प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कुशल और सफल नेतृत्व में गुजरात विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने लगातार सातवीं बार सरकार बनाई है। गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 में सातवीं बार सरकार बनाने के साथ ही भाजपा ने नए-नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। गुजरात में कांग्रेस के 1985 में विधानसभा की 182 सीटों में से 149 सीटें जीतने का रिकार्ड भाजपा ने इस बार 156 सीटें जीतकर पीछे छोड़ दिया। श्री नरेंद्र भाई मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने 2002 में गुजरात विधानसभा का चुनाव पहली बार लड़ा था। तब भाजपा ने 127 सीटें जीती थी। दस वर्ष बाद 2012 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भाजपा ने 47.8 प्रतिशत वोट हासिल किए थे। 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले गुजरात में विपक्षी दलों की साजिश पर पाटीदार, ओबीसी और दलित आंदोलन शुरु हुए थे। गुजरात के माहौल को बिगाड़ने की पूरी कोशिश की गई थी। विपक्षी दलों ने आंदोलनों का खुलकर समर्थन किया था। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की सीटें कम हुईं पर वोट 49.1 प्रतिशत मिले। 2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य की सभी 26 सीटों पर दूसरी बार भाजपा ने जीत हासिल की थी। इस बार के विधानसभा चुनाव में जनता ने भाजपा को 53 प्रतिशत वोट देते हुए कांग्रेस का राज्य के 33 जिलों में से 22 में पूरी तरह सफाया कर दिया है। राज्य की 55 शहरी सीटों में से भाजपा ने 52 और ग्रामीण 127 सीटों में से104 सीटें जीती हैं। कांग्रेस का ओबीसी, आदिवासी और मुस्लिम दांव जनता ने पूरी तरह नकार दिया। आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल मुफ्त का माल बांटने के लिए बैंड-बाजा लेकर घूमे थे। नतीजा बता रहे हैं कि 2017 में 41 प्रतिशत वोट लेने वाली कांग्रेस इस बार आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर भी इतने वोट नहीं ले पाई। कम मतदान के बावजूद भाजपा ने नरेंद्र मोदी के सपनों का गुजरात गढ़ने के लिए ऐतिहासिक निर्णय दिया है।
चुनाव में आम आदमी पार्टी के केजरीवाल मुफ्त बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, सरकारी नौकरी, बेरोजगारी भत्ता, पुरानी पेंशन योजना आदि लेकर गुजरातियों को लुभाने पहुंचे थे। केजरीवाल दिल्ली और पंजाब लोगों को लेकर गुजरात गए और रैलियां भी की। दिल्ली की जनता विधानसभा चुनाव में केजरीवाल के झांसे में फंस गई थी पर गुजराती बहुत समझदार होते हैं। भोजन में मीठे के शौकीन गुजराती बोलते भी बहुत मीठे हैं। समझदारी से व्यापार करने में दुनिया में उनका कोई मुकाबला नहीं है। व्यापार बहुत ठोक बजाकर करते हैं। कहते हैं कि गुजराती नाम, सयाना काम और चोखा दाम के दम पर गुजराती दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। दानदाताओं में सर्वश्रेष्ठ रहे गुजरातियों को झांसेबाज केजरीवाल की वास्तविकता पूरी तरह से पता थी। इसी कारण केजरीवाल के साथ कांग्रेस को भी निपटा दिया। गुजरात की जनता जानती है कि सकंल्प से सिद्धि तक पहुंचाने वाले सच्चे साधक नरेंद्र भाई ही गुजरात को विकास के पथ पर अग्रसरकर सकते हैं। नरेंद्र भाई के कारण ही आज भारत का दुनियाभर में डंका बज रहा है।
मोदीजी के नेतृत्व में युवा, महिलाएं, किसान, मजदूर सभी भाजपा का समर्थन कर रहे हैं। सबका साथ-सबका विकास की नीति के कारण गुजरात के मुस्लिम बहुल इलाकों में भाजपा ने विजय प्राप्त की है। कांग्रेस ने ओबीसी मुख्यमंत्री, आदिवासी उपमुख्यमंत्री बनाने के सपने दिखाए थे। अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए आरक्षित 40 सीटों में से 34 भाजपा ने जीती हैं। कांग्रेस के 44 और आप के 104 उम्मीदवारों की जमानत भी नहीं बची है।
गुजरात में भाजपा ने सातवीं बार सरकार बनाकर पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा के 1977 से लेकर 2006 तक सात बार सरकार बनाने के रिकार्ड को बराबर कर दिया है। पूरा देश जानता है कि कम्युनिस्टों ने बंगाल में हिंसा और आतंक के दम पर 34 साल राज किया। कांग्रेस ने केंद्र में अपनी सत्ता बचाने के लिए कम्युनिस्टों का पूरा साथ भी दिया। एक जमाने के उद्योगों के मामले में अव्वल बंगाल को पीछे छोड़ते हुए गुजरात अब सबसे आगे है। राजनीतिक विश्लेषकों, राजनीति के विद्यार्थियों के लिए गुजरात में भाजपा को ऐतिहासिक जनादेश कैसे मिला, इसका अध्ययन करने की जरूरत है। गुजरात की जनता केजरीवाल और कांग्रेस के झांसों में क्यों नहीं आई, यह भी अध्ययन का विषय है। गुजरात में अभूतपूर्व सफलता को लेकर मोदीजी को राजनीति का जादूगर बताया जा रहा है। मोदीजी के संकल्प, साधना और सिद्धि का मंत्र ही राजनीति में चमत्कार दिखाते हैं। मोदीजी सच्चे मन कर्म करने में विश्वास करते हैं। उनके कार्यों के कारण ही यह सफलता मिली है। मोदीजी ने विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद भाजपा मुख्यालय पर अपने संबोधन में कार्यकर्तांओं को चेताया भी है कि इतनी बड़ी सफलता के बाद विरोधियों के हमले भी बड़े होंगे। प्रधानमंत्रीजी ने कार्यकर्ताओं को विरोधियों के हमले सहन करते हुए सेवाभाव से जुड़े रहने का आह्वान किया है। भाजपा के सभी कार्यकर्ता मोदीजी के बताए रास्ते पर चलते हुए जनता की सेवा में जुटे रहेंगे और 2024 के लोकसभा चुनाव में उनके नेतृत्व में एक बार फिर नया कीर्तिमान स्थापित करेंगे।