एक लाख से भी ज्यादा लोग शामिल हुए रथयात्रा में
फडणवीस ने अद्भुत बताया, तो लोढ़ा ने आयोजकों की सेवा भावना को सराहा
मुंबई। पर्युषण महापर्व निमित्त आयोजित विराट रथयात्रा में उम्मीद से ज्यादा जैन समाज के करीब एक लाख से भी ज्यादा लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करके जबरदस्त सामाजिक एकता का प्रदर्शन किया। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एवं पर्यटन मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने भी साधु भगवंतों की उपस्थिति में इस रथयात्रा में शामिल होकर आयोजन को अद्भुत बताया। दक्षिण मुंबई की सड़कों पर रविवार को हर तरफ जैन धर्म की जय जयकार की पताकाएँ फहरा रही थी, तो रंग बिरंगे परिधानों में स्त्री, पुरुष इस धर्मयात्रा में शामिल अनगिनत साधु – साध्वियों के नेतृत्व में जैन धर्म की जय जयकार कर रहे थे। श्री मुंबई जैन संघ संगठन के जैन एकता के इस ऐतिहासिक आयोजन की सफलता के लिए वीरेन्द्रभाई शाह, राकेशभाई शाह, नितिनभाई वोरा, आशीषभाई शाह एवं मुकेशभाई जैन की मेहनत रंग लाई। सीपी टैंक से शुरू हुई यह भव्य एवं विराट रथयात्रा अगस्त क्रांति मैदान पर विशाल धर्मसभा में परिवर्तित हुई, जहां साधु संतों के प्रवचनों के साथ इसका समापन हुआ।
तीन हजार तपस्वी, 200 जैन संघों के पदाधिकारी, परंपरागत वेशभूषा में सजे हजारों श्रावक – श्राविकाएं, अनेक रथ, कई बैंड, सैकड़ों धार्मिक झांकियां, 50 फीट ऊंची शासन ध्वजा, 24 तीर्थंकरों की प्रतिकृतियाँ, एवं 108 महिला मंडलों की श्राविकाएं, 21 मीटर की जिनशासन पताका, रथयात्रा के मार्ग में जगह जगह आकाश मार्ग से हो रही पुष्प वर्षा, अनगिनत रंगोलियों से सजी सड़कें तथा जगह जगह इस धर्म यात्रा का स्वागत इस विराट आयोजन के आकर्षण को अधिक अद्भुत बना रहे थे। दक्षिण मुंबई की सड़कों पर जैन समाज की एकता के इस विराट प्रदर्शन का नजारा जिस किसी ने भी देखा, वह उसे कभी नहीं भूल सकता। उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने रथयात्रा का स्वागत करते हुए कहा कि जैन समाज की एकता और धार्मिक परंपरा का यह अदभुत दृश्य वे जीवन में कभी नहीं भूलेंगे। पर्यटन मंत्री लोढ़ा ने इस ऐतिहासिक आयोजन की सफलता के लिए श्री मुंबई जैन संघ संगठन के वीरेन्द्रभाई शाह, राकेशभाई शाह, नितिनभाई वोरा, आशीषभाई शाह एवं मुकेश जैन को बधाई दी है। इस रथ यात्रा में जैन समाज के कई सीए, अधिवक्ता, इंजीनियर, डॉक्टर, बैंकर्स सहित विभिन्न प्रोफेशनल क्षेत्रों के प्रमुख लोग भी शामिल हुए।
रथयात्रा में उम्मीद से दुगनी संख्या में जैन समाज के चारों समुदायों के लोगों ने शामिल होकर अपनी अटूट सामाजिक एकता का प्रदर्शन किया। श्री मुंबई जैन संघ संगठन के वीरेन्द्रभाई शाह ने इस रथयात्रा में उपस्थिति हेतु दक्षिण मुंबई मे विराजमान सभी साधु भगवंतों व साध्वीजी के प्रति विनम्र भाव से कृतज्ञता व्यक्त की है। राकेशभाई शाह एवं आशीषभाई शाह ने जैन एकता के इस ऐतिहासिक आयोजन में सहभागी सभी जैन संघों, महिला मंडलों, युवक मंडलों, सामाजिक व सांस्कृतिक संस्थाओं, धार्मिक ट्रस्टों, पाठशालाओं का आभार जताया है। नितिनभाई वोरा एवं मुकेश जैन ने विश्वास व्यक्त किया है कि जैन समाज की यशोगाथा के रूप में दर्ज यह रथयात्रा जिनशासन की एकता के इतिहास में गरिमापूर्ण समरसता का नया अध्याय लिखने में सफल रही है। मुंबई में इससे पहले इतनी भव्य और विशाल रथयात्रा इससे पहले कभी किसी ने नहीं देखी। मुंबई महानगर के हजारों जैन संघों से लोग इस रथयात्रा में सहभागी होने के लिए पहुंचे थे। इस ऐतिहासिक आयोजन की सफलता के लिए लोगों ने आयोजक मंडल को बधाई दी है।
रथयात्रा में लोगों का उत्साह तथा उमंग देखने लायक था। शासन ध्वज लेकर चलते 1008 नवयुवक, 64 इंद्र, 24 यक्ष, 24 यक्षिणी, 16 विद्यादेवी, 56 दिग्कुमारीकाएं, नृत्य मंडलिया आदि जैन समाज की गौरवशाली रथयात्रा के प्रमुख आकर्षण थे। दक्षिण मुंबई में सीपी टैंक से शुरू होकर वीपी रोड़, प्रार्थना समाज, ओपेरा हाउस, सुखसागर, ह्युजेस रोड़, गामदेवी, नाना चौक होते हुए निकली यह धर्म यात्रा इतनी लंबी थी कि रथयात्रा का पहला रथ जब अगस्त क्रांति मार्ग पहुंच चुका था, तो भी अंतिम सिरा सीपी टैंक पर अपनी रवानगी की प्रतीक्षा में था। अगस्त क्रांति मैदान में आयोजित धर्म सभा में सैकड़ों साधु संत, साध्वीजी एवं हजारों धर्मप्रेमी श्रावक – श्राविकाएं उपस्थित थे। श्री मुंबई जैन संघ संगठन की इस रथयात्रा से पहले मुंबई के धार्मिक इतिहास में इतना विशाल अनुशासनबद्ध आयोजन इससे पहले कई सालों में लोगों ने नहीं देखा।