रविन्द्र कुमार द्विवेदी की विशेष रिपोर्ट
नई दिल्ली। राष्ट्रपति को शत-प्रतिशत गलत रिपोर्ट देकर मड़ियाहूं के पूर्व एसडीएम संजय मिश्र (Corrupt SDM, Sanjay Mishra) व सहयोगी महाभ्रष्ट, जनता को रूलाने वाला लेखपाल रामशिरोमणि प्रजापति (Corrupt and Fraud Lekhpal, Ram Siroman Prajapati) द्वारा महामहिम के साथ बहुत बड़ा धोखा किया है, यह धोखा राष्ट्रपति के साथ ही नहीं बल्कि राष्ट्रपति कार्यालय के उनके प्रमुख सचिव, उप्र मुख्यमंत्री व उनके सचिव के साथ भी किया गया। इसलिए ऐसे भ्रष्टाचारियों को अविलंब बर्खास्तकर किसी रिटायर्ड जज से जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध कठोर से कठोर कार्यवाही किया जाना चाहिए।
उपरोक्त शिकायत राजकुमारी जी पति डॉ रमाकांत गुप्त ग्राम परियत, तहसील मड़ियाहूं, जिला: जौनपुर,उप्र ने राष्ट्रपति से गत सप्ताह अपनी शिकायत में किया है।
आगे उन्होंने बताया कि दिनांक: 06 जनवरी, 2021 को उनके बेटे सुधीर कुमार ने राष्ट्रपति को एक पत्र लिखा था जिसमें दुष्ट, शैतान का अवतार रिश्वतखोर, महाभ्रष्ट लेखपाल रामशिरोमणि को बर्खास्त करने की मांग की गई थी।
लेकिन, उपरोक्त राष्ट्रपति के शिकायत की आख्या में भ्रष्टाचार का सिरमौर राम शिरोमणि प्रजापति ने व तहसील मड़ियाहूं के पूर्व एसडीएम संजय मिश्र आदि ने पूरा का पूरा फर्जी रिपोर्ट देकर राष्ट्रपति के साथ बहुत बड़ा धोखा किया। इस तरह के भ्रष्ट लेखपाल व एसडीएम के लिए पैसा ही सर्वोपरि है, ये अधिकारी पैसा के लिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री तक को फर्जी रिपोर्ट देकर सीना तान के घुमना इनके लिए आम बात है ।
फर्जी रिपोर्ट भेजने वाला राम शिरोमणि प्रजापति का कहना था कि हमारा क्या बुरा हो सकता है बहुत होगा हमारा ट्रांसपर हो जाएगा।
राजकुमारी जी ने जो शिकायत किया है उसमें उन्होंने बताया है कि उनके ग्राम का नाम परियत है और उपरोक्त फर्जी आख्या गॉंव उन्चनी कला है जिसका विवाद नाली से संबंधित है और आ0 नं0. 1832/0.053 हे0 नाली खाते की भूमि है। अंत में लिखा है कि फसल कटने के बाद पैमाइश करा दी जाएगी, जो कि शत-प्रतिशत फर्जी है।
ज्ञात हो कि संजय मिश्र जब मड़ियाहूं के एसडीएम थे तो अखिल भारत हिन्दू महासभा ने इनके विरूद्ध दिल्ली से मोर्चा खोला हुआ था क्योंकि वे लेखपाल राम शिरोमणि के एक और भ्रष्टाचार को उजागर नहीं करना चाहते थे, ऐसा इसलिए क्योंकि लेखपाल अपनी उपरी कमाई का हिस्सा उन तक पहुंचाता होगा वर्ना कोई एसडीएम किसी भ्रष्ट लेखपाल को बचाने के लिए क्यों अपने आप की आहुति देगा।
उपरोक्त राष्ट्रपति से किये गये फ्राड वाले मामले पर आइडियल जर्नलिस्ट असोसीएशन दिल्ली के कार्यकारी अध्यक्ष राजीव कुमार ने तात्कालीन उपरोक्त एसडीएम, तहसीलदार व लेखपाल को बर्खास्त करने की मांग की है। उनका कहना है कि इस तरह के भ्रष्टाचारी समाज में गरीबों को परेशान करते हैं, बिना पैसे लिए काम नहीं करते और जनता को उत्कोच (Bribe) देने के लिए बाध्य करते हैं। उपरोक्त तरह के फ्राड में आपरेटर की गलती नहीं मानी जा सकती। इसके लिए वो सब दोषी हैं जो राष्ट्रपति के भेजे गए रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करते हैं और मुख्य दोषी मड़ियाहूं के पूर्व एसडीएम संजय मिश्र हैं। ऐसे भ्रष्टाचारियों के विरूद्ध दिल्ली आइडियल जर्नलिस्ट असोसीएशन आंदोलन चलाएगा।
