एक और घोटाला है केजरीवाल सरकार की डोर-स्टेप राशन डिलीवरी योजना
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद ने आज शुक्रवार को पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित किया और राशन की डोर-स्टेप डिलीवरी पर केजरीवाल सरकार के झूठ का पर्दाफाश करते हुए दिल्ली की ‘आम आदमी पार्टी’ सरकार से कई कड़े सवाल पूछे।
श्री प्रसाद ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल अब हर घर में राशन पहुंचाने की बात कर रहे हैं जबकि उनकी सरकार कोरोना से परेशानी के समय मरीजों को ऑक्सीजन तक नहीं पहुंचा सके थे। मोहल्ला क्लीनिक की बात हो रही थी, कितना बढ़ा-चढ़ा कर इसे पेश किया गया था लेकिन कोरोना के समय न तो इसके माध्यम से लोगों की कोई मदद हो सकी और न ही मरीजों को दवाई मिल सकी। केजरीवाल की तथाकथित ‘हर घर अन्न योजना’ भी एक जुमला है। दिल्ली सरकार इस समय पूरी तरह से राशन माफियाओं के नियंत्रण में आ चुकी है, वह राशन माफिया के हिसाब से काम कर रही है।
वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने गरीबों और मजदूरों की भलाई के लिए पूरे देश में ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ लागू किया। देश के 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने इस योजना को लागू किया। अभी तक इस पर 28 करोड़ पोर्टेबल ट्रांजेक्शन हुए हैं. देश में 86 फीसद राशन पॉस मशीन से ही दिया जा रहा जबकि कई प्रदेशों में 99 फीसद तक राशन इस प्रणाली से दिया जा रहा है। केवल तीन प्रदेशों दिल्ली, पश्चिम बंगाल और असम ने इसे लागू नहीं किया है। असम में तो आधार को लेकर कुछ तकनीकी समस्या थी, जिसके कारण यह योजना रुकी रही। देश में अगर 34 राज्यों ने अगर ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ योजना को लागू कर दिया तो अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में वन नेशन वन राशन कार्ड लागू क्यों नहीं किया? आखिर उन्हें परेशानी क्या है?
श्री प्रसाद ने कहा कि होम डिलीवरी देखने में तो बहुत अच्छी लगती है लेकिन इसके थोड़ा अंदर जाने पर इसमें स्कैम के कितने गोते लगेंगे, ये समझ में आ जाएगा। भारत सरकार सब्सिडी देकर प्रदेशों को राशन की दुकानों के माध्यम से बांटने के लिए अनाज देती है। इसके माध्यम से केंद्र सरकार देशभर में 2 रुपये किलो गेहूं और 3 रुपये किलो चावल की व्यवस्था कराती है जबकि चावल का खर्चा 37 रुपये प्रति किलो होता है और गेहूं का 27 रुपये प्रति किलो होता है। भारत सरकार सालाना करीब 2 लाख करोड़ रुपये इस पर खर्च करती है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत पिछले साल नवंबर तक देश के 80 करोड़ लोगों के लिए मुफ्त राशन की व्यवस्था की गई थी। इस वर्ष भी नवंबर तक देश के 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में तय मात्रा में अनाज उपलब्ध कराने का एलान किया गया है। दिल्ली सरकार ने जनवरी 2018 में पॉस का काम शुरू किया गया लेकिन चार महीनों में ही अप्रैल, 2018 में केजरीवाल सरकार ने इस योजना पर रोक लगा दी। हैरानी की बात है कि केवल चार महीने में ही लगभग चार लाख फर्जी राशन कार्ड पकड़े गए लेकिन केजरीवाल सरकार ने राशन माफियाओं के दबाव में पॉस ऑथेंटिकेशन की योजना पर रोक लगा दी। दिल्ली सरकार से जब इसका कारण पूछा गया तो जवाब मिला कि टेक्नोलॉजी काम नहीं करती है। जब कश्मीर से लेकर नागालैंड और हिमाचल व उत्तराखंड में इस तकनीक से राशन दिया जा रहा है तो फिर दिल्ली में इसमें क्या परेशानी है? अगर कोई दिक्कत थी तो केंद्रीय आईटी विभाग से संपर्क किया जा सकता था।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब राशन कार्ड के जरिये राशन दुकानों से लेते हैं तो विजिलेंस, इंसपेक्शन, सोशल ऑडिट – ये सब होता है। कितना राशन आया, कितना गया, इस सबका हिसाब देना होता है लेकिन जब राशन की डोर स्टेप डिलीवरी होती है तो राशन कहाँ जाएगा, कितना बीच से गायं हो जाएगा, इसका कोई हिसाब नहीं होता। भारत में कहीं भी ऐसी योजना नहीं चल रही है। आंध्र प्रदेश में राशन की होम डिलीवरी हो तो रही है लेकिन वहां भी राशन पॉस ऑथेंटिकेशन करने के बाद ही उठाया जाता है और राज्य सरकार द्वारा ट्रांसपोर्ट करके लाभार्थियों के घर तक पहुंचाया जाता है। हमारा एक ही उद्देश्य है कि लाभार्थियों तक ईमानदारी से अनाज पहुंचे।
