भाजपा के दो कद्दावर नेताओं की ओर से दो बयान पूरे देश में सियासी पारा को बहुत तेज कर दिया है।
इसमें पश्चिम बंगाल के एक सुवेंदु अधिकारी का है, जिसमें उन्होंने कहा है कि सबका साथ सबका विकास बंद करना होगा और अब जिसका साथ उसका विकास होगा।
और वहीं, दूसरा बयान हेमंत बिस्वा सरमा का है, जिसमें उन्होंने कहा है कि असम में हिंदू आबादी घट रही है , ये उनके लिए जीने मरने का सवाल है। इस बयान से आप समझ सकते हैं कि इस भाजपा नेता व असम के मुख्यमंत्री को कितनी भयानक पीड़ा है अंदर।
अब तो ऐसा लग रहा है भाजपा अब फ्रंटफुट पर खेलने के मूड में दिख रही है। जिस नकली सेक्यूलरिज्म का विरोध करते हुए भाजपा सत्ता में आई थी भाजपा उस झूठी केचुली को उतार फेंकना चाह रही है, उपरोक्त बयानों से ऐसा ही लग रहा है।
अब तो लग रहा है भाजपा को आभास हो गया है कि उसका गलत ट्रैक है, इसलिए सुवेंदु और हिमंत बिस्वा ऐसे बयान दे रहे हैं, जिससे देश की राष्ट्रवादी जनता का भरपूर समर्थन मिल रहा है।
जनता ऐसे बयानों से क्या सोच रही है ?
राष्ट्रवादियों व सोशल मीडिया के नौजवानों से बातचीत कर यही लग रहा है कि अब भाजपा सही राह पर चल रही है। जब हिन्दुत्व आपकी विचारधारा है तो खुल कर खेलो इसमें तोपने-ढंकने वाली क्या बात?
भाजपा को कांग्रेस से सीखना होगा
अभी कुछ चीजें भाजपा को कांग्रेस से सीखना होगा, देखा जाए तो वो अपनी तुष्टीकरण नीति को कितना निडर होकर आगे बढ़ाती है वो भी ढोल बजाकर। कांग्रेस को किसी का डर भी नहीं है मगर अब भाजपा को आत्ममंथन करने का समय आ गया है कि वो जिस ट्रैक पर चल रहे हैं कहीं वो गलत तो नहीं है?