‘विवाह अनंत’ : बड़ा हुआ तो क्या हुआ ?

     मीडिया के माध्यम से पूरे देश ने पिछले दिनों एक 'अनंत विवाह ' के आयोजन का 'लुत्फ़' उठाया। उद्योगपति मुकेश अंबानी के नूर-ए-नज़र अनंत अंबानी का अलग अलग आयोजनों के नाम से लंबे समय तक चला यह विवाह समारोह भारतीय इतिहास का अब तक का सबसे ख़र्चीला विवाह बताया जा रहा है। हमारे देश में जहाँ एक मध्यम या ग़रीब वर्ग का व्यक्ति भी अपने घर के विवाह समारोह को अपनी हैसियत के अनुसार भव्य बनाने का प्रयास करता है चाहे उसे इसके लिये क़र्ज़ ही क्यों न लेना पड़े। ऐसे में यदि विश्व के अमीरों की रैंकिंग में ऊँचा स्थान रखने वाला तथा भारत का सबसे अमीर उद्योगपति अपने बेटे की शादी को अति भव्य बनाने के लिये अपनी दौलत पानी की तरह बहा दे तो इसमें आश्चर्य किस बात का ? इससे पहले मुकेश अंबानी ने अपने बड़े बेटे आकाश अंबानी की शादी जोकि श्लोका मेहता के साथ हुई थी,में भी बहुत पैसे ख़र्च किये थे। अमेरिकी पॉप-रॉक बैंड मरून ५ ने इस शादी में अपना कार्यक्रम प्रस्तुत किया था। आकाश अंबानी की शादी के कुछ कार्यक्रम स्विट्जरलैंड में भी किए गए थे। परन्तु अनंत अंबानी की शादी के ख़र्च ने केवल भाई आकाश व बहन ईशा अंबानी की शादी के ख़र्च का ही रिकॉर्ड नहीं तोड़ा बल्कि भारत में अब तक हो चुकी सभी चर्चित व ख़र्चीली शादियों को भी पीछे छोड़ दिया। 

      भारत में अब तक हुई मंहगी शादियों में विशेषतयः मुकेश अंबानी की बेटी ईशा अंबानी की शादी आनंद पीरामल के साथ हुई थी जिसपर अनुमानतः औसत ख़र्च 100 मिलियन अमेरिकन डॉलर हुआ था। इसमें बियॉन्से के प्राइवेट कॉन्सर्ट से लेकर पहली सगाई की पार्टी तक इटली के लेक कोमो में हुई थी। संगीत पार्टी के लिए उदयपुर का महल बुक किया गया था और शादी एंटीलिया में हुई थी। इसी तरह 2016 में माइनिंग सरताज जनार्दन रेड्डी के बेटे राजीव रेड्डी व ब्राह्मणी की शादी जो नोटबंदी के फ़ौरन बाद हुई थी,वह भी चर्चा में रही थी । इसमें भी क़रीब 74 मिलियन अमेरिकी डॉलर ख़र्च हुये थे। इस शादी का कार्ड एलसीडी स्क्रीन के साथ था। शादी में ब्राह्मणी ने 89 करोड़ की ज्वेलरी के साथ 17 करोड़ की साड़ी भी पहनी थी। इसमें लगभग 50 हज़ार अतिथि आमंत्रित थे। इसी तरह स्टील किंग के नाम से विश्वविख्यात लक्ष्मी निवास मित्तल की भतीजी सृष्टि मित्तल की शादी गुलराज बहल से हुई थी जिसमें 70 मिलियन अमेरिकी डॉलर ख़र्च हुआ था। 2013 में हुई ये शादी स्पेन के बार्सिलोना में हुई थी। उसके बाद संजय हिंदुजा और अनु महंती के विवाह पर 150 करोड़ से ज़्यादा ख़र्च किया गया था। इस शादी में 16 अलग देशों के पकवान परोसे गए थे। यहां 16000 अतिथि आमंत्रित थे। इसके बाद लक्ष्मी निवास मित्तल की बेटी वनीशा मित्तल की शादी इनवेस्टमेंट बैंकर अमित भाटिया से हुई।  2004 में हुई इस शादी में 350 करोड़ रूपये ख़र्च हुये थे। वर्सैलिस फ्रांस में हुई इस शादी में शाहरुख़ ख़ान , सैफ़ अली ख़ान , जूही चावला, ऐश्वर्या राय, रानी मुखर्जी आदि सितारों ने शिरकत की थी और सभी परफ़ॉर्मेन्स फ़राह खान ने कोरियोग्राफ़ की थी।

