राजस्थान का एक गाँव महिलाओं की मुहिम के चलते शराब मुक्त बन गया है। राजसामंड जिले की भीम तहसील के कच्छबली गाँव की है ये घटना । यहाँ महिलाओं के मुहिम के चल्ते अब कभी शराब नहीं मिल सकेगा । यह सब यहां की सरपंच गीता कुंवर के सराहनीय और अथक प्रयासों से हुआ है। गांव के सभी लोगों ने वहां मौजूद शराब की दुकान को बंद करवाने के लिए वोटिंग की जिसमें सफलता मिली।
गीता के तरफ से उनके पति महेन्द्र सिंह ने कहा कि पिछले साल पंचायत चुनाव में प्रचार के दौरान गांव की महिलाओं ने गीता से कहा था कि अगर शराब पर पूरी तरह से प्रतिबंध लग जाए तो दुर्घटनाओं और अपराधिक दर में काफी कमी आ जाएगी।
उन्होंने आगे बताया कि, ‘महिलाओं ने कहा कि पुरुषों को शराब से दूर करके घरेलू हिंसा को अधिक से अधिक कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इससे अपराधों के ग्रॉफ में भारी कमी आएगी। मेरी पत्नी ने उन्हें भरोसा दिया था कि वह गांव की एकमात्र शराब की दुकान को बंद करने के लिए काम करेंगी। जीतने के बाद महिलाओं ने उन्हें अपना वादा नहीं भूलने दिया। वे पूछती रहतीं कि शराब का दुकान कब बंद होगा। दुकान को बंद करने की प्रक्रिया जानने के बाद हमने अभियान आरंभ किया। हम ऐसा अगले वित्त वर्ष तक करने के लिए प्रतिबद्ध थे। छात्र भी हमारे इस अभियान से जुड़े। इसलिए हमें इतनी जबर्दस्त प्रतिक्रिया मिली।’
गाँव के लोगों नें कहा कि सरपंच शराबबंदी को लेकर नेतृत्व कर रही हैं। इसके लिए महिलाओं का अधिक से अधिक समर्थन मिला है। कलेक्टर अर्चना सिंह ने कहा, ‘नशा मुक्ति कैंपेन के नतीजे बहुत अच्छे रहे हैं। हमने यहां महिला शक्ति को खड़े होते देखा है।’
सामाजिक कार्यकर्ता रीता राय नें कहा कि महिलाओं को इस तरह समाज सुधार के कार्यों में आगे आना चाहिए जिससे उनके जीवन में निखार आ सके।