Author: निर्मल रानी

अंबाला की रहनेवाली निर्मल रानी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट हैं, पिछले पंद्रह सालों से विभिन्न अखबारों, पत्र-पत्रिकाओं में स्वतंत्र पत्रकार एवं टिप्पणीकार के रूप में कार्य कर रही हैं ।

समाज के नैतिक पतन का प्रतीक है यौन शोषण की बढ़ती घटनाएं
संस्कार,संस्कृति,चरित्र और सदाचार की बढ़ चढ़ कर बातें करने वाले भारत वर्ष में लड़कियों के यौन शोषण ...
जनमत का अपमान करते ये “थाली के बैंगन “
राजस्थान की राजनीति में गत दिनों एक बार फिर स्वार्थी व सत्ता की घोर चाहत रखने वाली राजनीति का ...
उचित नहीं धार्मिक विषयों का राजनीतिकरण
हमारे देश में राजनेताओं द्वारा लोकलुभावन राजनीति किए जाने की शैली ने राजनीति का स्तर इतना गिरा दिया है ...
बड़े नोटों पर प्रतिबंध परंतु आटा 25 रुपये किलो?
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों पांच सौ तथा एक हज़ार रुपये की नोट का प्रचलन बंद किए ...
वायु प्रदूषण:एक अनियंत्रित होती समस्या
बीती दीपावली में एक बार फिर पूरे देश में ज़हरीली गैस वातावरण में फैलने का स्तर पहले से कई ...
प्रसिद्धि के भूखे यह स्वयंभू नेता
प्रसिद्धि की चाहत आखिर किसे नहीं होती? खासतौर पर वह लोग जिनके शरीर में नेतागीरी के कीटाणु प्रवाहित हो ...
भारतीय रेल:अहितकारी साबित होती हितकारी योजनाएं
भारतीय रेल भारत सरकार का एक ऐसा विशाल प्रतिष्ठान है जहां विकास व रख-रखाव के मद्देनज़र 12 महीने व ...
अब बलात्कारियों को भी धर्म के नाम पर संरक्षण ?
देश में बढ़ते जा रहे सांप्रदायिक व जातिवादी वैमनस्य व इसके चलते दिनों-दिन बढ़ती जा रही असहिष्णुता के समाचार ...
महिलाओं को गुलाम बनाकर रखना चाहता हैै पुरूष समाज
आधी आबादी और रूढि़वादी सोच हमारे देश में महिलाओं ...