भ्रामक उत्तरों से मुख्यमंत्री कार्यालय को बरसठी का पूर्व थानाध्यक्ष राम सरीख (पीएनओ संख्या : 960600467) ने किया गुमराह
जौनपुर एसपी को बदनाम कर रहा बरसठी का पूर्व थानाध्यक्ष राम सरीख
जौनपुर (उप्र), आनलाइन डेस्क, भारत वार्ता। विगत 22 दिसंबर, 2021 मुख्यमंत्री को आनलाइन ग्रॉम-पोस्ट परियत की राजकुमारी पत्नी डॉक्टर रमाकांत गुप्त ने शिकायत किया था जिसकी शिकायत संख्या : 40019421071576 थी ज्ञात हो कि राजकुमारी जी का पड़ोसी सुरेश चंद्र गुप्ता पुत्र राजाराम उनकी अपनी चहारदिवारी में पूर्व की ओर दरवाजा नहीं डालने दे रहा था जिसके लिए उन्होंने पिछले मार्च 2021 के प्रथम सप्ताह में सिविल कोर्ट में अपील कर एक आर्डर लाया था कि उनके यानी राजकुमारी जी के कब्जे दखल में उनका पड़ोसी सुरेश चंद्र गुप्ता पुत्र राजाराम विधि विरूद्ध तरीके से हस्तक्षेप न करे और वे अपने कब्जे व दखल में कोई भी निर्माण कार्य करने को स्वतंत्र हैं।
(ग्रॉम परियत, जिला जौनपुर की बुजुर्ग राजकुमारी जी द्वारा लाया गया सिविल कोर्ट का आर्डर के मुख्य पेज का प्रथम छाया-चित्र )
इतना ही नहीं, एसपी कार्यालय व एडीजी कार्यालय के अधिकारियों के सलाह पर 29/10/2021 एसडीएम के नाम एक पत्र राजकुमारी जी ने दिया था उपरोक्त पत्र तहसील मड़ियाहूं से 01/11/2021 (पत्रांक संख्या : 1085) है, जिसमें दो पेज का एक शपथ पत्र डीएम के कहने से मड़ियाहूं के नायब तहसीलदार ने तैयार कराया था कि गेट का निर्माण कैसे होगा एक दिशा निर्देशन (गाइड लाइन), संलग्नक में सिविल कोर्ट का आर्डर भी संलग्न था तथा पत्र के उपर मड़ियाहूं तहसील के एसडीएम ने तत्कालीन थानाध्यक्ष राम सरीख (पीएनओ संख्या : 960600467) को लिखा था कि कानून का पालन कराया जाए। किंतु, उपरोक्त थानाध्यक्ष को कानून का पालन कराने को कौन कहे पूरी तरह से मुख्यमंत्री कार्यालय को बरगला दिया कि मुकदमा चल रहा है जबकि सच्चाई यह था कि भले ही मुकदमा चल रहा है और मामला विचाराधीन है, के रहते ग्रॉम परियत की निवासी राजकुमारी जी अपने कब्जे-दखल में कोई भी निर्माण कार्य करने को स्वतंत्र हैं।
29/10/2021 एसडीएम के नाम एक पत्र ग्राम परियत की राजकुमारी जी ने दिया था उपरोक्त पत्र तहसील मड़ियाहूं से 01/11/2021 (पत्रांक संख्या : 1085) है, तत्कालीन थानाध्यक्ष बरसठी राम सरीख (पीएनओ संख्या : 960600467) को दिया गया कि कानून का पालन कराएं किंतु उपरोक्त थानाध्यक्ष भूमाफिया से मिली-भगत के कारण उपरोक्त पत्र पर कुंडली मारे बैठा रहा, उपरोक्त पत्र का छाया-चित्र रेड हाइलाइटेड नीचे आप देख सकते हैं :
इतना ही नहीं 01-01-2022 को मड़ियाहूं, जौनपुर, उप्र के नायब तहसीलदार श्री संतोष सिंह जी ने भी लिखकर दिया कि माननीय SHO कृपया कोर्ट के आदेश का अनुपालन करें जिसे स्पीड पोस्ट से तत्कालीन बरसठी थानाध्यक्ष राम सरीख को स्पीड पाेस्ट से भेज दिया गया मगर भ्रष्टाचारी घिनौने थानाध्यक्ष के सिर पर एक जूं तक नहीं रेंगा नीेचे हाइलाइटेड भेजे गए पत्र की छाया-चित्र देख सकते हैं :
