समाज

सरदार पटेल की मेहनत बेकार जायेगी?

भारत की स्वतंत्रता के पहले भारत में लगभग 565 छोटी-छोटी रियासतें/सूबे अस्तित्व में थे, जिसके अपने फायदे कम नुकसान ज्यादा ...

आदिवासी प्रगति : ग्यारह अवरोधक

आजादी के तत्काल बाद संविधान में सामाजिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक रूप से सर्वाधिक कमजोर जिन दो वर्गों या समूहों को ...

कमीशन की कमाई पर लोकतंत्र से लड़ाई

कुल मिलाकर दो बार। पहली बार एक लाख बहत्तर हजार डॉलर। और दूसरी बार एक लाख सत्तानवे हजार डॉलर। दोनों ...

साइकिल से सोने के सिंहासन तक

खनन के काले कारोबार से कर्नाटक में सामानांतर सरकार चलाने की कुबत रखने वाले रेड्डी बंधुओं के पापा का घड़ा ...

जनसंघर्ष की मुनादी

मी शरद पोटले। रालेगन सिद्दि हूण आलो। रात साढ़े बारह बजे तिहाड़ जेल के गेट नंबर तीन पर अचानक एक ...

नैतिकता बची नहीं, भलमनसाहत जाती रही

कहने को तो स्वतंत्र हुए हम 64 बसंत देख चुके हैं लेकिन जब भी जालिम अंग्रेजों का ख्याल आता है ...

गायब हो जाने दो, बच्चा है!

अपने बच्चे को चहकते देख हर मां-बाप का मन गदगद हो जाता है। जरा सोचिये, जब यही मासूम दुनिया समझने ...

भ्रष्टाचार लाइलाज नहीं!

जब तक है काजल की कोठरी तब तक है दर्पण का डर, और आईना कभी झूठ नहीं बोलता। कहते भी ...

बम धमाकों से दहल गई मुंबई

मुंबई एक बार फिर दहल गई है। जवेरी बाजार, ऑपेरा हाउस और दादर में धमाके हुए। 21 लोगों के मारे ...

आतंक की राजधानी

मुंबई को अब तक हम देश की आर्थिक राजधानी कहते रहे हैं। कुछ लोग इसे ग्लैमर की राजधानी भी मानते ...