रविन्द्र कुमार द्विवेदी की कलम से
मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों के नाक के नीचे मुख्यमंत्री के साथ फर्जीवाड़ा
परियत, जौनपुर (उप्र)। मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों के नाक के नीचे मुख्यमंत्री के साथ फर्जीवाड़ा हो रहा है ये फर्जीवाड़ा बरसठी थाना, जिला : जौनपुर, उप्र के पूर्व थानाध्यक्ष राम सरीख (पीएनओ संख्या : 960600467) ने किया। राम सरीख गौतम नाम के कुख्यात भ्रष्टाचारी ने ये फ्रॉड क्यों किया इसके लिए आप सबको थोड़ा और पहले के अधिकारियों के काले कारनामे बताने होंगे तभी आप सबको पता चलेगा कि उपरोक्त भ्रष्टाचारी ने ऐसा क्यों किया? ज्ञात हो कि 8 मार्च 2021 को परियत निवासिनी राजकुमारी पत्नी डॉक्टर रमाकांत गुप्ता ने मुख्यमंत्री को ऑनलाइन शिकायत किया था कि उनका पड़ोसी उनके अपने अराजी संख्या : 1156 में दरवाजा नहीं लगाने दे रहा है जबकि वे इसके लिए सिविल कोर्ट से आदेश लाई हैं और वे जब गेट लगवाने के प्रयास करने पर उनके पड़ोसी सुरेश चंद्र गुप्ता पुत्र राजाराम का पूरा परिवार हिंसक रूप अपना ले रहा है। इसलिए इस उपरोक्त मामले पर उसकी आनलाइन शिकायत किया गया जिसकी शिकायत संख्या थी : 40019421012057 थी। जिस पर तत्कालीन बरसठी थाना के एसएचओ श्याम दास (पीएनओ संख्या : 943010018) ने एकदम फ्रॉड रिपोर्ट लगाकर उप्र के मुख्यमंत्री के साथ फ्रॉड किया, पुन: राजकुमारी जी ने 23 मार्च, 2021 को मुख्यमंत्री पोर्टल पर बहुत विनम्रता पूर्वक लिखा कि महोदय गलती से किसी दूसरे ग्रॉम का रिपोर्ट जो मेरे ही नाम का है लग गया है लेकिन तत्कालीन उपरोक्त भ्रष्टाचारी एसएचओ ने पुन: वहीं फ्रॉड रिपोर्ट लगाकर अपने दु:साहसी और भ्रष्टाचारी होने का परिचय दिया ज्ञात हो कि पुन: 23 मार्च, 2021 को परियत निवासिनी राजकुमारी जी ने शिकायत किया कि महोदय ये रिपोर्ट फ्रॉड है जिसकी जनसुनवाई पोर्टल पंजीकरण क्रमांक : 40019421015210 था, और तो और राजकुमारी जी के उपरोक्त दोनों शिकायतों पर श्याम दास वर्मा ने फ्रॉड रिपोर्ट लगाया था उस पर जौनपुर के पूर्व पुलिस अधीक्षक इनकाउंटर स्पेशलिस्ट अजय कुमार साहनी ने मामला संतोषजनक में परिवर्तित कर दिया गया है जबकि इसमें रत्ती भर सच्चाई नहीं थी।
. (तत्कालीन बरसठी एसएचओ श्याम दास द्वारा
सीएम पोर्टल पर लगाया गया फ्रॉड रिपोर्ट)
. जनता को लूट कर हुआ मालामाल भ्रष्टाचारी पूर्व बरसठी थानाध्यक्ष श्याम दास
(पीएनओ संख्या : 943010018)
. (तत्कालीन बरसठी एसएचओ श्याम दास द्वारा
सीएम पोर्टल पर लगाया गया फ्रॉड रिपोर्ट का स्क्रीनशाट)
. (पूर्व थानाध्यक्ष श्यामदास के फ्रॉड रिपोर्ट पर तत्कालीन वरिष्ठ जौनपुर
पुलिस अधीक्षक द्वारा रिपोर्ट को संतोषजनतक में परिवर्तित कर दिया
जो लाल घेरे में है, का स्क्रीनशाट की उपरोक्त छाया-प्रति देखें)
मुख्यमंत्री कार्यालय के सजग अधिकारियों से पता चला कि जौनपुर के तत्कालीन पूर्व एसपी अजय साहनी ने मामला संतोषजनक में परिवर्तित कर दिया