(एसडीएम ने कानून का पालन कराने को ऐसा लिखने व गाइड लाइन देने के बावजूद मुकदमा चल रहा है अपने कांस्टेबल से लिखवाकर मुख्यमंत्री कार्यालय को बरसठी का पूर्व थानाध्यक्ष राम सरीख (पीएनओ संख्या : 960600467) ने बरगला दिया )
अधिवक्ता कृष्ण मुरारी जायसवाल
उपरोक्त मामले पर प्रयागराज जिला न्यायालय के जाने-माने अधिवक्ता कृष्ण मुरारी जायसवाल का कहना है कि सिविल कोर्ट के आर्डर में सब कुछ आ गया चाहे राजकुमारी जी अपने कब्जे दखल में गेट निर्माण करें, नया दिवाल निर्माण करें या गृह निर्माण करें उन्हें रोकने का किसी को अधिकार नहीं है यदि कोई रोक रहा है तो वो सिविल कोर्ट के विरूद्ध कार्य कर रहा है जिसके लिए उसके विरूद्ध कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट का मुकदमा भी चल सकता है।
आरटीआई के उत्तर देने में भी धोखाधड़ी करते पकड़ा गया बरसठी का पूर्व थानाध्यक्ष राम सरीख (पीएनओ संख्या : 960600467)
और, जब परियत ग्राम की राजकुमारी जी के बेटे राजीव कुमार ने आरटीआई लगाकर एसपी कार्यालय से पूछा गया वो आरटीआई बरसठी के उस समय रहे थानाध्यक्ष राम सरीख के पास भेज दिया, कई प्रश्न पूछा गया किंतु कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर भ्रष्ट, फ्राड थानाध्यक्ष ने क्या दिया उसकी बानगी देखें :
(एसपी कार्यालय जौनपुर में लगाया गया पत्रकार राजीव कुमार द्वारा आरटीआई )
प्रश्न संख्या 3. में जनसूचना अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत हमें सूचना दिया जाए कि 29/10/2021 एसडीएम के नाम एक पत्र मेरी मॉं राजकुमारी जी ने दिया था उक्त पत्र आपके यहां से 01/11/2021 (पत्रांक संख्या:1085) है, जिसमें दो पेज का एक शपथ पत्र, संलग्नक में सिविल कोर्ट का आर्डर भी संलग्न था तथा पत्र के उपर मड़ियाहूं तहसील के एसडीएम ने थानाध्यक्ष को लिखा था कि कानून का पालन कराया जाए, अभी तक बरसठी थानाध्यक्ष ने कानून का पालन क्यों नहीं कराया, सत्यापित प्रतिलिपियों सहित जानकारी दी जाए ?
उत्तर में बरसठी थानाध्यक्ष राम सरीख (पीएनओ संख्या : 960600467) लिखा है : रिपोर्ट संलग्न है (जबकि कोई रिपोर्ट संलग्न नहीं था)।
प्रश्न संख्या 4. में कि : दिनांक: 01/01/2022 को पुन: एसडीएम के नाम का एक पत्र दिया गया जिस पर मड़ियाहूं तहसील के नायब तहसीलदार (सक्षम मजिस्ट्रेट) ने एसएचओ बरसठी को माननीय न्यायालय के आदेश को पालन सुनिश्चित करने को कहा, जिसे स्पीड पोस्ट से उपरोक्त दिनांक को एसएचओ बरसठी को भेज दिया गया, उक्त पत्र पर बरसठी थानाध्यक्ष ने अभी तक क्या किया है, सत्यापित प्रतिलिपियों सहित जानकारी दी जाए ?
