपने अक्षम रिश्तेदारों के जरिये स्वयं की राजनीति को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, उन सभी नेताओं को मुख्यमंत्री का यह सीधा संदेश था कि कम से कम एक सीट तो जीत लो। राजस्थान की राजनीति के जानकार इस तथ्य से वाकिफ हैं कि मुख्यमंत्री गहलोत अपनों के सहारे दूसरों को कड़क बात कहने के आदी हैं। क्योंकि गहलोत जानते हैं कि अपना तो अपना ही है, और उसे भी इस बात की समझ है ही कि कहा भले ही उसे जा रहा है, लेकिन संदेश सीधा किसी और को है। वैसे, मुख्यमंत्री गहलोत के लिए मारवाड़ के लिए सांसद नीरज डांगी एवं मेवाड़ में पूर्व सांसद रघुवीर मीणा सबसे विश्वसनीय नेता हैं, इसलिए गहलोत को अच्छी तरह आभास है कि दोनों के ज़रिए जो संदेश दिया गया है, उसका असर ज़बरदस्त रहेगा। मुख्यमंत्री ने अपनी सीट को जिताने की जिम्मेदारी लेने की बात कहकर मंत्रियों को अपने अपने चुनाव क्षेत्र में सीट जीतने का सख्त संदेश दे दिया है। अपने नजदीकी व्यक्तियों के जरिये बोझ बने मंत्रियों, नेताओं और विधायकों पर मुख्यमंत्री बरसे, तो उसके बाद कई विधायक और मंत्री बदल सकते हैं।