पंजाब के फिरोजपुर जिले में पाकिस्तान की सीमा से केवल 30 किलोमीटर दूर हमारे लोकप्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में सेंध कोई चूक नहीं बल्कि एक बड़ी राजनीतिक साजिश है। कांग्रेस के नेताओं और पंजाब के मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की बयानबाजी से पूरी तरह साबित हो रहा है कि उनकी पार्टी के नेताओं ने यह साजिश रची। मौसम खराब होने के कारण प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में बदलाव होने पर कुछ लोगों के प्रदर्शन के कारण उनके काफिले को रोकना, पंजाब पुलिस का प्रदर्शनकारियों को रोकने के बजाय बढ़ावा देना और बठिंडा एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री का पंजाब सरकार के अधिकारियों से यह कहना कि 'अपने मुख्यमंत्री चन्नी को धन्यवाद कहना कि मैं जिंदा लौट रहा हूं, पंजाब सरकार की साजिश में पंजाब पुलिस के महानिदेशक और अन्य अधिकारियों के शामिल होने के सबूत पेश कर रहे हैं। हमने देखा है कि मोदीजी आमतौर पर इस तरह की तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करते। मैंने पश्चिम बंगाल में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान वहां की मुख्यमंत्री सुश्री ममता बनर्जी की शह पर तमाम रैलियों में पुलिस की बदइंतजामी पर मोदीजी को भीड़ को नसीहत देते हुए उन्हें संभालते हुए तो देखा पर कभी उन्होंने इस तरह की तीखी प्रतिक्रिया नहीं की। पश्चिम बंगाल में एक नहीं कई बार देखा कि राज्य सरकार की शह पुलिस ने प्रधानमंत्री की रैली में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए थे। प्रधानमंत्री की रैली में पंडाल तक गिरा, लोग घायल हुए और और मोदीजी ने संकटपूर्ण स्थिति में माइक लेकर खुद ही मोर्चा संभाला और लोगों को सुरक्षित निकलने की नसीहत दी। कई बार विकट परिरस्थितियों में भी हमने उन्हें विचलित होते नहीं देखा। उनकी चुनावी रैलियों में आतंकवादी हमले की साजिशें रचकर बम विस्फोट किए गए। साजिशों का लगातार पर्दाफाश होने के बावजूद मोदीजी ने कभी तीखी प्रतिक्रिया नहीं की। मोदीजी हमेशा बहुत संयत तरीके से प्रतिक्रिया करते हैं। पूरे देश ने देखा है कि गुजरात का दंगा हो या मोदीजी को अमेरिका का वीजा न दिलाने की साजिश, उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं की।
साजिश की परतें तो केंद्रीय गृह मंत्रालय के कड़े रवैये और जांच के बाद पूरी तरह खुलेंगी पर पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी का प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए न पहुंचना सिद्ध करता है कि उन्हें प्रोटोकॉल की कोई परवाह नहीं है। पहले से अपनी ही सरकार के मंत्रियों, विधायकों और कांग्रेस के नेताओं के निशाने पर चल रहे चन्नी शायद यह साजिश रचकर सोनिया दरबार में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहते हों पर पंजाब की जनता तो उन्हें सत्ता से बाहर करने का पूरी तरह मन बना चुकी है। भाजपा के अध्यक्ष श्री जगतप्रकाश नड्डा का यह बयान कि एनएसजी ने मुख्यमंत्री कार्यालय को फोन किया तो किसी ने फोन ही नहीं उठाया, सिद्ध करता है साजिश को पूरी तरह अंजाम देना है । यानी मुख्यमंत्री कार्यालय को पता था कि फोन आने पर कोई कार्रवाई नहीं करनी है। हैरानी की बात तो यह है कि गिने-चुने लोगों के प्रदर्शन करने के दौरान उन्हें रोकने की बजाय लाउड स्पीकर से भीड़ बुलाने की छूट दी गई। मुश्किल से सौ लोग इस दौरान वहां पहुंचे होंगे और रास्ते को भारी सुरक्षा के बावजूद रोक दिया गया। पुलिस ने अवरोध हटाने की कोई कोशिश ही नहीं की। प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक भी साथ नहीं थे। पहले से ही संवेदनशील चल रहे राज्य में मुख्यसचिव और पुलिस महानिदेशक की भूमिका बताती है कि पंजाब नौकरशाही किस हद तक राजनीति में शामिल है। इस साजिश में शामिल सभी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है।
मोदीजी को फिरोजपुर से 42,750 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास करना था। फिरोजपुर में पीजीआइ का सेटेलाइट सेंटर, होशियारपुर और कपूरथला में बनने वाले मेडिकल कालेज, दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस वे, अमृतसर से ऊना फोर लेन सड़क अपग्रेडेशन परियोजना, मुकेरियां से तलवाड़ा नई ब्राडगेज रेलवे लाइन परियोजना आदि शामिल थी। इस मौके पर शामिल होने के लिए जा रहे भाजपा कार्यकर्ताओं को रोकने की पूरी कोशिश की गई। भाजपा कार्यकर्ताओं को रैली में शामिल होने से रोकने की शिकायतें तो पहले ही मिलने शुरु हो गई थी। सब से बड़ा बेशर्मी भरा बयान मुख्यमंत्री चन्नी का है। चन्नी का कहना है कि रैली में भीड़ न जुटने के कारण मोदी ने कार्यक्रम रद्द कर दिया। मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री की रैली में भीड़ जुटने पर तो नजर रखे हुए थे पर उनके काफिले को रोकने की साजिश पर उनकी नजर नहीं थी। चन्नी को भारी ठंड के बीच बारिश के दौरान प्रधानमंत्री का इंतजार करती भारी भीड़ भी नहीं दिखाई दी। कांग्रेस की प्रधानमंत्री की सुरक्षा में सेंध लगवाने की साजिश के बाद देश की जनता में भारी गुस्सा व्याप्त है। अब तो चन्नी की खोटी चवन्नी न चलने का समय भी आ गया है। यह भी सुनने में आ रहा है कि कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने अपने भैया राहुल गांधी का विदेश से लौटने का इंतजार किए बिना उत्तर प्रदेश में कोरोना की आड़ में रैलियों का आयोजन रद्द कर दिया है।