उत्तर में बरसठी थानाध्यक्ष राम सरीख (पीएनओ संख्या : 960600467) लिखा है : रिपोर्ट संलग्न है (जबकि कोई रिपोर्ट संलग्न नहीं था)।
प्रश्न संख्या 6. में कि : कांस्टेबल हरीश कुमार ने शिकायत संख्या : (40019421071576) में जो अपनी रिपोर्ट लगाई है उस पत्र के हिसाब से सही है, सत्यापित प्रतिलिपियों सहित जानकारी दी जाए ?
आरटीआई के उत्तर में बरसठी के पूर्व थानाध्यक्ष राम सरीख (पीएनओ संख्या : 960600467) ने लिखा है : रिपोर्ट संलग्न है (जबकि कोई रिपोर्ट संलग्न नहीं था)
जिसका यही मतलब निकलता है कि उपरोक्त थानेदार न अपने कर्तव्य का ठीक से पालन नहीं किया है और कर्तव्य पालन न करने का ऐसे थानेदारों को न काई शर्म होगा और न ही डर क्योंकि उपर वाले अधिकारियों का आपके सर पर हाथ हैं फिर किस बात का डरना।
(बरसठी के पूर्व थानाध्यक्ष द्वारा धोखाधड़ी से भरा आरटीआई का उत्तर जो कि जौनपुर के एसपी अजय साहनी को गलत उत्तर से बदनाम कर रहा है)
एक प्रकार से पूर्व बरसठी थानाध्यक्ष राम सरीख (पीएनओ संख्या : 960600467) आरटीआई के उत्तर देने में धोखाधड़ी किया क्योंकि एसडीएम मड़ियाहूं ने उसे कानून का पालन कराने को लिखा, नायब तहसीलदार ने कानून का पालन कराने को लिखा किंतु उसने अपने कर्तव्य का पालन न करके भूमफिया सुरेश चंद्र गुप्ता पुत्र राजाराम का साथ दिया, किस कारण से?
कारण ये कि पर्दे के पीछे पूर्व थानाध्यक्ष राम सरीख व भूमाफिया सुरेश चंद्र गुप्ता में गहरी सेटिंग। अब क्या सेटिंग थी, क्या लेन-देन था, कितना लेन-देन था, ये गहन जांच का विषय है???
क्योंकि उपरोक्त मामले में जौनपुर के डीएम स्वयं चाहते थे कि मामला हल हो जाए, यहां तक कि डीएम के निर्देशन में मड़ियाहूं तहसील के नायब तहसीलदार ने गाइड लाइन तैयार किया था कि गेट कैसे बनेगा और गेट बनाते समय गाइड लाइन का उल्लंघन नहीं होगा ये सब एक शपथ-पत्र राजकुमारी जी के बेटे सुधीर कुमार से लिखवाकर लिया था जिसे तत्कालीन बरसठी थानाध्यक्ष को भेज दिया गया था मगर जब आरटीआई में पूछा गया कि एसडीएम ने जो आदेश दिया था उस पर क्या किया तो कोई उत्तर नहीं दे पाए लिखा कि रिपोर्ट संलग्न है जबकि कोई रिपोर्ट संलग्न नहीं था इस प्रकार उपरोक्त थानाध्यक्ष राम सरीख की फ्राडगिरी, चारसौबीसी पकड़ ली गई। मड़ियाहूं तहसील के नायब तहसील दार द्वारा शपथ पत्र के रूप में गाइड लाइन का छाया-चित्र नीचे देखें :
(जौनपुर, उप्र डीएम के निर्देशन में मड़ियाहूं के नायब तहसीलदार ने गाइड लाइन पालन कराने के लिए राजकुमारी जी के बेटे सुधीर कुमार से शपथ पत्र भरवाकर लिया था का छाया-चित्र फाइल)
