देश की समस्या

शंकराचार्यः राष्ट्र गुरू न बनाए!

जैसे गांधीजी को लोग राष्ट्रपिता कहते हैं, तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज मानते हैं और अशोक-चक्र को राष्ट्रीय चिन्ह मानते हैं, ...

सूखे पर सबकी आंखें गीली

सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को जैसी मार लगाई है, वैसी कम ही लगाई जाती है। दस राज्यों में सूखे ...

भारत माता की जय तो बोलना ही होगा

भारत माता की जय और वन्दे मातरम के नारे ने अंग्रेजों को भगाकर देश को आजादी दिलाई। आज ऐसे ही ...

डॉक्टरी के धंधे में क्रांति की जरुरत

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने डाॅक्टरी के धंधे पर जबर्दस्त प्रहार किया है। उसने अपने फैसले में कहा है कि ...

वीर सावरकर, गाँधी जी एवम् आर.एस.एस.-भाग-2

(भारत विभाजन के संदर्भ में) यह हिन्दू महासभा का अधिवेशन कलकत्ता में रखा गया। इसमें भाग लेने वालों में डाॅ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी, श्री ...

पुलिस राज के साये में भारतीय लोकतंत्र

  भारत के विधि आयोग  की  एक सौ बहत्तरवीं रिपोर्ट 14 दिसम्बर 2001 :एक समीक्षा भारत के  विधि आयोग ने स्वप्रेरणा ...

वीर सावरकर, गाँधी जी एवम् आर.एस.एस.:भाग-1

(भारत विभाजन के संदर्भ में) अनेक लोग आश्चर्य करते हैं कि भारत में हिन्दुओं के इतने बहुमत के पश्चात्, वीर सावरकर एवम् गाँधी ...

गोडसे देशभक्त थे या गद्दार, निर्णय जनता करे

भारत माता के गगनांचल रूपी आंचल में ऐसे-ऐसे नक्षत्र उद्दीप्‍त हुये हैं, जो न केवल भारत भूमि को बल्कि संपूर्ण ...

देश  के  साथ  गद्दारी  और बर्बरता में  कम्युनिस्ट  सबसे आगे  रहते हैं

देश  के  साथ  गद्दारी  में कम्‍युनिस्‍ट  सबसे आगे  रहते हैं । इन कम्‍युनिस्‍ट  गद्दारों के गद्दारों की  सूची बहुत लंबी ...

तो ये है देश का इकनॉमिक मॉडल

गुजरात में पाटीदारों ने आरक्षण के लिए जो हंगामा मचाया- जो तबाही मचायी । राज्य में सौ करोड़ से ज्यादा ...