नई दिल्ली। गत 15/07/2022 को दिन के समय 12:30 के बीच में उच्चतम न्यायालय के डी—गेट से प्रवेश करते समय सुरक्षा में लगे हुए सुरक्षाकर्मियों ने महेश्वर आश्रम के संत व अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं बाबा नंद किशोर मिश्रा को न्यायालय परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया। उन्होंने जब कारण पूछा कि हमें क्यों प्रतिबंधित कर रहे हो तब राजकुमार नामक इंस्पेक्टर ने वायरलेस से संदेश के माध्यम से कहा कि साधू वेषधारी या राम नाम अंकित वस्त्रधारी को उपर से निर्देश है कि इनको अंदर से प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा।
बात यहीं समाप्त नहीं हुई अविलंब संत के अपमान से क्षुब्ध सुप्रीमकोर्ट बार एसोसिएशन के अधिवक्ता उपेन्द्र मिश्र ने सुरक्षाकर्मियों से पूछा कि किसके आदेश से बाबा जी को रोके हो तो उसने बताया कि राजकुमार जी हमारे अधिकारी हैं उनके आदेश से रोका। तत्पश्चात बार एसोसिएशन के सचिव अधिवक्ता राहुल कौशिक जी भी डी—गेट पर पहुंचे फिर डीसीपी सुरक्षा से पूछा कि क्या इस प्रकार का आदेश निर्गत हुआ है कि भारतीय वेश—भूषा में साधू, बाबा आदि लोगों को रोकने का आदेश है तो डीसीपी ने कहा, नहीं। तब जाकर नंद किशोर मिश्रा जी को अंदर प्रवेश मिला।
ज्ञात हो कि सुप्रीमकोर्ट में नंद किशोर मिश्रा अकबरावादी मस्जिद, शोएब इकबाल विधायक मटिया महल द्वारा अनिधिकृत रूप से बनाया, जिसके वे वादी हैं जिसका मैटर माननीय उच्चतम न्यायालय में लंबित है। इस तरह अपने अपमान से आहत हिन्दू महासभा के नेता नंद किशोर मिश्रा ने उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायधीश से 20 जुलाई, 2022 को शिकायत किया है।