वैसे देखा जाए तो राम सरीख थानाध्यक्ष अपने कर्तव्यों को पालन करने में एक नाकामयाब थानाध्यक्ष हैं, इनका पिछला रिकॉर्ड देखकर इन्हें इस पद पर बैठाना ही नहीं चाहिए था किंतु इनके गलत कार्यों से जनता बहुत दु:खी है किंतु उपरोक्त थानाध्यक्ष पर कोई अंतर नहीं पड़ता उसे मात्र अपनी जेबें भरी चाहिए जनता जाए भाड़ में।
वर्तमान पुलिस अधीक्षक जौनपुर के स्वच्छ छवि पूर्व थानाध्यक्ष राम सरीख धूमिल कर रहा है
08-03-2021 को ग्रॉम-पोस्ट परियत की राजकुमारी पत्नी डॉक्टर रमाकांत ने मुख्यमंत्री को शिकायत किया था कि जिसकी शिकायत संख्या: 40019421012057 थी जिसमें वे अपने चहारदिवारी में गेट लगाना चाहती थी मगर विपक्षी सुरेश चंद्र गुप्ता पुत्र राजाराम का पूरा परिवार हिंसात्मक रवैये के कारण लगा न सकी और तत्कालीन थानाध्यक्ष, बरसठी श्याम दास एकदम फ्रॉड रिपोर्ट लगाया और उस शिकायत वॉल पर पुलिस अधीक्षक जौनपुर ने मामले को संतोषजनक में परिवर्तित कर दिया मतलब मामला निस्तारित हो गया, कम से कम पुलिस अधीक्षक का मान रखने के लिए मामला को तत्कालीन थानाध्यक्ष राम सरीख (पीएनओ संख्या : 960600467) को निस्तारित करने को कौन कहे भ्रामक, बरगलाने वाली रिपोर्ट लगाकर बरसठी पुलिस इतिश्री कर लेती है। वैसे वही चारसौबीसी, फ्राडगिरी इतनी इतना घटियापन बरसठी पुलिस लाती कहां से है, समझ से परे है। और, भ्रष्टाचारी बरसठी का पूर्व थानाध्यक्ष श्यामदास (पीएनओ संख्या : 943010018) , रामसरीख जैसे थानाध्यक्ष के घिनौने काम को देख के इन्हें आजीवन छुट्टी पर भेज देना चाहिए जिससे जनता चैन से सांस ले सके।
बरसठी का पूर्व थानाध्यक्ष राम सरीख, श्याम दास वर्मा (पीएनओ संख्या : 943010018) के विरूद्ध कोई पत्रकार यदि लिखता है तो फोन कर धमकी देने लगता है, तमाम षडयंत्र रचने लगते हैं और बाद में शिकायत होने पर उपरोक्त थानाघ्यक्ष राम सरीख कहने लगते हैं कि हमें ट्विटर पर भ्रष्ट बोल रहे थे इसलिए मैं धमका नहीं मात्र पूछ रहा था कि मुझे क्यों भ्रष्ट बोल रहे हो, लेकिन उपरोक्त थानाध्यक्ष में सारे भ्रष्टाचार, पत्रकार लोग को धमकाने, डराने जैसे विभत्स दुर्गुण कूट-कूट कर भरे हैं।
जौनपुर के एसपी राजकुमारी के शिकायत पर मामले को संतोषजनक बतला चुके हैं मतलब मामला निस्तारित हो चुका है जबकि मामला जैसे का तैसे पड़ा है, ये बरसठी थानाध्यक्षों का भ्रष्टाचार नहीं तो क्या है? क्योंकि इनके रिपोर्ट के विश्वास पर जौनपुर एसपी ने मामले को संतोषजनक बताया जबकि ये बरसठी थाना के पूर्व भ्रष्ट थानाध्यक्ष जौनपुर पुलिस अधीक्षक को गलत रिपोर्ट से चकमा दे देते हैं, और पुलिस अधीक्षक महोदय अविलंब समझ ही नहीं पाते कि ये रिपोर्ट कितना और किस हद तक गलत है?