किन्तु कुछ समय बीत जाने पर परियत ग्राम जिला जौनपुर उप्र की निवासिनी राजकुमारी जी के बड़े बेटे के दूरभाष पर मुख्यमंत्री कार्यालय से फोन आया कि आपका मामला निस्तारित हो गया तो उन्होंने कहा, ''नहीं'' तो उपरोक्त अधिकारियों ने बताया कि पुलिस अधीक्षक जौनपुर द्वारा पूर्व के जो फ्रॉड रिपोर्ट जिसकी शिकायत की गई थी, उसे पुलिस अधीक्षक द्वारा संतोषजनक में परिवर्तित कर दिया है। तत्पश्चात जब राजकुमारी जी के परिवार के लोगों ने ऑनलाइन मुख्यमंत्री पोर्टल पर देखा तो उपरोक्त शिकायत को सच में तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा मामले को संतोषजनक के रूप में परिवर्तित था, इस तरह एसपी कार्यालय द्वारा एक भ्रष्ट एसएचओ श्याम दास के फ्राड रिपोर्ट को संतोषजनक में परिवर्तित कर देना एक प्रकार से भ्रष्टाचारियों को खुल्लम- खुल्ला संरक्षण देने जैसा था जिसेसे उपरोक्त शिकायतकर्ता राजकुमारी जी का परिवार बहुत सदमें में था जो एक प्रकार से निकम्मे और भ्रष्ट एसएचओ की बचाने की कवायद थी जो एक नंमबर का रिश्वतखोर, अपने कर्तव्यों का ठीक से पालन न करने वाला था जो कि उपरोक्त एसपी कार्यालय जौनपुर द्वारा सरासर गलत और एक बड़े अधिकारी द्वारा किया गया मुख्यमंत्री के साथ बहुत बड़ा धोखा था। अंत में एसपी कार्यालय के पीआरओ आदि ने शिकायतकर्ता राजकुमारी जी के बड़े बेटे का मोबाइल नंबर ब्लॉक करवा दिया क्योंकि एसपी कार्यालय में भी भ्रष्टाचारियों की कमीं नही थी, उपरोक्त भ्रष्टाचारियों का दु:साहस इसलिए बढ़ा रहता था क्योंकि जौनपुर के बड़े पुलिस अधिकारियों का सह मिला रहता था।
पुन: उप्र के मुख्यमंत्री से तत्कालीन एसपी कार्यालय के विरूद्ध सारे सत्य को लिखित रूप में मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत करके बताया गया
फिर ग्रॉम परियत, जौनपुर की निवासिनी राजकुमारी जी ने पुन: एसपी कार्यालय के दु:साहस की शिकायत मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल पर ऑनलाइन किया जिस शिकायत में मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा गया कि 13 सितंबर, 2021, शाम 05:01 मिनट तक कोई काम नहीं किया गया है और तात्कालीन एसपी अजय साहनी के विरूद्ध जिसकी शिकायत संख्या : 40019421050000 थी क्योंकि परियत निवासिनी राजकुमारी जी ने अपने विपक्षी के प्रति 8 मार्च 2021 जो शिकायत किया था उसकी शिकायत संख्या : 40019421012057 थी जिस पर पूर्व बरसठी थानाध्यक्ष श्याम दास ने फ्रॉड रिपोर्ट लगाया और उस पर एसपी कार्यालय ने लिखा कि : वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा मामला को संतोषजनक में परिवर्तित कर दिया गया, जबकि सच्चाई कुछ और थी क्योंकि एसपी कार्यालय ने कोई काम नहीं कराया है, सौ प्रतिशत झूठी रिपोर्ट है कि मामला निस्तारित कर दिया गया है।
. (13 सितंबर, 2021 को तत्कालीन एसपी जौनपुर के विरूद्ध
. सीएम पोर्टल पर शिकायत किया गया कि जौनपुर एसपी
. अजय साहनी ने कोई काम नहीं किया है)
