प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की की छवि तीन साल में गरीबों के मसीहा के तौर पर लोगों के बीच छा गई है। देश का ऐसा कोई कोना नहीं हैं, जहां मोदीजी जाते हो और लोग मोदी-मोदी के नारे न लगाते हों। मोदीजी की एक छवि पाने के लिए लोग घंटों इंतजार करते रहते हैं। मोदीजी की लोगों से मिलने और संवाद करने के तरीके से भी लोग उनके कायल हो जाते हैं। उनकी गरीबों के मसीहा की छवि अचानक नहीं बनी है। इसके पीछे है उनकी मेहनत और सबका साथ-सबका विकास की भावना से ओतप्रोत योजनाओं को अमली जाना पहना कर गरीबों तक पहुंचाना। देश की जनता हैरान है कि केंद्र में पहली बार कोई ऐसी सरकार बनी है, जिस पर तीन साल के दौरान कोई दाग नहीं लगा पाया। पहले भी नेताओं ने सत्ता हथियाने के लिए गरीबी हटाओ के नारे जरूर लगाए पर कोई गरीबों का भला नहीं कर पाया। हमारे लोकप्रिय प्रधानमंत्री की यह सोच कि आज केवल रोटी, कपड़ा और मकान से ही गरीबों का जीवन सुचारू रूप से नहीं चल सकता है। लोगों की रोटी, कपड़ा और मकान के अलावा भी कुछ और जरूरतें हैं। प्रधानमंत्री ने गरीबों के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले, गरीबों को सस्ता और अच्छा इलाज मिले, गरीब महिलाओं की धुएं से आंखें खराब न हो, गरीबों को परिवहन के उत्तम और सुलभ साधन मिले। गरीबों को घर से बाहर शौच करने से मुक्ति मिले। ऐसी तमाम उपलब्धियां हैं, जिनके कारण आज मोदीजी गरीबों क मसीहा के तौर पर लोगों की उम्मीद बन गए हैं।
देश को विकास के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ाने के लिए हमारे लोकप्रिय प्रधानमंत्री लगातार काम करते रहते हैं। पिछले तीन सालों में ऐसा कोई सप्ताह नहीं गया, जब कोई नई योजना शुरु न की गई हो। योजना शुरु करने के साथ ही निचले स्तर तक क्रियान्वन कराना और पूरी निगरानी रखना ही उनकी सुशासन की नीति का हिस्सा है। मोदी सरकार के तीन सालों की उपलब्धियों का उल्लेख एक लेख में कराना बहुत मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले 2.20करोड़ से ज्यादा परिवारों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन दिए गए हैं। प्रधानमंत्री मोदीजी ने उज्जवला योजना का उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में पिछले साल एक मई को शुभारम्भ किया था। लक्ष्य से ज्यादा कनेक्शन एक साल में गरीबों को दिए गए। इतनी बड़ी योजना को लेकर कोई सवाल भी नहीं उठा। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान तमाम स्थानों पर मुसलमान भाइयो और बहनों ने योजना की तारीफ करते हुए भाजपा को समर्थन दिया। पिछडों, दलितों और मुसलमानों को जहां पहले भाजपा का विरोधी बताया जाता था,वहीं सबने मोदीजी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का समर्थन किया। इस योजना से गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की बहनों और माताओं को धुएं से निजात मिली है। इस योजना के तहत सरकार का लक्ष्य तीन साल में पांच करोड़ गरीब लोगों को मुफ्त एलपीजी सिलेंडर देना है।
मोदीजी ने भारत के गरीबों को आर्थिक तौर पर सक्षम बनाने का बीड़ा उठाया है। सभी गरीबों के लिए मकान मुहैया कराने के लिए मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 96,266 करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी दी थी। आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय ने देशभर के 2,151 शहरों और कस्बों में आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लिए 18.75 लाख आवासों के निर्माण की योजना बनायी है। यह योजना जून 2015में शुरू की गई थी। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत केंद्र सरकार ने शहरी गरीबों के लिए एक लाख और आवासों के निर्माण की मंजूरी दी है। इस पर 4,200 करोड़ रुपये निवेश होगा।प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत 6 लाख रुपये से 18 लाख रुपये सालाना तक कमाने वाले लोग पहला घर खरीदने पर होम लोन ब्याज में सब्सिडी दी जा रही है। 12 लाख रुपये तक कमाने वालों को नौ लाख रुपये तक के होम लोन पर चार प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी जबकि 18 लाख रुपये तक कमाने वालों को 12 लाख रुपये तक के होम लोन पर तीन फीसदी की सब्सिडी दी जाएगी।मोदी सरकार ने देश के सभी लोगों को 2022 तक मकान दिलाने का लक्ष्य तय किया है। इस योजना को लागू करने के लिए बड़े पैमाने पर कार्य चल रहा है।
