व्यक्तित्व

इरादे हों यदि नेक तो मंजिल खुद मिलती है

कर्म ने मोड़ दिया जिंदगी का रुख जैबुनेशाप्रेरणा लेकर इंसान अपनी तकदीर संवार सकता है। इस बात को जैबुनेशा से बेहतर ...

गिरता चरित्र बढ़ती निर्लज्जता

‘‘मन चंगा तो कठोती में गंगा’’ दुनिया में सारा खेल मन से ही चलता है। मन से ही दुनिया, मन ...

अटलजी, जिन्होंने कभी हार नहीं मानी

भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस पर विशेष   टूटे हुए तारों से फूटे वासंती स्वर पत्थर की छाती में उग आया ...

डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद और नेहरू का दुराग्रह

डा.राजेन्द्र प्रसाद की शख्सियत से पंडित नेहरु हमेशा अपने को असुरक्षित महसूस करते रहे। उन्होंने राजेन्द्र बाबू को नीचा दिखाने ...

सियासी बिसात पर संविधान और आंबेडकर भी प्यादा बन गये

इतिहास के पन्नों के आसरे जिस तरह की कवायद संसद के भीतर राजनीतिक दलों ने की उसने झटके में यह ...

चले गये राम मंदिर की आस लिए

जो ना तो राजनीति का नायक बना। ना ही हिन्दुत्व का झंडाबरदार। लेकिन जो सपना देखा उसे पूरा करने में ...

सादगी और ईमानदारी की प्रतिमूर्ति मनोहर पर्रीकर…

  सुबह के लगभग छह बजने वाले थे, पणजी के मुख्य मार्गों पर इक्का-दुक्का वाहन चल रहे थे. अधिकाँश गोवा निवासी ...

दीनदयाल उपाध्याय

जन्मशती वर्ष पर विशेष (जयंती 25 सितंबर) मानवता के कल्याण का विचार है एकात्म मानवदर्शन मनुष्य विचारों का पुंज होता है और ...

भारत का अखंड स्वरुप

कहा जाता है कि वीर सावरकर की अस्थियाँ अभी भी उनके वंशजों के पास सुरक्षित हैं । वे अपनी मृत्यु ...

आपातकाल की पुरानी स्मृतियाँ

आपातकाल की घोषणा २५ जून १९७५ को हुई थी । रेडियो पर ख़बर आई होगी । मैंने तो नहीं सुनी ...