ज्ञात हो कि शिकायतकर्ता परियत निवासिनी राजकुमारी ने जौनपुर एसपी के विरूद्ध मुख्यमंत्री पोर्टल पर जिसकी ऑनलाइन शिकायत किया था उसका पंजीकरण संख्या : 40019421050000 थी उस पर बरसठी थानाध्यक्ष को रिपोर्ट लगाना था लेकिन तब तक बरसठी के कुख्यात भ्रष्टाचारी थानाध्यक्ष श्याम दास का तबादला हो चुका था वहां राम सरीख नामक दूसरा कुख्यात भ्रष्टाचारी जो एक अपराधी मानसिकता का था वो आ चुका था, और अब इस नए आए हुए एसएचओ ने भी जब रिपोर्ट लगाया तो वो भी फ्रॉड रिपोर्ट लगाया जिसमें सत्यता रत्ती भर भी नहीं थी। एक तरह से देखा जाए तो बरसठी थानाध्यक्षों द्वारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को फ्रॉड रिपोर्टों की झड़ी लगा दी थी, ऐसा करने से उन्हें कोई डर नही था क्योंकि सारे पुलिस अधिकारी जानते हैं कि मुख्यमंत्री कार्यालय हमारा कुछ नहीं कर सकता अधिकतम यही हो सकता है वो है तबादला।
तत्कालीन बरसठी एसएचओ राम सरीख गौतम (पीएनओ संख्या : 960600467) ने मुख्यमंत्री को फ्रॉड रिपोर्ट सौंपकर मुख्यमंत्री व प्रदेश की जनता के साथ धोखा किया
सनद रहे कि बरसठी के पूर्व थानाध्यक्ष श्याम दास के भ्रष्टाचार व अत्याचारों से क्षेत्र की जनता त्राहि-त्राहि कर रही थी तब जाकर उसका तबादला लखनऊ सीबी सीआइडी में हो गया तब नए थानाध्यक्ष (Corrupt Officer) राम सरीख (पीएनओ संख्या : 960600467) आए लेकिन पिछले थानाध्यक्षों की गलती को सुधारने को कौन कहे इसने फिर फ्रॉड रिपोर्टों का सिलसिला, प्रदेश के मुख्यमंत्री को सच छिपाकर बरगलाने वाली रिपोर्ट देने लगा और जौनपुर के आला अधिकारी इसके सर पर अपना हाथ रखकर संरक्षण देते रहे।
इस उपरोक्त भ्रष्टाचारी राम सरीख ने राजकुमारी जी के शिकायत पर गॉंव की ही किसी अन्य राजकुमारी नाम की महिला का रिपोर्ट लगा दिया जो सन् 2020 का है जबकि राजकुमारी पति डॉक्टर रमाकांत गुप्ता की शिकायत सन् 2021 का है।
उस फ्राड रिपोर्ट में राजकुमारी नाम की महिला के पति का नाम मुन्नी लाल है जबकि वास्तविक राजकुमारी जो शिकायतकर्ता हैं उनके पति का नाम डॉक्टर रमाकांत गुप्ता है।
आगे, राम सरीख के भ्रष्टाचार वाले रिपोर्ट में विपक्षी : राम लाल गुप्ता पुत्र पंचम है जबकि वास्तविक राजकुमारी पत्नी डॉक्टर रमाकांत जिसने एसपी के विरूद्ध शिकायत किया था, के विपक्षी सुरेश चंद्र गुप्ता पुत्र रामचंद्र उर्फ राजाराम है।
. (पूर्व बरसठी थानाध्यक्ष राम सरीख (पीएनओ संख्या : 960600467)
द्वारा फ्रॉड रिपोर्ट की उपरोक्त छाया तस्वीर, मामला निस्तारित कर दिया गया)
' (पूर्व बरसठी थानाध्यक्ष राम सरीख (पीएनओ संख्या : 960600467)
द्वारा फ्रॉड रिपोर्ट की उपरोक्त छाया तस्वीर का स्क्रीनशॉट)
. (उपरोक्त पूर्व भ्रष्ट बरसठी थानाध्यक्ष के फ्रॉड रिपोर्ट पर पूर्व पुलिस
अधीक्षक जौनपुर ने मामले को संतोषजनक में परिवर्तित कर दिया,
का उपरोक्त स्क्रीनशाट लाल घेरे में)
. वास्तविक राजकुमारी पत्नी डॉक्टर रमाकांत गुप्ता
जी के मतदाता पत्र की छाया-प्रति
