विवादित अगस्टा वेस्टलैंड वीवीआईपी चॉपर डील मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। ईटली के मिलान कोर्ट ने अपने 225 पेजों के जजमेंट में यह साफ कहा गया है कि वीवीआईपी हेलीकॉप्टर डील में पूर्व भारतीय वायु सेना के चीफ एसपी त्यागी भी शामिल थे।
ईकॉनॉमिक टाइम्स के मुताबिक ईटली कोर्ट ने अपने जजमेंट के 17वें पेज पर एसपी त्यागी को इस मामले में दोषी मानते हुए कहा कि पूर्व भारतीय वायुसेना चीफ भी इस भ्रष्टाचार में भागीदारी थे, साथ ही कई अन्य कांग्रेस बड़े नेताओं का भी जिक्र किया है।
बता दें कि एसपी त्यागी 2005-2007 के बीच वायुसेना की प्रमुख के तौर पर कार्यरत थे। उनके समय में ही वीवीआईपी चॉपर डील हुआ था। जिसमें उनकी भागीदारी बताई जा रही है। इस बीच, एनडीटीवी के मुताबिक पूर्व एयर चीफ मार्शल एसपी त्यागी ने कहा है कि ये पूरा मामला अभी भारत सरकार के पास है। अगर मैं दोषी हूं तो पूरी सरकार भी दोषी है।
बता दें कि ईटली की कोर्ट ने अगस्टा वेस्टलैंड कंपनी के प्रमुख उर्सी और हेलीकॉप्टर बनाने वाली कंपनी फिनमेक्कनिका को भ्रष्टाचार का दोषी माना है। लगभग 3600 करोड़ के इस डील में तकरीबन 125 करोड़ का रिश्वत दिया गया था।
अगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील में इटली सरकार का फैसला आने के बाद राजनीति में फिर से हड़कंप मच गई है। कोर्ट अपने जजमेंट में साफ कहा है कि इस डील में रिश्वतखोरी हुई है और बड़ा घोटाला हुआ है।
इस घोटाले में रक्षा मंत्रालय, उस वक्त सत्ता में रही सरकार और कांग्रेस के कई दिग्गज नेता शामिल थे। इस फैसले ने कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। कोर्ट ने हेलीकॉप्टर बनाने वाली कंपनी फिनमेक्कनिका को घूस देने का दोषी माना है और ऊर्सी को साढ़े चार साल की सजा सुनाई है। कंपनी ने भारत के साथ 3600 करोड़ रुपए में 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों का सौदा किया था।
कोर्ट ने अपने जजमेंट में कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं के नाम लिए हैं। कॉपी में साफ लिखा है कि पूर्व वायुसेना प्रमुख के सी त्यागी, अहमद पटेल, सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह इसमें शामिल थे। दरअसल कोर्ट ने Signora gandhi कहा, जिसका मतलब सोनिया निकाला जा रहा है। इटली में सोनिया का मतलब होता है लेडी। इस मामले में रक्षा मंत्रालय ने कोताही बरती और भ्रष्टाचार का खुलासा नहीं होने दिया।
गौरतलब है कि भारत ने इटली की कंपनी फिनमेक्कनिका कंपनी से 12 अगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर खरीदने का साल 2010 में 3600 करोड़ में करार किया था, जिनमें से तीन हेलीकॉप्टर की सप्लाई हो चुकी है और इसके लिए कंपनी को 30 फीसदी रकम का भी भुगतान कर दिया गया है।
ज्ञात रहे कि सीबीआई ने अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे में इटली की एक अदालत के आदेश की प्रति हासिल करने में कूटनीतिक माध्यमों की मदद के लिए विदेश मंत्रालय से संपर्क किया है। सूत्रों ने कहा कि एजेंसी ने मामले में जांच के अपने घरेलू हिस्से को पूरा कर लिया है लेकिन आठ देशों को भेजे गये न्यायिक अनुरोध अब भी लंबित हैं।
उन्होंने कहा कि एजेंसी मीडिया की खबरों के आधार पर प्रतिक्रिया नहीं दे सकती और मिलान की कोर्ट्स ऑफ अपील द्वारा जारी आदेश की प्रति हासिल करने के बाद ही कोई कार्रवाई संभव होगी। मिलान की यह अदालत भारतीय न्याय व्यवस्था में उच्च न्यायालयों के समकक्ष है। सूत्रों के अनुसार इतालवी भाषा का आदेश मिलने पर एजेंसी इसका प्रामाणिक अनुवाद कराएगी और वहां अदालत द्वारा की गई टिप्पणियों का संज्ञान लेगी।
सनद रहे कि निचली अदालत के आदेश को पलटने वाली मिलान कोर्ट ऑफ अपील्स ने फिनमेक्कानिका के पूर्व प्रमुख गिउसेप्पी ओर्सी को भारत से 3600 करोड़ रुपये में 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों के सौदे में गलत हिसाब-किताब और भ्रष्टाचार के लिए साढ़े चार साल कैद की सजा सुनाई थी। वहीं फिनमेक्कानिका की हेलीकॉप्टर निर्माण इकाई अगस्ता वेस्टलैंड के पूर्व सीईओ ब्रूनो स्पागनोलिनी को चार साल कैद की सजा सुनाई गई है।
