Author: पुण्य प्रसून बाजपेयी

पुण्य प्रसून बाजपेयी के पास प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में 20 साल से ज़्यादा का अनुभव है। प्रसून देश के इकलौते ऐसे पत्रकार हैं, जिन्हें टीवी पत्रकारिता में बेहतरीन कार्य के लिए वर्ष 2005 का ‘इंडियन एक्सप्रेस गोयनका अवार्ड फ़ॉर एक्सिलेंस’ और प्रिंट मीडिया में बेहतरीन रिपोर्ट के लिए 2007 का रामनाथ गोयनका अवॉर्ड मिला।

2जी स्पैक्ट्रम घोटाला मामले में विश्लेषण की आगे की कड़ी !
2जी स्पैक्ट्रम घोटाले को देश का सबसे बड़ा घोटाला माना जा रहा है। देश की राजनीति में इस घोटाले ने ...
बिहार चुनाव की खामोशी
जहां राजनीति का ककहरा अक्षर ज्ञान से पहले बच्चे सीख लेते हों, वहां चुनाव का मतलब सिर्फ लोकतंत्र को ढोना ...
संघ के भीतर का अंधेरा
बीजेपी और संघ के वरिष्ठ चाहे समझौता एक्सप्रेस, मालेगांव, हैदराबाद और अजमेर ब्लास्ट पर खामोशी ओढ़े रहें लेकिन स्वयंसेवकों में ...
तपती जमीन तपते सवाल
पेड़ों को रखे आस-पास, तभी रहेगी मानसून की आस। दिल्ली से रानीखेत की तरफ जाते पहाड़ के गांवों की दीवार पर ...
कॉरपोरेट के आगे प्रधानमंत्री भी बेबस
ठीक एक साल पहले प्रधानमंत्री अपने नये मंत्रिमंडल में जिन दो सांसदों को शामिल नहीं करना चाहते थे, संयोग से ...
सरकार की पार्टनर मीडिया?
बॉलीवुड फिल्म ‘रण’ से लेकर ‘माय नेम इज खान’ और ‘गजनी’ से लेकर ‘थ्री इंडियट्स’ । कोई भी चर्चित फिल्म, ...
नक्सलबाड़ी के वसंत (कानू सान्याल) की खुदकुशी
1970 में जब कानू सन्याल को गिरफ्तार किया गया तो वह फौजी पोशाक पहने हुये थे। और चालीस साल बाद ...
खबरदार करते न्यूज चैनलों में खबर कहां है?
संसद के अंदर-बाहर महिला आरक्षण बिल को लेकर हंगामा था। तमाम न्यूज चैनलों में बहस चल रही थी कि आरक्षण ...
देश को संसद नहीं पूंजी चलायेगी
2004 में चंदौली में माओवादियो ने विस्फोट से एक ट्रक को उड़ा दिया था । उस वक्त उत्तर प्रदेश में ...