पिछले साल नवंबर में काले धन के खिलाफ छेड़े गए नोट बदली अभियान का सबसे ज्यादा फायदा गरीबों को मिला है। अघोषित आय की घोषणा के तहत जमा धन गरीबों के कल्याण पर खर्च किया जा रहा है। काले धन के खिलाफ अभियान को कई राजनीतिक दलों ने गरीबों के खिलाफ बताया था। नोट बदली के कारण सबसे ज्यादा गरीब ही खुश थे। गरीबों के ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं दिलवाने के लिए धन खर्च किया जा रहा है।
आधार योजना’ के तहत केन्द्र सरकार ने ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के सभी नागरिकों को आधार से जोड़ कर भ्रष्टाचार व बिचौलियों को खत्म करने का प्रयास किया। जिसके फलस्वरूप सरकार की योजनाओं का सभी को लाभ मिल सके। सरकार के इसी प्रयास से करीब 49,560 रु करोड़ की राशि, खाता धारकों तक सीधे पहुंच चुकी हैं। आजादी के बाद पहली बार किसी सरकार ने गंभीरता से गरीबी उन्मूलन पर काम किया है। आजादी के बाद पहली पर घर-घर तक पहुंचाई गई बैंकिंग सेवा, जनधन योजना के तहत खोले गए 28 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले गए हैं।डि़जिटल इंडिया’ अभियान के तहत ‘भीम एप’ को 2 करो़ड़ से भी अधिक लोगों ने डाउनलोड किया। सरकार की इस पहल ने देश के नागरिकों को कैशलेस तरफ आगे बढ़ने के लिए तैयार किया है। मोदी सरकार गरीबों की सेहत दुरुस्त रखने की भी पूरे इंतजाम किए हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति2017 में अब उपचार और स्थिति की जानकारी रोगियों तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। सभी राज्यों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के प्रबंध किए गए हैं।
मोदी सरकार ने कोई गरीब बीमार पड़ने पर दवा के लिए मोहजात न रहे, इसके लिए कई इंतजाम किए हैं। इसमें हृदय रोग, संक्रमण, कैंसर, बीपी और दर्द से राहत देने वाली 15 दवाओं की कीमत तय की गई है। इन दवाओं में एंटी-बायोटिक वैंकोमाइसिन, कैंसर के इलाज में काम आने वाली एटोपोसाइड, रक्त चाप (बीपी) की दवा नोराड्रेनालाइन और हृदय बीमारी के इलाज में काम आने वाली डिजोक्सिन शामिल हैं। साथ ही अस्पतालों की मनमानी पर भी रोक लगाई है। पहले दिल के मरीजों को स्टेंट को मनमाने दामों में बेचा जाता है। सरकार की घोषणा के बाद स्टेंट के दामों में 85 फीसदी की कमी आई है। इतना ही नहीं गरीबों को अच्छी और सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना के तहत देशभर में सस्ती दवाएं बेचने के लिए केंद्र खोले जा रहे हैं। अभी देश में 1300 से ज्यादा केंद्रों पर 600 सस्ती दवाइयां मिल रही हैं। साथ ही ऑपरेशन में काम आने वाले उपकरण भी सस्ती दर पर उपलब्ध हैं। इस योजना से गरीबों को अब इलाज करने के लिए दवाइंया मिल रही हैं। देश में मिशन इंद्रधनुष के तहत 2.6 करोड़ से अधिक बच्चों का टीकाकरण हुआ है। इस मिशन से बच्चों में होने वाली बीमारियों में भारी गिरावट आई है। खासतौर पर गरीबों के बच्चों को टीकाकरण के बाद बहुत फायदा हुआ है।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण इलाकों में शौचालय बनाए जा रहे हैं। इस योजना से गरीब परिवारों को खुले में शौच करने से मुक्ति मिली है। 2019 तक पूरे भारत को खुले में शौच से मुक्त कराने का लक्ष्य रखा गया है। गांवों में महिलाओं को इस योजना के लागू होने से बहुत राहत मिली है। दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत देश के पांच लाख, 97 हजार, 464 गांवों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है। अब कुछ ही गांव ऐसे हैं, जो अभी रोशनी से वंचित हैं। वहां भी बहुत जल्दी बिजली पहुंचने वाली है।
दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना ग्रामीण युवाओं को रोजगार के अवसर मुहैया करवाने के लिए है। इसके तहत 18 साल से 35 साल के ग्रामीण युवाओं को रोजगार के अवसर मिले हैं। लाखों गरीब बेरोजगारों को इस योजना के तहत रोजगार मिला है।प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 7.45 करोड़ से अधिक छोटे उद्यमियों को 3.17 लाख करोड़ रुपये लोन के तौर पर दिये जा चुके हैं।