देश की समस्या

समाज में गहराती अंधविश्वास की जड़ें

    पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने 'जय जवान-जय किसान ' जैसा लोकप्रिय नारा देश को दिया था उस ...

नेताओं की बदजुबानी कैसे रूके?

सर्वोच्च न्यायालय ने इस मुद्दे पर अपना फैसला सुनाया है कि कोई मंत्री यदि आपत्तिजनक बयान दे दे तो क्या ...

भ्रम पैदा करते ये ‘नामुराद फ़तवे’

     इतिहास इस बात का गवाह है कि अपने उद्भव काल से ही इस्लाम को जितना नुक़सान स्वयं को मुसलमान ...

दहशत-ए-कोरोना : एक अबूझ पहेली

              पूरे विश्व में एक बार फिर कोविड के विस्तार को लेकर चिंतायें बढ़ने लगी हैं। भारत सहित दुनिया के अनेक ...

क्या विवादित बयान देना भी ‘सुर्ख़ियां बटोरने’ का माध्यम बन गया है ?

      हमारे देश में धर्म-कर्म,नैतिकता-मर्यादा,मान-सम्मान,आदर-सत्कार,परोपकार-शिष्टाचार,सरलता व मृदुभाषी होने आदि की जितनी ज़्यादा बातें की जाती हैं इन बातों का उतना ...

रवीश के बहाने उधड़ती पत्रकारीय परंपरा की बखिया

सबसे पहले तो यह घोषणा कि रवीश कुमार के प्रति जितना प्रेम आपके मन में है उससे कुछ ज्यादा ही ...

हैवानियत की सारी हदें पार कर रहा इंसान

     क्रूरता की जब कभी बात होती है तो लोग 'जानवरों ' जैसे व्यवहार की मिसाल देते हैं। परन्तु इंसान ...

आरक्षण : उत्तम लेकिन अधूरा फैसला

सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले का कौन स्वागत नहीं करेगा कि सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थाओं में 10 प्रतिशत आरक्षण ...

बरसठी थाना (जिला: जौनपुर,उप्र) का थानाध्यक्ष मुख्यमंत्री से भी अधिक शक्तिशाली होता है

भ्रामक उत्तरों से मुख्यमंत्री कार्यालय को बरसठी का पूर्व थानाध्यक्ष राम सरीख (पीएनओ संख्या : 960600467)  ने किया गुमराह   जौनपुर एसपी ...

भारत विश्व-शक्ति कैसे बने?

     भारत की सरकारों से मेरी शिकायत प्रायः यह रहती है कि वे शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में क्रांतिकारी ...