समाज

उधर सबरीमाला में लाशें उठ रही थीं, इधर युवराज पार्टी मना रहे थे

शबरीमाला में शुक्रवार को हुए राष्ट्रीय हादसे में सौ से अधिक श्रद्धालु मारे गये. कुछ अभी भी लापता हैं. लेकिन ...

ईसाई संगठनों को मिलता है सबसे अधिक विदेशी धन

केन्द्र सरकार द्वारा हाल ही में जारी की गई एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में कार्यरत विभिन्न NGOs को सन् ...

आंकड़ों में उलझी भूख की बेबसी

एक समाचार पत्र में प्रकाशित खबर के मुताबिक देश की जनता को भुखमरी और कुपोषण से बचाने के लिए सरकार ...

साल भर पहले यही भ्रष्ट्राचार ताकत थी

गृहमंत्री चिदबंरम ने पिछले दिनों दिल्ली में शीपिंग कारपोरेशन ऑफ इंडिया के एक कार्यक्रम में पत्रकारों से कहा आप राडिया ...

यह “भूख” हमें कहाँ ले जायेगी ?

किसी ने सच ही कहा है कि जिस देश को बरबाद करना हो सबसे पहले उसकी संस्कृति पर हमला करो ...

हिन्दुत्व की बिसात पर पहली चाल है भागवत का मराठी मानुस

भारत एक हिन्दू राष्ट्र है और इससे कोई इंकार नहीं कर सकता। यही वह पहला वाक्य है, जिसे मोहन राव ...

84 का दर्द, गुजरात की त्रासदी और बेजुबान आदिवासी

जिस पत्रकार ने गृह मंत्री पी चिदबंरम पर जूता उछाल कर 84 के दंगों के घाव को उभारा, उसी पत्रकार ...

“20 साल पहले राजीव गांधी का अपहरण करना चाहते थे नक्सली और 20 साल बाद मनमोहन सिंह के अपहरण की जरुरत नहीं समझते माओवादी”

ठीक बीस साल पहले 1989 नक्सली संगठन पीपुल्स वार ग्रुप के महासचिव सीतारमैय्या से जब यह सवाल किया गया था ...

26/11 यानी हर आंख में आंसू…और दिल में दर्द के प्रायोजक हैं न्यूज़ चैनल

......मोहन आगाशे तो कह सकता है प्रसून....लेकिन अपन किससे कहें। क्यों आपके पास पूरा न्यूज चैनल का मंच है..जो कहना ...

विकल्प देते देते प्रधानमंत्री विकल्प क्यों तालाश रहे हैं

नक्सलियों के हिमायतियों ने भी ग्रामीण-आदिवासियों के विकास का कोई वैकल्पिक समाधान नहीं दिया है। यह बात और किसी ने ...