इतना ही नहीं भारत वार्ता के पास कई ऐसे अहम प्रमाण हैं जिसमें पूर्व एसडीएम संजय मिश्र व फ्राड लेखपाल राम शिरोमणि के भ्रष्टाचार को पूरी तरह उजागर कर देगा।
सुधीर कुमार द्वारा 6 जनवरी 2021 को राष्ट्रपति को जो शिकायत की गई थी वो ये है
दिनांक: 06/01/2021
प्रतिष्ठा में :
राष्ट्रपति ,
राष्ट्रपति कार्यालय ,
दिल्ली, भारत।
विषय : रिश्वतखोर, भ्रष्ट लेखपाल रामशिरोमणि को बर्खास्त करने हेतु शिकायत पत्र।
महोदय :
- मेरा नाम सुधीर कुमार जायसवाल पुत्र श्री डॉ. रमाकांत गुप्ता, निवास : ग्रॉम/पोस्ट : परियत, पिन कोड 222162, जिला: जौनपुर, उत्तर प्रदेश है। मैं देश के कानून व संविधान में आस्था रखते हुए शांति पूर्वकउपरोक्तपते पर अपने परिवार के साथ रहता हूं।
- दिनांक 24/11/2020 को माननीय उप्र के मुख्यमंत्री जी को एक पत्र लिखा था जिसकी शिकायत संख्या : 40019420064960 थी।
- पत्र में मैंने कानून के दायरे में रहते हुए एक प्रवेश द्वार अपने पूर्व दिशा में अपनी अहाते की सीमा में चाहता था जो कि अविवादित है जिसे 21-04-2016 में परियत के लेखपाल ने अपनी आख्या में कहा था कि मौके पर निर्माणाधीन दीवाल प्रार्थिनी राजकुमारी की भूमि में पड़ता है और विपक्षी सुरेश चंद गुप्ता अपनी भूमि में निर्माण कर चुका है। उस रिपोर्ट के हिसाब से मैं अपने गेट का निर्माण पूरी तरह कानूनी रूप से वैध है जिस पर कोई स्टे आर्डर भी नहीं है। मगर भ्रष्ट लेखपाल रामशिरोमणि ने अपने रिपोर्ट में मेरी वैध मांग को अवैध निर्माण कह रहा है जो कि विपक्षी सुरेश चंद गुप्ता की भाषा बोल रहा है यानी कि यह रिश्वतखोर विपक्षी सुरेश चंद्र गुप्ता से मिलकर मोटी रिश्वत ले चुका है।
- श्रीमान् जी, मैं अपने पत्र में कानून के नियमों के अनुसार अविवादित भूमि मे प्रवेश द्वार की बात कही है जबकि भ्रष्ट लेखपाल रामशिरोमणि हमें न्यायालय में वाद दायर करने को कह रहा है, जबकि विवादित रास्ते पर मैं कोई निर्माण कार्य कर ही नहीं रहा हूं।
- महोदय, मैं आपसे अविलंब यह मांग करता हूं कि इस भ्रष्ट लेखपाल को अविलंब बर्खास्त कर दिया जाए वर्ना ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के कारण अच्छे अधिकारी भी संकट में पड़ जाते हैं।
आपका शुभाकांक्षी
सुधीर कुमार जायसवाल
ग्रॉम/पोस्ट : परियत,
पिन कोड : 222162,
जिला : जौनपुर, उ.प्र.
मो0 : 8317028868
एसडीएम संजय मिश्र, पूर्व परियत लेखपाल राम शिरोमणि द्वारा प्रस्तुत फर्जी रिपोर्ट
एसडीएम संजय मिश्र, पूर्व परियत लेखपाल राम शिरोमणि द्वारा प्रस्तुत फर्जी रिपोर्ट का स्क्रीन शाट
Request/Grievance Registration Number is PRSEC/E/2021/00455
Dear Sir/Madam,
Your Grievance with Registration No.PRSEC/E/2021/00455 has been disposed.