     उपरोक्त सभी शादियां समय के साथ साथ आम लोगों के मस्तिष्क पटल से ओझल हो चुकी हैं। परन्तु कुछ शादियां ऐसी भी हुई हैं जिन्हें देश आज भी याद करता है। ऐसी ही एक शादी सहारा प्रमुख सुब्रतो रॉय ने  2004 में अपने दोनों बेटों सुशांतो रॉय और सीमांतो रॉय की एक साथ की थी। इसमें सहारा टाउनशिप लखनऊ को महलों की तरह सजा दिया गया था। 10 फ़रवरी 2004 को सीमांतो रॉय की शादी थी जबकि 14 फ़रवरी को सुशांतो रॉय की । इसमें प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई भी शरीक हुये थे और वे यहां 90 मिनट रुके थे। इस अवसर पर सोनिया गाँधी ,चंद्रशेखर,शरद पवार ,दिग्विजय सिंह,लालू व मुलायम यादव,लाल कृष्ण आडवाणी अमिताभ बच्चन,अमर सिंह सहित दस हज़ार पांच सौ मेहमान लखनऊ पधारे थे। इसके अतिरिक्त उद्योग जगत से गोदरेज ,राजन नंदा ,सुनील मित्तल ,खेतान, किरलोस्कर, स्वराज पाल, अनिल अम्बानी व  मीडिया के बड़े लोग मौजूद थे। 550 करोड़ रूपये ख़र्च होने वाली इस शादी का कार्यक्रम एक सप्ताह चला था। परन्तु देश की जनता के दिलों में जगह बनाने वाली इस शादी का सबसे बड़ा आकर्षण यह था कि इस विवाह कार्यक्रम में  डेढ़ लाख बेघर लोगों को शादी का व्यंजन खिलाया गया था। इतना ही नहीं बल्कि इसी अवसर पर 101 ग़रीब जोड़ों की शादी भी उसी विवाह मंडप में की गयी थी। और इन प्रत्येक जोड़ों को एक लाख एक रुपया उपहार स्वरूप भेंट किया गया था।

     परन्तु मुकेश अंबानी के नूर-ए-नज़र के इस ताज़ा तरीन 'अनंत विवाह' के 'विवाह अनंत' को तो देश की जनता ने कुछ अलग ही नज़रों से देखा। बेशक मंहगे से मंहगे विदेशी कार्यक्रम प्रस्तोता यहाँ आये ,अति मंहगे तोहफ़ों का लेनदेन हुआ, यहाँ भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर देश की राजनीति, उद्योग फ़िल्म व धर्म जगत की तमाम बड़ी हस्तियों ने शिरकत की। परन्तु देश की चिंता मुख्य रूप से इस बात को लेकर थी कि शादी के समय ही जिओ ने अपना रिचार्ज रेट लगभग 16 से 20 प्रतिशत तक बढ़ा दिया। देश को सन्देश यह गया कि शादी पर होने वाला ख़र्च जिओ ने अपना रिचार्ज रेट बढ़ाकर देश की जनता से वसूल किया है। सोशल मीडिया पर इसतरह के विचारों की बाढ़ सी आ गयी। और इसी शादी के दौरान व्यवसायिक रूप से सबसे बड़ा अशुभ तो यह रहा कि जिन दिनों 'विवाह अनंत' के विभिन्न आयोजन हो रहे थे उसी दौरान जिओ के लाखों उपभोक्ता अपने सिम को जिओ से बी एस एन एल में पोर्ट करवा रहे थे। यदि मुझ जैसी कोई सलाहकार इस 'विवाह अनंत' में होती तो कम से कम एक महीने के लिये जिओ कनेक्टिविटी अपने  लगभग 48 करोड़ उपभोक्ताओं को निःशुल्क उपलब्ध करवाकर करोड़ों ग़रीब उपभोक्ताओं की दुआयें भी दिलवाती और जिओ से बी एस एन एल में पोर्ट करवाने का जो सिलसिला शरू हो चुका है वह भी रुक जाता। दूसरे यह कि रिचार्ज रेट भी शादी के बाद बढ़ाने की सलाह देती। परन्तु फ़िलहाल जिसतरह अनंत विवाह के 'विवाह अनंत' के दौरान रिचार्ज रेट बढ़ाकर जनता से पैसे वसूले गये और हज़ारों करोड़ नाच गाने व समारोह के अन्य आयोजनों में अपनी शान शौकत दिखाने के लिये ख़र्च किये गये उसे देखकर तो जनता संत कबीर के उस दोहे को ही याद कर रही है जिसमें उन्होंने कहा था कि "बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर।  पंथी को भी छाया नहीं फल लागे अति दूर।