आइये जानते हैं कि मुख्यमंत्री को फ्रॉड रिपोर्ट भेजने पर लोगों कि क्या प्रतिक्रिया है :
भारतीय जनता पार्टी के भदोही जिला के महामंत्री सत्यशील गुप्ता का कहना है कि : ''मुख्यमंत्री को फ्रॉड रिपोर्ट भेजना लोकतंत्र के लिए एक खतरे की घंटी है। जनता जब
सत्यशील गुप्ता, भाजपा नेता (भदोही, उप्र)
संकट में रहती है तो वो थाना जाकर अपनी समस्या का निदान चाहती है लेकिन वहां का थानाध्यक्ष ही यदि फ्रॉड रिपोर्ट वो भी मुख्यमंत्री को भेजे तो इससे समझा जा सकता है कि वह थानाध्यक्ष कितना खतरनाक होगा और आम जनता के साथ वो क्या करता होगा। ऐसे थानाध्यक्ष के विरूद्ध कठोर से कठोर कार्यवाही होनी चाहिए और जिससे पूरे प्रदेश के अधिकारियों में एक कठोर संदेश जाए आगे इस तरह के फ्रॉड रिपोर्ट भेजने का कोई दु:स्साहस न कर सके।
. जौनपुर, उप्र के वरिष्ठ अधिवक्ता जगदीश त्रिपाठी
वहीं, जौनपुर के जाने-माने अधिवक्ता जगदीश त्रिपाठी का कहना है कि इस तरह का फ्रॉड रिपोर्ट देना जनता के साथ बहुत बड़ा धोखा है, इस तरह का कुकृत्य चारसौबीसी में आती है। प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ जो थानाध्यक्ष फ्रॉड रिपोर्ट भेज रहा हो, उसे तनिक भी भय न हो वो आम जनता के साथ क्या करता होगा, इस तरह के भ्रष्ट अधिकारियों को प्रमोशन देना सरकार द्वारा अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है, इस तरह के अधिकारी सत्ता पक्ष के छवि को आम जनता में खराब कर उनका जनमत कम कर देते हैं, ऐसे भ्रष्टाचारियों के विरूद्ध मुकदमा चलाना चाहिए।
. हिन्दू महासभा के कद्दावर नेता पंडित बाबा नंद किशोर मिश्रा
अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित बाबा नंद किशोर मिश्रा का कहना है कि जिस मुख्यमंत्री से माफिया थर-थर कांपते हों उसे फ्रॉड रिपोर्ट देना उसके कार्यालय को गुमराह करना अपराध की श्रेणी में आता है। ऐसे भ्रष्टाचारियों को ऐसी कठोर सजा होनी चाहिए कि भविष्य में इस तरह का अपराध करने का दु:साहस कोई भी थानाध्यक्ष न करने पाए। वैसे इस थानाध्यक्ष का रिकॉर्ड बहुत गंदा है, अपराधी मानसिकता वाले थानाध्यक्ष की ये जांच होनी चाहिए कि ये जेल जा चुका है तमाम धाराएं इसके उपर लग चुकी हैं फिर भी इसे थानाध्यक्ष किसने बनाया? ज्ञात हो कि पूर्व बरसठी थानाध्यक्ष रामसरीख गौतम (पीएनओ संख्या:960600467) का यूपी पुलिस के वेबसाइट के अनुसार निलंबित व उसके उपर खतरनाक धाराएं भी लग चुकी हैं, 03 दिसंबर 2001 से 02 मार्च 2002 तक निलंबित रहा, कारण मु0अ0स0 251/2001 धारा 147/148/149/352/504/506 भा0द0वि0 व 7 सीएलए एक्ट पंजीकृत होने एवं जेल जाना रहा। उपर के अधिकारी यदि उपरोक्त थानाध्यक्ष के विरूद्ध कठोर कार्यवाही नहीं करेंगे तो हम ऐसे भ्रष्टाचारियों के विरूद्ध आंदोलन चलाने के लिए बाध्य होंगे।
नोट : ये लेखक के अपने विचार हैं यह आवश्यक नहीं कि भारत वार्ता इससे सहमत हो ।
(किसी भी वाद-विवाद होने पर दिल्ली उच्च न्यायालय मान्य होगा )