Logon to:
सुधीर कुमार की मॉं राजकुमारी जी ने गत सप्ताह जो शिकायत किया है वो इस प्रकार है :
दिनांक:07/09/2021
प्रतिष्ठा में :
राष्ट्रपति,
राष्ट्रपति कार्यालय,
राष्ट्रपति भवन,
नई दिल्ली,01 ।
विषय: राष्ट्रपति को शत-प्रतिशत गलत रिपोर्ट देकर मड़ियाहूं के पूर्व एसडीएम संजय मिश्र व सहयोगी रामशिरोमणि प्रजापति द्वारा महामहिम के साथ बहुत बड़ा धोखा किया गया, यह धोखा राष्ट्रपति के साथ ही नहीं बल्कि राष्ट्रपति कार्यालय के उनके प्रमुख सचिव, उप्र मुख्यमंत्री व उनके सचिव के साथ भी किया गया। इसलिए ऐसे भ्रष्टाचारियों को अविलंब बर्खास्तकर किसी रिटायर्ड जज से जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध कठोर से कठोर कार्यवाही किया जाना चाहिए।
महोदय,
1) मेरा नाम राजकुमारी पति डॉ रमाकांत गुप्त ग्राम/पोस्ट परियत, तहसील मड़ियाहूं, जिला: जौनपुर, उप्र है। उपरोक्त पते पर संविधान व कानून में आस्था रखते हुए शांतिपूर्वक रहती हूं।
2) दिनांक: 06/01/2021 को मेरे बेटे सुधीर कुमार पुत्र डॉ रमाकांत गुप्त ग्राम/पोस्ट परियत, जिला: जौनपुर, उप्र ने आपको एक पत्र लिखा था जिसका विषय था : रिश्वतखोर, भ्रष्ट लेखपाल रामशिरोमणि को बर्खास्त करने हेतु शिकायत पत्र। महोदय, मेरे पुत्र सुधीर कुमार ने जो शिकायत पत्र दिया था उसकी शिकायत संख्या थी : PRSEC/E/2021/00455 है। श्रीमान जी, सुधीर कुमार की शिकायत आनलाइन किया था जिसका लिंक संलग्नक में संलग्न है।
5) महोदय, उपरोक्त रिपोर्ट को उत्तर प्रदेश के अधिकारी श्री भास्कर पांडे (Shri Bhaskar Pandey) जी हैं जिनका पद ज्वाइंट सेक्रेटरी (Officer Designation Joint Secretary) है व जिनका संपर्क पता : मुख्यमंत्री कार्यालय, रूम नं: 321 लखनऊ, उप्र (Chief Minister Secretariat Room No.321 U.P. Secretariat, Lucknow) है व इमेल एड्रेस : bhaskar.12214@gov.in और कंटेक्ट नंबर : 2226350 है।
6) श्रीमान जी, जिस लेखपाल राम शिरोमणि प्रजापति , तत्कालिक , तहसील मड़ियाहूं एसडीएम संजय मिश्र आदि ने रिपोर्ट लगवाया है वो सब बहुत महाभ्रष्ट हैं। उनके लिए जनता का न्याय कुछ नहीं बल्कि पैसा यानी रिश्वत सर्वोपरि है।
7) श्रीमान जी, हमारे ग्राम का नाम परियत है और उपरोक्त फर्जी आख्या में गॉंव उन्चनी कला है जिसका विवाद नाली से संबंधित है और आ0 नं0. 1832/0.053 हे0 नाली खाते की भूमि है। अंत में लिखा है कि फसल कटने के बाद पैमाइश करा दी जाएगी।
8) हम आपसे मांग करते हैं कि उपरोक्त भ्रष्ट अधिकारी एसडीएम व लेखपाल राम शिरोमणि प्रजापति पर कठोर से कठोर कार्यवाही किया जाए, जो अधिकारी अपने राष्ट्रपति से इतना बड़ा धोखा कर सकता है वो जनता से क्या-क्या विश्वासघात नहीं करता होगा।
आपकी शुभाकांक्षी
राजकुमारी देवी
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Registration Number is PRSEC/E/2021/25086
(किसी भी वाद-विवाद मुकदमें से संबंधित कार्यवाही के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय मान्य होगा)