Author: निर्मल रानी

अंबाला की रहनेवाली निर्मल रानी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट हैं, पिछले पंद्रह सालों से विभिन्न अखबारों, पत्र-पत्रिकाओं में स्वतंत्र पत्रकार एवं टिप्पणीकार के रूप में कार्य कर रही हैं ।

मिलावटख़ोरी देश के लिये कलंक
वैसे तो जब भी भारत में मनाये जाने वाले प्रमुख त्यौहार क़रीब आते हैं उस समय खाद्य सामग्री ...
ख़ास लोगों की बनती जा रही आम जन की ट्रेन ?
नवरात्रि के अवसर पर पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की पहली रैपिड रेल सेवा का उद्घाटन किया। ...
मुंबई – गोवा महामार्ग पर जानलेवा गड्ढों का साम्राज्य
जब कभी स्थानीय मार्गों,महामार्गों या राज मार्गों पर गड्ढों की या उनके क्षतिग्रस्त होने की बात होती थी ...
भ्रष्टाचार को उजागर करते बाढ़ के बाद के दृश्य
प्रकृति ने पिछले दिनों हुई बेतहाशा बारिश पर लगाम लगा तो ज़रूर दी है परन्तु बाढ़ व ...
राजनैतिक दलों को तोड़ती विरासत की दावेदारी
राजनैतिक विरासत की दावेदारी को लेकर पारिवारिक घमासान की ख़बरें तो स्वतंत्रता के बाद ही उसी समय आनी शुरू ...
घोर दुर्दशा का शिकार ग्रामीण भारत
भारत के विकसित व समृद्ध राज्यों से गुज़रने वाले चमचमाते राजमार्ग,उन पर बने व बन रहे फ़्लाई ओवर आदि ...
बेमौसम बारिश के आगे बेबस अन्नदाता
पिछले दिनों अमृतसर -जयनगर - अमृतसर रेल मार्ग से गुज़रते हुये लगभग 1500 किलोमीटर की यात्रा करने का अवसर ...
‘चीख़’ कि लब आज़ाद हैं तेरे
वायु व जल प्रदूषण से पहुंचने वाले नुक़सान को लेकर जिस तरह हमारा भारतीय समाज अभी तक पूरी तरह ...
लो आ गया पत्रकारिता का ‘गटर काल’
देश इन दिनों बड़े ही अजीब-ो-ग़रीब दौर से गुज़र रहा है। मुख्यधारा का भारतीय मीडिया जो सत्ता के समक्ष ...