समाज

अनुच्छेद ३७० के प्रयोग की त्रुटिपूर्ण प्रक्रिया

अनुच्छेद ३७० संघीय संविधान में एक अस्थायी और संक्रमणकालीन व्यवस्था थी । राज्य की संविधान सभा द्वारा जम्मू कश्मीर रियासत ...

“ताजमहल भगवान शंकर का प्राचीन मंदिर था “

अनेक विचारकों ने गहन शोध के उपरान्त इस स्थापत्य को बारहवी शताब्दी के पूर्वार्ध में निर्मित भगवान शंकर का मंदिर ...

वर दे, वीणा वादिनि !

सुधाकर अदीब प्रकृति जब शीतकाल के अवसान के पश्चात् नवल स्वरुप धारण करती है, तब मनुष्य धरती पर विद्या और संगीत ...

वसंतोत्सव : प्रेम का पर्व

प्राचीन काल से ही भारतीय संस्कृति में ऋतुओं का विशेष महत्व रहा है. इन ऋतुओं ने विभिन्न प्रकार से हमारे ...

भारत में दरबदर होता कश्मीरी पण्डित

भारत ’’सर्वे भवन्तु सुखनः एवं वसुधैव कुटुंबकम’’ की भावना को लेकर चलता है। लेकिन देश में शैतानी शक्तियों का बढ़ता ...

मस्जिद जागीर नहीं किसी की

ये दुनिया बड़ी रंग-बिरंगी है, मोह-माया के इर्द-गिर्द जीवन शुरू हो अंत तक भटकता ही रहता है। जब अंत समय ...

डन्डे मातरम्

बसपा के माननीय सांसद शफीकुर्रहमान बर्क कहते है, ‘यह सच है कि मै सांसद हूँ, पर मुसलमान पहले हूँ. मै ...

रिश्तों की वो गरमाहट चली गई…

ज़िंदगी की जद्दोजहद ने इंसान को जितना मसरूफ़ बना दिया है, उतना ही उसे अकेला भी कर दिया है. हालांकि ...

भ्रष्टाचार की शुरुआत कहाँ से…?

आजादी के बाद से अनेक मोर्चों पर मनमानी और भ्रष्ट व्यवस्था के खिलाफ छोटे-बड़े अनेक आन्दोलन देश में होते रहे ...

रौशनी न देख पाने का दर्द

रात में कुछ देर के लिए बिजली चले जाए, तो लोग बेहाल हो जाते हैं. रौशनी के लिए वे क्या ...