बम धमाकों से दहल गई मुंबई

मुंबई एक बार फिर दहल गई है। जवेरी बाजार, ऑपेरा हाउस और दादर में धमाके हुए। 21 लोगों के मारे जाने की सरकारी पुष्टि हो चुकी है और करीब सवा सौ लोग घायल हैं। शहर के इन सबसे भीड़ भरे तीन इलाकों की तासीर एक ही है। तीनों बेहद व्यस्ततम व्यापारिक इलाके हैं। जवेरी बाजार देश का सबसे बड़ा सोने का थोक बाजार है, ऑपेरा हाउस देश का सबसे बड़ा डायमंड बाजार और दादर रिटेल बाजार है। लेकिन तीनों ही इलाके बेहद भीड़भाड़ वाले हैं। हालांकि दादर मध्य मुंबई में है और जवेरी बाजार और ऑपेरा हाउस दोनों दक्षिण मुंबई में है। मगर तीनों ही इलाकों की तासीर यही है कि शाम के समय यहां लोगों की आवाजाही कुछ ज्यादा ही बढ़ जाती है।

जवेरी बाजार न केवल मुंबई बल्कि देश का सबसे बड़ा सोने का बाजार है। यहां देश भर से सोने के खरीददार आते हैं। साथ ही शाम के समय सड़कों पर लोगों की संख्या करीब तीन गुना से भी ज्यादा हो जाती है। देश का विख्यात और मुंबई की आराध्य देवी मुंबादेवी का मंदिर भी यहीं पर जवेरी बाजार में ही है। जवेरी बाजार में बम ब्लास्ट उस पतली सी खाऊ गली में हुआ, जो सिर्फ 40 फीट चौड़ी और 100 मीटर लंबी है। जबकि इतनी सी जगह में शाम के वक्त करीब चार से पांच हजार लोग वहां मौजूद होते हैं। इसके आसपास की दूसरी गलियां धनजी स्ट्रीट और मिर्जा स्ट्रीट वगैरह भी काफी संकरी है। यही वजह रही कि आतंकवादियों ने फांच साल बाद इक बार फिर इसी इलाके को निशाने पर लिया।

 

ऑपेरा हाउस का नाम पूरी दुनिया में देश के सबसे बड़े डायमंड हब के रूप में विख्यात है। शाम के वक्त वहां के हालात भी कमोबेश जवेरी बाजार जैसे ही होते हैं। हीरा बाजार के इस इलाके में जिस इमारत में विस्फोट हुआ, उस प्रसाद चेंम्बर नामक इमारत में देश की ही नहीं दुनिया भर की बड़ी बड़ी डायमंड कंपनियों के दफ्तर हैं। साथ ही वहां शाम को इतनी भारी भीड़ रहती है कि तिल रखने की भी जगह नहीं होती। हीरे के बहुत सारे व्यापारी शाम के वक्त सड़कों पर ही अपना कारोबार करते हैं। आतंकवादियों ने इसीलिए इस इलाके पर अपना निशाना साधा।

 

मध्य मुंबई का सबसे भीडभाड़ वाला इलाका दादर, शाम के वक्त घर जानेवाले लोगों से अटा पड़ा रहता है। मुंबई की सेंट्रल और वेस्टर्न रेलवे को जोड़नेवाले दादर में शाम के वक्त लोग तो बहुत बड़ी तादाद में आते जाते हैं, स्कूल से भी बच्चे भी इसी वक्त बड़ी संख्या में एक साथ घर लौटते हैं। वैसे बम ब्लास्ट के दिन बुधवार को दादर में ही पास के सिद्धि विनायक मंदिर जानेवालों की भी बहुत भारी भीड़ होती है। फिर शिवसेना का मुख्यालय भी दादर में ही है। हालांकि कबूतर खाना जहां, धमाका हुआ, वह पूर्ण रूप से रिटेल का बाजार है। सो, लोग काफी संख्या में हर वक्त रहते हैं। आतंकवादियों ने वहां भी धमाका इसी मंशा से किया, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को आसानी से निशाना बनाया जा सके।

 

2008 में लश्कर के आतंकियों ने मुंबई को बंधक बनाया था और देशी विदेशी 166 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। तीन साल के भीतर मुंबई पर हुई यह आतंकी कार्रवाई वैसी नहीं है जैसी 26/11 की थी लेकिन छिपकर ही सही आतंकियों ने एक बार फिर मुंबई की मेहनतकश जनता को निशाना बनाकर अपना घिनौनापन उजागर किया है। शाम को हुए विस्फोट के बाद देर रात सुरक्षा एजंसियों ने यह कहना शुरू कर दिया है कि इस आतंकी हमले में किसी देसी आतंकी संगठन का हाथ हो सकता है। सच्चाई सामने आने में थोड़ा वक्त लगेगा, लेकिन शाम 6.50 मिनटे पर मुंबई के जवेरी बाजार में हुए पहले विस्फोट के बाद दस मिनट के अंदर सिलसिलेवार ढंग से किये गये ये तीनों विस्फोट सोच समझकर और रणनीति बनाकर किये गये हैं।