Author: पुण्य प्रसून बाजपेयी

पुण्य प्रसून बाजपेयी के पास प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में 20 साल से ज़्यादा का अनुभव है। प्रसून देश के इकलौते ऐसे पत्रकार हैं, जिन्हें टीवी पत्रकारिता में बेहतरीन कार्य के लिए वर्ष 2005 का ‘इंडियन एक्सप्रेस गोयनका अवार्ड फ़ॉर एक्सिलेंस’ और प्रिंट मीडिया में बेहतरीन रिपोर्ट के लिए 2007 का रामनाथ गोयनका अवॉर्ड मिला।

विद्रोह की मशाल जलाने वालों ने पाला है मोदी का सपना
संथाल परगना : आजादी के बाद से जहां एक भी योजना पूरी नहीं हुई चुनाव में मोदी विकास की डुगडुगी बजाकर ...
मोदी के हनीमूनकाल बीतने का इंतजार तो कीजिये
रक्षा मंत्री की खोज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को करनी है और बीजेपी के अध्यक्ष की खोज संघ परिवार को करनी ...
आजादी के बाद पहली बार क्यों टकरा रहे हैं नेहरु परिवार और संघ परिवार
बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के निशाने पर नेहरु परिवार है। यानि जिस परिवार को कभी संघ परिवार ने ...
आजादी के बाद मुसलमानों की अग्नि-परीक्षा !
1952 में मौलाना अब्दुल कलाम आजाद को जब नेहरु ने रामपुर से चुनाव लड़ने को कहा तो अब्दुल कलाम ने ...
2014 के चुनावी लोकतंत्र में फर्जी वोटर का तंत्र
2014 के आम चुनाव में उतने ही नये युवा वोटर जुड़ गये हैं, जितने वोटरों ने देश के पहले आमचुनाव ...
विकल्प गायब है पीएम की रेस में
हार्वर्ड से लेकर लंदन स्कूल आफ इकनॉमिक्स तक के तीन धुरंधर अर्थशास्त्री कैसे चुनावी बरस में डगमगा गये, उसकी तासीर ...
सबसे खतरनाक है सियासी सपनों का सौदा
देश में सपनों की कमी नहीं और 2014 के लोकसभा चुनाव को लेकर हर राजनेता सपने बेचने को तैयार है। ...
राजनीति का सबसे बड़ा तमाशा है राजनेताओं की रईसी
यूपी सरकार के मंत्री विधायक बुधवार को पांच देशों के लिये रवाना हो गये और बुधवार की देर रात कर्नाटक ...
वाजपेयी-आडवाणी की राह पर मोदी ?
पीएम की दौड़ में नरेन्द्र मोदी जिस तेजी से सरदार पटेल को हथियाने में लगे हैं, उसने पहली बार यह ...