विधानसभा चुनाव

बंगाल में सत्ता परिवर्तन के लिये “युद्ध क्षेत्र” होना चाहिये

साल की पत्तियों को जमा करते हैं । पांच पत्तियों को जोडकर प्लेट थाली जितना बड़ा बनाते हैं । फिर ...

मोदी का टूटता तिलिस्म

  धर्म की भूमि पर कर्म के द्वारा व्यक्ति का अपना एक आभा मण्डल होता ह,ै इसी से लोग उसके अनुयायी ...

राजनीति का ककहरा सिखा दिया बिहार के जनादेश ने

बीजेपी का यह भ्रम भी टूट गया कि कि बिना उसे नीतीश कुमार जीत नहीं सकते हैं। और नीतिश कुमार ...

लद्दाख ने दिखाई जम्मू कश्मीर में नई राह

लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद के लिये पाँच साल बाद सत्रह अक्तूबर को चुनाव हुये थे । परिषद की कुल ...

केजरीवाल : चेहरा या मुखौटा ?

किसी को इंदिरा गांधी का सिडिंकेट से लड़कर मजबूत नेता के तौर पर उभरना याद आ रहा है तो किसी ...

दिल्ली की पराजय से आगे भाजपा की प्रगति यात्रा

पिछले दिनों दिल्ली विधान सभा के लिये हुये चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की पराजय हुई है । विधान सभा ...

जनादेश ने भरे हर जख्म, उभारे हर जख्म !!

आज मां की आंखों में आंसू हैं। पिता की नजरें उठी हुई हैं। बेटे को गर्व है । बेटी पिता ...

समय होत बलवान

समय की धार के आगे सब बेदम हैं सबके दय है फिर बात चाहे भगवान कृष्ण की हो या श्री ...

दिल्ली, जहां इतिहास झांकता है इतिहास रचने के लिये

कहते है दिल्ली में सांप की आंख सा आकर्षण है। जो आता है बस इसी का होकर रह जाता है। ...

डल लेक में बेमौसम कमल खिलाकर जम्मू ने सियासत उलट दी !

चुनावी लोकतंत्र फेल हुआ तो बंदूक थामी। सिस्टम को लेकर गुस्सा चरम पर पहुंचा तो पत्थर उठाया। और जिन्दगी जीने ...