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कैसे बिछी लोकपाल पर मठ्ठा डालने की सियासी बिसात
यह पहला मौका है जब सरकार ने किसी बिल को पेश करने से ज्यादा मशक्कत बिल पास न हो इस ...
देश नहीं, सत्ताधारियों की आजादी
पहली बार विदेशी निवेश पर घिरे 'मनमोहनोमिक्स' ने मौका दिया है कि अब बहस इस बात पर भी हो जाये ...
सरदार पटेल की मेहनत बेकार जायेगी?
भारत की स्वतंत्रता के पहले भारत में लगभग 565 छोटी-छोटी रियासतें/सूबे अस्तित्व में थे, जिसके अपने फायदे कम नुकसान ज्यादा ...
ड्रैगन(चीन) के बढ़ते कदम
अविभाजित हिन्दुस्तान का कभी अभिन्न अंग रहा पाकिस्तान धर्म के आधार पर विभाजित हो कट्टरता के चलते आज स्वयं के ...
कमीशन की कमाई पर लोकतंत्र से लड़ाई
कुल मिलाकर दो बार। पहली बार एक लाख बहत्तर हजार डॉलर। और दूसरी बार एक लाख सत्तानवे हजार डॉलर। दोनों ...
काजल की कोठरी में अन्ना के अरविन्द
अरविन्द केजरीवाल पर सरकार हल्ला बोले और अन्ना हजारे चुप रहें यह कैसे हो सकता है? सरकार उनके आयकर बकाये ...
सियासी बिसात कैसे बिछी अन्ना के लिये
जनलोकपाल के जनतंत्र से हारा संसदीय लोकतंत्र जनलोकपाल की लड़ाई क्या ऐसे मोड पर आ गई है, जहां कांग्रेस को अब ...
जनसंघर्ष की मुनादी
मी शरद पोटले। रालेगन सिद्दि हूण आलो। रात साढ़े बारह बजे तिहाड़ जेल के गेट नंबर तीन पर अचानक एक ...
नैतिकता बची नहीं, भलमनसाहत जाती रही
कहने को तो स्वतंत्र हुए हम 64 बसंत देख चुके हैं लेकिन जब भी जालिम अंग्रेजों का ख्याल आता है ...
मैं ऐसा क्यों हूं ?
आखिर हम इतने निर्ल्लज, बेशर्म, बेहया क्यों बनते जा रहे हैं कि हर अच्छे काम के लिए कोर्ट हमें अर्थात् ...
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