जानिए इस दीवाली को वास्तु अनुसार कैसे बनाये लाभकारी

 दीपावाली की तैयारी यूं तो दशहरे के दिन से ही शुरू जाती है। लोग अपने घर को खूब सजाना चाहते हैं ताकि लक्ष्मी माता प्रसन्न होकर उनके घर में प्रवेश करे। लेकिन कई बार घर को ज्यादा सुंदर बनाने के चक्कर में ऐसी गलतियां कर बैठते हैं कि वास्तु के विपरीत स्थितियां बन जाती हैं इसलिए घर को सजाते समय वास्तु का ध्यान भी जरूर रखें।

वास्तुशास्त्र या वास्तुवेद, ऐसी परंपरागत प्रणाली है, जो वस्तुओं की दिशात्मक नियुक्ति के सिद्धांत पर निर्भर करती है। कुछ लोग दीपावली के दिन अपनी किस्मत आजमाते हैं, तो कुछ उसे संवारने का यथा संभव प्रयास करते हैं।

वास्तुविद पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार किसी भी व्यापार की समृद्धि में ‘धनात्मक ऊर्जा’ का बहुत महत्व होता है। जैसा कि नाम से स्पष्ट है ‘धनात्मक ऊर्जा’ धन से भी सम्बन्ध रखती है। चाहे घर की खुशहाली हो अथवा व्यापार की समृद्धि, दोनों ही बिना धन के अधूरे रहते हैं। दीपावली एवं उससे सम्बन्धित सभी त्यौहार धन वृद्धि के ही उद्देश्य की पूर्ति करते हैं।

वास्तुविद पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार आप यह तो जानते ही होंगे कि किस्मत लक्ष्मी के नाम से मशहूर है। दिवाली के दिन धन की देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए आप अपने घर व ऑफिस दोनों ही स्थान पर वास्तु के अनुसार पूजन कर सकते हैं।

वास्तु से आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। और यह भी जानी-मानी बात है कि माता लक्ष्मी उसी के घर पर आती हैँ जिसका घर उन्हें साफ-सुथरा मिलता है। वास्तु के हिसाब से काली चौदस यानी की दिवाली के दूसरे दिन भी घर को साफ करना चाहिये।

हम सभी जानते हैं कि वास्तु में मुख्य द्वार की विशेष भूमिका है। इसलिए दिवाली पर मां लक्ष्मी को खुश करने के लिए मुख्य द्वार की साफ-सफाई से लेकर दरवाजें को सजाने का विशेष ध्यान रखा जाता है। वास्तु में स्थान की सफ़ाई एवं स्वच्छता को विशेष महत्व दिया गया है।

 कबाड़ में रखी वस्तुओं से नकारात्मक उर्जा का संचार होता है। घर की सुंदरता और सजावट देखकर अगर लक्ष्मी माता आपके घर आ भी जाएंगी तो कबाड़ से निकलने वाली नकारात्मक उर्जा के प्रभाव के कारण वापस लौट जाएंगी।

उनके अनुसार दूसरी बात यह याद रखें कि घर को महल की तरह सजा लें और घर के चारों तरफ और छत पर गंदगी को कूड़ा जमा हो तब मां लक्ष्मी आपके घर की ओर देखेंगी भी नहीं। यह उसी प्रकार गलत प्रभाव डालता है जैसे बाहर से गंदी गिलास में आप किसी को शरबत दें। व्यक्ति गिलास को देखकर ही शरबत पीने से इंकार कर देगा।

वास्तुविद पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार यदि आपके घर के आगे या उत्तर दिशा की ओर गड्ढ़ा है तो उसे भरवाकर समतल करवा दें। इससे वास्तु दोष दूर होगा और अनुकूल स्थितियां बनेंगी।

— जिन लोगों के घर का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा की ओर है उन्हें मुख्य द्वार पर पिरामिड या लक्ष्मी गणेश की तस्वीर लगानी चाहिए। आपके घर का मुख्य द्वार पूर्व दिशा या उत्तर दिशा की ओर है तो उत्तर पू्र्व दिशा को विशेष रूप से सजाएं।

—- घर दरवाजे और खिड़कियों पर सरसों तेल लगाकर उन पर स्वास्तिक चिन्ह बनाएं और शुभ लाभ लिखें। दरवाजे में तेल लगाने के पीछे एक बड़ा कारण यह है कि दरवाजा खुलते और बंद होते समय आवाज नहीं आए।

—–दीपावली के मौके पर बहुत से लोग टीवी और फ्रीज की खरीदारी करते हैं। टीवी और फ्रीज को उत्तर अथवा पूर्व दिशा की ओर मुख करके लगाएं। ड्राइंग रूम में भारी समानों को दक्षिण या पश्चिम दिशा की दीवार से सटाकर रखें।

