Author: पुण्य प्रसून बाजपेयी

पुण्य प्रसून बाजपेयी के पास प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में 20 साल से ज़्यादा का अनुभव है। प्रसून देश के इकलौते ऐसे पत्रकार हैं, जिन्हें टीवी पत्रकारिता में बेहतरीन कार्य के लिए वर्ष 2005 का ‘इंडियन एक्सप्रेस गोयनका अवार्ड फ़ॉर एक्सिलेंस’ और प्रिंट मीडिया में बेहतरीन रिपोर्ट के लिए 2007 का रामनाथ गोयनका अवॉर्ड मिला।

आतंकवाद का राष्ट्रवादी चेहरा
अगर मैं आपको आतंकित कर सकता हूं, तो यकीन जानिए अपनी सुविधानुसार आपको आतंकित न करने का मेरा फैसला लोकतंत्र ...
जहां आतंकवाद की दस्तक नहीं,वहां युद्ध की तैयारी है
आतंकवाद ने जहां दस्तक नहीं दी, वहां युद्ध की आहट हो रही है । आतंकवादी हिंसा ने अपना निशाना भारत ...
कहीं न्यूज चैनलों पर आक्रोष, बिजनेस तो नहीं
सुबह का वक्त है। आप न्यूज चैनलों में बार-बार झांक रहे है। आपको इंतजार है,चार महत्वपूर्ण राज्यों के चुनाव परिणामों ...
आरएसएस को हिन्दुत्व का पाठ पढ़ाएंगी सावरकर की पाती
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की मानें तो एटीएस पंचतंत्र की कहानी लिख रहा है। क्योंकि जो लोग मालेगांव ब्लास्ट के आरोपी ...
आतंकवाद के राजनीतिक संकेत को अंजाम देने की सामाजिक फितरत
छह दिसबंर 1992 को दोपहर दो से तीन बजे के दौरान नागपुर के महाल स्थित मोहल्ले में आरएसएस मुख्यालय के ...
साधु,सिपाही और मुस्लिम आतंकवाद में कहां है देश
आतंकवाद के घेरे में साधु और सिपाही के आने से झटके में मुस्लिम आतंकवाद पर विराम लग गया है । ...
बांटने वाली राजनीति के खिलाफ छात्र आंदोलन की जरुरत
1955 का वाकया है। बिहार रोड ट्रांसपोर्ट और पटना विश्वविद्यालय के बी.एन. कॉलेज के छात्रों के बीच किसी बात को ...
बाटला हाउस के इर्द-गिर्द
आतंकवाद से बड़ा है बटला इनकाउंटर और बटला से बड़े हैं अमर सिंह और अमर सिंह से छोटी है राष्ट्रीय ...
कश्मीर पर क्या यह हिन्दुत्व का डंका है !
दर्जनों सवाल इस तरह उठे, जैसे हम कश्मीर के हिमायती हैं और देश की नहीं सोच रहे हैं। और आप ...