साहित्य

तुमसे ही सवाल क्यूँ

जय जवान जय किसान  दोनों आज बेहाल हैं एक सीमा पर खड़ा है दूजा खेत में ड़टा है अन्न और रक्षा से ही देश आज ...

अधूरी दास्ताँ

कुछ पुरानी यादें... और तुम्हारा साथ... वही पुराने प्रेम पत्र और अपनी बात... पलभर की गुस्ताख़ी, और अंधेरी रात... टूटें हुए मकान और सुना पड़ा खाट.. 'अवि' के ...

इक ग़ज़ल उसकी शान मेँ लिख दूँ

शायरोँ की जुबान मेँ लिख दूँ, अपने ताजे दीवान मेँ लिख दूँ। काब-ए-दिल मेँ तेरा नाम लिक्खा, जाऊँ मैँ अब कुरान मेँ लिख ...

साजिशेँ कर गई हवा लेकिन…

साजिशेँ कर गई हवा लेकिन, मैँ तेरी राह मेँ रूका लेकिन। रस्म-ए-उल्फत निभाई है मैनेँ, लोग कहते हैँ बेवफा लेकिन। हर शमां बुझ गई ...

तुम्हेँ सिज़दा किया सनम मैनेँ

अपनी बिगड़ी है इस जमाने से, बात बन जाए तेरे आने से। चाँद-तारेँ तो रूठ बैठे हैँ, रौशनी होगी घर जलाने से। हिज़्र की ...

इश्क की क्या सजा

इश्क की क्या सजा दे गया है मुझे, ज़ख्म देकर दवा दे गया है मुझे। मेरी बर्बादियोँ पे वो हंसता हुआ, जिन्दगी की ...

शहर मर भी रहा है

हर शहर की सरहद के उस पार से कुछ ठंडी हवाएँ हर बार जरूर आती है अपने साथ सभ्यताओं का एक पुलिंदा ...

रोम-रोम में बसे हैं प्रभु राम

 रामकथा आदर्श जीवन की संपूर्ण गाइड है। राम भारतवर्ष के प्राण हैं। वे भारत के रोम-रोम में बसे हैं। यही ...

  भारत में चमका था विज्ञान का सूर्य

 भा रत और भारत के लोगों के बारे में एक धारणा दुनिया में प्रचलित की गई कि भारत जादू-टोना और ...

प्रेम भी अपरिपक्व होने लगा हैं

स्त्री की देह तालाब-सी है, बिल्कुल ठहरी हुई सी उसमे नदी के मानिंद वेग और चंचलता कुछ नहीं फिर भी पुरुष उस ...