Author: अर्पण जैन "अविचल"

मासूम सा सवाल, मासूम सी जिंदादिली

कश्मीर की आज़ादी, 370 का हटना, 35ए का समाप्त होना, कश्मीरियत का हिंदुस्तानी तिरंगे में लिपट-सा जाना, चश्म-ए-शाही का मीठा ...

कमरे में कौन है किसका हत्यारा ?

हत्या किसकी पार्टी या विचारधारा की, नेता या नेतृत्व की, जनता या जनादेश की, जनमत या ध्वनिमत की, वंशवाद या ...

विद्रोह के पथ पर ‘यायावर गणतंत्र’

गणतंत्रीय गरिमा के प्रभुत्व से आलौकिक, जन के तंत्र के साथ मजबूती से सामंजस्य बनाता भारत का संविधान और एक ...

सनद रहे ! देश में आम चुनाव है…

अफरा-तफरी का दौर शुरू हो गया, आवाजाही पर संदेह शुरू है, बैण्ड बाज़ा बारात भी तैयार है, हर तरफ चुनावी ...

हिन्दी साहित्य का पक्ष रखने के लिए प्रवक्ताओं की आवश्यकता

हजारों-हजार सालों का हिन्दी का समृद्धशाली इतिहास और गौरवशाली वर्तमान जिस पर सम्पूर्ण विश्व अपना समाधान खोजता है। बात यदि ...

भारतीय राजनीति के एक युग का अंत….

पोखरण के महानायक रहे अटल बिहारी वाजपेयी जो जिया हो भारत भारती के लिए, जिसने ताउम्र केवल राष्ट्र जिया, कविता के ...

अनिवार्य शिक्षण में शामिल होने से बचेगा हिन्दी का भविष्य

भारत बहु भाषी और बहु सांस्कृतिक समन्वय वाला राष्ट्र है, जहाँ 'कोस-कोस पर बदले पानी, चार कोस पर वाणी' बदल ...

खतरे में है भारत की सांस्कृतिक अखंडता और विरासत

भारत देश एक बहु-सांस्कृतिक परिदृश्य के साथ बना एक ऐसा राष्ट्र है जो दो महान नदी प्रणालियों, सिंधु तथा गंगा, ...

योग: कर्मसु कौशलम्

भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक इकाई का वृहद ढांचा इस राष्ट्र के संस्कार और सचेतक समाज से हैं | विस्तृत ...

सुलगी हुई घाटी की नई आफत

दिन ढलने को था, आसमान से श्वेत कबुतर अपने आशियानों की तरफ लौटने ही वाले थे, कहवा ठण्डा होने जा ...