—- वास्तु के अनुसार दरवाजे पर तोरण लगाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा नहीं आती वहीं चांदी का स्वस्तिक लगाने से सभी का ध्यान रखना चाहिए। दिवाली से पहले घर के दरवाजे पर सुंदर और कलरफुल तोरण बांधना चाहिए। कोशिश करें कि तोरण आम की पत्ती, पीपल, अशोक के पेड़ कनेर के पत्तों का होना चाहिए। कहा जाता है इन चीजों के तोरण बनाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा नहीं आती।

आइए जानें दिवाली पर वास्तु अनुसार क्या चीजें रखें जिससे मां लक्ष्मी आपके घर जरूर आएं।

—- घर के दरवाजे पर मां लक्ष्मी के पैर का चिन्ह जरूर लगाने चाहिए। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि पैर की दिशा अंदर की तरफ होनी चाहिए। घर के दरवाजे पर चांदी का स्वस्तिक लगाना बेहद शुभ माना जाता है। वास्तु के अनुसार इससे घर में बीमारी नहीं आती।

—- पानी में नमक मिलाइये और इसे पूरे घर के कोने-कोने में छिड़किये। वास्तु के हिसाब से नमक घर की बुरी ऊर्जा को सोख लेता है।

—  वास्तुविद पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार घर में उत्तर दिशा को कुबेर स्थान बोला जाता है। सुनिश्चित करें कि माता लक्ष्मी की मूर्ति यही पर रखी जाए और गणेश जी की मूर्ति उनके दाहिने साइड में हो। इसके अलावा मूर्तियों को लाल रंग के कपडे़ में सजाइये।

—- कहा जाता है कि बहता हुआ पानी घर की सारी नकारात्मक ऊर्जा को अपने साथ बहा ले जाता है। तो ऐसे में आपभी अपने घर में कोई छोटा सा झरना लगाइये और यह झरना घर के नार्थ-ईस्ट दिशा में लगा होना चाहिये।

—- दिवाली से पहले घर में अष्ठमंगला का चिन्ह जरूर लगाएं। अष्ठमंगला के ऊपर दरअसल कमल रखा जाता है और कमल पर मां लक्ष्मी विराजती हैं।

—- अगर घर के दरवाजे पर रंगोली स्वास्तिक या फिर ओम का चिन्ह बना रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि इन्हें घर के पूर्व और उत्तर में ही बनाएं।

—- घर के दरवाजे पर एक ट्रे में पानी और फूल भरकर पूर्व और उत्तर दिशा की तरफ रखने से घर के मालिक को काफी फायदा होता है।

इसके अलावा निम्न बातों का भी रखें ध्यान —

फेंकने योग्य सामान:—

ऐसी किताबों, अखबारों, खिलौनों व बर्तनों को दान कर दें, जो आपकी जरूरत के नहीं हैं। ऐसा करके आप पुण्य के भागी तो बनेंगे ही, नकारात्मक ऊर्जा से भी बच सकेंगे। अगर आप घर रंगवा सकते हैं, तो यह और भी अच्छा है।

रंगोली:—

देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए घर के प्रवेश द्वार पर रंगोली बनायें, इसके लिए आप चावल, बालू या रंगीन पाउडर का प्रयोग कर सकते हैं।

सौंदर्यीकरण:—

मुख्य द्वार को फूलों या पत्तियों से सजायें, दरवाजों पर रंगीन पर्दे लगायें और लक्ष्मी का स्वागत करें।

दीये:—

घर की चाहरदीवारी पर चार दीयों को एक साथ रखें क्योंकि चार दीयों का अर्थ है लक्ष्मी, गणेश, कुबेर और इंद्र।

पूजा:—

देश के उत्तरी भाग में दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा जरूरी मानी जाती है। पूजा के लिए घर में अच्छी खुशबू वाली अगरबत्ती जलायें और भगवान गणेश और लक्ष्मी का पूजन करें।

दीपावली के उपहार:—

मिठाइयां बाटें, लेकिन पटाखे ना बांटें। उपहार में चाकू या चमड़े के सामान ना दें। काले कपड़े ना भेंट करें

इस दीपावली पर आप सभी को मेरी (पण्डित “विशाल” दयानन्द शास्त्री) और से ढेरों शुभकामनाएँ। आपके जीवन में भी स्वर्ण के साथ-साथ खुशियों और समृद्धि की बरसात होती रहे। ईश्वर से मेरी यही शुभ मंगल कामना हैं।।