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जनसंघर्ष की मुनादी
मी शरद पोटले। रालेगन सिद्दि हूण आलो। रात साढ़े बारह बजे तिहाड़ जेल के गेट नंबर तीन पर अचानक एक ...
नैतिकता बची नहीं, भलमनसाहत जाती रही
कहने को तो स्वतंत्र हुए हम 64 बसंत देख चुके हैं लेकिन जब भी जालिम अंग्रेजों का ख्याल आता है ...
मैं ऐसा क्यों हूं ?
आखिर हम इतने निर्ल्लज, बेशर्म, बेहया क्यों बनते जा रहे हैं कि हर अच्छे काम के लिए कोर्ट हमें अर्थात् ...
बम धमाकों से दहल गई मुंबई
मुंबई एक बार फिर दहल गई है। जवेरी बाजार, ऑपेरा हाउस और दादर में धमाके हुए। 21 लोगों के मारे ...
आतंक की राजधानी
मुंबई को अब तक हम देश की आर्थिक राजधानी कहते रहे हैं। कुछ लोग इसे ग्लैमर की राजधानी भी मानते ...
माया तेरे राज में महिलाओं पर गाज
उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री स्वभाववश काफी सख्त,प्रशासन पर मज़बूत पकड़ रखने वाली तथा अपराध व अपराधियों से सख्ती से निपटने ...
मरते किसानों पर शोक या चकाचौंध अर्थवयवस्था पर जश्न
दिल्ली से आगरा जाने के लिये राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 24 आजादी से पहले से बना हुआ है। इस रास्ते आगरा ...
लादेन के बाद भारत की मुश्किल
दुनिया के सबसे मजबूत लोकतांत्रिक देश ने आतंकवाद के खिलाफ अपने तरीके से न्याय किया। और दुनिया का सबसे बडा ...
कॉरपोरेट, सियासत और मनमोहन मंत्रिमंडल
कॉरपोरेट के लिये रेड कारपेट बिछाने वाले मनमोहन सिंह कॉरपोरेट के हितों को साधने वाले मंत्रियों पर निशाना भी साध ...