श्री प्रसाद ने कहा कि दिल्ली सरकार ने इस बात की भी जानकारी नहीं दी है कि राशन वितरण में एससी एसटी को क्या प्राथमिकता दी है। दिल्ली सरकार से जब इस पर जवाब मांगा गया तो दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया कि डाटा उपल्ब्ध नहीं है।
वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि जब दिल्ली में फर्जी राशन कार्ड का घपला पकड़ाया तो पॉस ऑथेंटिकेशन रोक दिया गया। दिल्ल्ली की केजरीवाल सरकार गरीबों की चिंता नहीं करती, लाभार्थियों के पात्रता की चिंता नहीं करती। एससी-एसटी लाभार्थियों की चिंता नहीं करती। भारत सरकार के दिशा-निर्देशों की चिंता नहीं करती। इतना ही नहीं, उन्हें कानून की भी चिंता नहीं है। जब केजरीवाल सरकार का चाल-चलन, उद्देश्य और मंशा ही सही नहीं तो किस आधार पर वे कहना चाहते हैं कि घर-घर अनाज पहुंचाएंगे। केजरीवाल जी, आप डोर स्टेप डिलीवरी का हल्ला करके दिल्ली के गरीबों की आँखों में धूल झोंकना चाहते हैं। अनाज की खरीद की भारत सरकार ने, पैसा खर्च किया भारत सरकार ने, राज्यों को दिया भारत सरकार ने और अब जब कानून के मुताबिक़ अनाज को लाभार्थियों तक राज्य सरकार को सही तरीके से पहुंचाना है तो इसमें घपले की साजिश! अरविंद केजरीवाल जी, यदि आपकी डोर स्टेप डिलीवरी में इतनी ही रुचि है तो आप अलग से एक योजना बना कर केंद्र सरकार के पास पाइए, हम आपको उस योजना के लिए भी सस्ते में अनाज उपलब्ध करायेंगे। तीन साल में भारत सरकार ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार को कई चिट्ठियां लिखीं लेकिन दिल्ली सरकार गरीबों के लिए कुछ करना तो चाहती नहीं, उलटे वह पहले से चल रही योजना में भी बाधा उत्पन्न करना चाहती है ।
श्री प्रसाद ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार का बस एक ही रोना है। कोई भी विषय लो, उनका बस इतना ही कहना है कि भारत सरकार काम नहीं करने देती। मोहल्ला क्लीनिक की नाकामी पर जवाब नहीं देते, मेडिकल ऑक्सीजन को लेकर हल्ला मचाते हैं लेकिन उसका ऑडिट नहीं होने देते। वे कुछ करेंगे नहीं, बस टीवी पर बयान देंगे। मैं दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने विनम्रतापूर्वक आग्रह करना चाहता हूँ कि दिल्ली की गरीब जनता के अन्न की पीड़ा का सही समाधान निकलना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत सरकार 37,573 टन अनाज दिल्ली के 73 लाख लोगों को हर महीने भेजती है जिसकी सब्सिडी पर भारत सरकार करोड़ों रुपये खर्च करती है। दिल्ली सरकार द्वारा अनाज की डोर-स्टेप डिलीवरी की नई कहानी बस दिखावे के लिए लिखी जा रही है, इसका असल मकसद है स्कैम को प्रोमोट करना। दिल्ली की केजरीवाल सरकार के पास अपनी कोई योजना नहीं है। राशन माफिया की केजरीवाल सरकार पर इतनी मजबूत पकड़ है कि 4 लाख फेक राशन कार्ड पकड़े जाने पर अरविंद केजरीवाल को पॉस ऑथेंटिकेशन ही रद्द करना पड़ा।
श्री प्रसाद ने कहा कि मैं दिल्ली की केजरीवाल सरकार से कुछ प्रश्न पूछना चाहता हूँ:
• जब देश के 34 राज्य ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ योजना अडॉप्ट कर चुके हैं तो दिल्ली सरकार ने अब तक इसे लागू क्यों नहीं किया?
• दिल्ली सरकार ने चार महीने में चार फर्जी राशन कार्ड पकड़े जाने के बावजूद पॉस ऑथेंटिकेशन क्यों रोक दिया? केजरीवाल सरकार राशन कार्ड पर पॉस ऑथेंटिकेशन कब शुरू करेगी जो अप्रैल 2018 से बंद पड़ी हुई है?
• दिल्ली सरकार के पास गरीबों को अनाज देने के लिए कोई अलग योजना है क्या? यदि उनके पास ऐसी कोई योजना है तो उसे केंद्र सरकार के पास भेजा जाना चाहिए। केंद्र सरकार इसके लिए केजरीवाल सरकार को सस्ते में अनाज उपलब्ध कराएगी। अरविंद केजरीवाल जी, आप अपना कोई नया प्रस्ताव भेजेंगे या भारत सरकार गरीबों के लिए जो अनाज भेजती है, उसी पर खेल खेलेंगे?
केजरीवाल सरकार के पास एससी-एसटी राशन कार्ड लाभार्थियों का डाटा क्यों नहीं है? दिल्ली सरकार के पास इस बात का क्यों कोई जवाब नहीं है कि दिल्ली में एससी-एसटी लाभार्थियों के लिए क्या प्राथमिकता है?