एनआईए के डीएसपी तंजील अहमद के हत्या ने सभी को झकझोर के रख दिया। इस वारदात ने जहां राज्य में कानून और व्यवस्था पर सवाल खड़े किए वहीं इस हत्या के तार को पठानकोट हमले की जांच से जोड़कर भी देखा जा रहा है। जांच एजेंसियां इस तंजील अहमद के कत्ल की जांच तो कर रही हैं लेकिन अभी तक ये साफ नहीं हो पाया है कि आखिर इस जघन्य हत्या के पीछे किसका हाथ हो सकता है।
अब जो खबरें आ रही हैं वो एनआईए के डीएसपी तंजील अहमद के कत्ल के मामले में जांच के दायरे को बढ़ा सकती हैं। यूपी में स्टुडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ़ इंडिया यानि सिमी का नेटवर्क बहुत मजबूत है। यूपी एसटीएफ के मुताबिक सिमी के इसी नेटवर्क को तोड़ने के काफी नजदीक पहुंच गए थे तंजील अहमद।
उत्तर प्रदेश एसटीएफ के मुताबिक सिमी के नेटवर्क को तोड़ने के लिए डीएसपी तंजील अहमद ने जिस तरीके से काम किया वो कोई दक्ष अंडरकवर एजेंट ही कर सकता है। एसटीएफ के मुताबिक तंजील अहमद के बारे में शायद दुश्मनों को खबर लग गई थी उसी के चलते इतने खौफनाक तरीके से उन्हें मार डाला गया ।
मामले की जांच कर रही एनआईए के मुताबिक तंजील अहमद के दोनों बच्चों, 11 साल के बेटे और 15 साल की बेटी ने जो बयान दिए हैं उससे कुछ विशेष सहायता नही मिलती नहीं दिख रही है। बच्चों ने बताया कि हमलावरों ने अपने चेहरे पूरी तरह छिपा रखे थे । फिलहाल ये बच्चे ही घटना के प्रत्यक्षदर्शी हैं, उनके बयान के आधार पर जांच एजेंसी हमलावरों का सुराग खोजने की में लगी है।