और तो और इटली के अखबारों ने दो साल पहले फ़रवरी 2014 में सोनिया गाँधी और अहमद पटेल के द्वारा इस सौदे के दलाल और फेनोनिका कम्पनी के मालिक को लिखी चिठ्ठी छापी है .. एक चिठ्ठी में अहमद पटेल लिखते है की मैडम अमेरिका में इलाज के दौरान आपसे मिलेंगी …
दूसरी चिठ्ठी खुद सोनिया ने लिखी है और कहा है की आप परेशान मत हो ये सौदा आपको ही मिलेगा
मुद्दा ये नहीं है की पहली बार दुनिया की किसी बड़ी अदालत ने खुलेआम सोनिया गांधी और उनके गुर्गों का नाम लेते हुए एक बड़ा फैसला सुनाया … जिसे पूरी दुनिया ने गौर से सुना भी ।
मुद्दा ये है की बॉर्डर पर मर रहे सैनिकों के लिये उस UPA सरकार के पास फंड नहीं था …सोचिये कि जिस देश का सेनाध्यक्ष देश के PM और डिफेंस मिनिस्टर को पत्र लिख कर ये बताता हो कि हमारे सैनिकों के पास दो दिन की जंग झेलने लायक भी गोला बारूद नही है … वो भी एक बार नहीं बार बार ,ये भी सोचिये कि मर रहे सैनिकों के लिये बुलेटप्रूफ जैकेट और गोला बारूद की व्यवस्था करना तो दूर .. पत्र के जवाब भी नहीं दिए जाते थे ये उदाहरण है आज के 7-8 साल पहले के कांग्रेस की UPA सरकार की । ये वही समय था जब कांग्रेसियों की माँ इटली वाली बार डांसर और अहमद पटेल ऑगस्टा वेस्टलैंड से अरबों के लग्जरी हेलिकॉप्टर डील में अपना-अपना कमीशन पूरी तरह से सेट कर रहे थे लेकिन VVIP के लिये लग्जरी हेलिकॉप्टर सौदे के लिये इन देश के गद्दारों के पास फंड था पर सेनाध्यक्ष के पत्र का उत्तर देने का समय नहीं था पर दलालों को आश्वस्त करने के लिये लव लेटर लिखने का भरपूर समय था। सोचिये इन गद्दारों ने मीडिया के साथ मिलकर जनरल वीके सिंह को फंसाने के लिए क्या-क्या षडयंत्र नहीं किया और गौर करने वाली बात ये भी है कि इस घोटाले की जांच सीबीआई द्वारा भारत में हो रही है इटली में तो अदालत ने रिश्वत देने वालों को सजा भी सुना दी है पर भारत में पिछले दो सालों में सीबीआई ने कितनी बार आरोपियों को पूछताछ के लिये सम्मन जारी किये, बिलकुल नहीं। ये हाल है भाजपा सरकार का जो भ्रष्टाचार मुक्त व कांग्रेस मुक्त भारत बनाएगी।
इटली में घुस देने वाले लोग जेल में बंद है .. और घूस लेने वाले मजे से ऐश कर रहे है ..इटली की स्थित सुप्रीमकोर्ट ने अंतिम फैसला सुना दिया .. जिसमे साफ साफ लिखा है की मनमोहन सिंह, आस्कर फर्नांडिस, अहमद पटेल, सोनिया गाँधी ने २०० करोड़ रूपये लिए ..।
जी हाँ ,, ये कोई जाँच रिपोर्ट नही बल्कि इटली के सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला है .. और घूस देने वाले २० लोगो को चार सालो के लिए जेल भेज दिया गया है .. जिसमे फिनमेकेनिका कम्पनी का मालिक तक शामिल है .. ये भी खुलासा हुआ की घूस की रकम अमेरिका में दी गयी .. यानी अब खुलासा हुआ की ये धूर्त सोनिया गाँधी अपनी गुप्त रोग का इलाज इतने गुप्त तरीके से करवाने क्यों बार बार अमेरिका जाती थी .. अब मोदी सरकार के आते ही अचानक इसका गुप्त रोग छू मंतर हो गया।
पहली बार किसी घोटाले में सीधे तौर पर सोनिया गांधी का नाम सामने आया है। वीवीआईपी अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे में रिश्वतखोरी के मामले में इटली की अदालत ने सोनिया गांधी को “Main Driving force” यानी असली गुनहगार करार दिया है। इटली की अदालत में चले मुकदमे में 125 करोड़ रुपये कमीशन लेने का आरोप साबित हुआ है। सोनिया के अलावा मनमोहन सिंह, अहमद पटेल और ऑस्कर फर्नांडिस के नाम भी घोटाले में शामिल लोगों में हैं।
इटली में मिलान शहर की अदालत के फैसले के पेज नंबर-193 और 204 पर कुल मिलाकर 4 बार सोनिया गांधी का नाम आया है। इसमें उनके नाम की स्पेलिंग Signora Gandhi लिखा गया है। कोर्ट ने कहा है कि सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल ने बिचौलिए जरिए 125 करोड़ रुपये कमीशन लिया, जो भ्रष्टाचार के दायरे में आता है। कुल 225 करोड़ रुपए की रिश्वत दी गई, जिसमें से 52% हिस्सा कांग्रेस के नेताओं को दिया गया। 28% सरकारी अफसरों को और 20% एयरफोर्स के अफसरों को मिला।
रिश्वत देने वाले अधिकारियों को सज़ा
इटली की अदालत ने अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी के चीफ गिसेप्पी ओरसी को दोषी ठहराया है। उन्होंने कोर्ट के आगे कबूला है कि भारत को हेलीकॉप्टर की 3,600 करोड़ रुपये की डील के बदले कंपनी ने कांग्रेस पार्टी के टॉप नेताओं को रिश्वत दी। गिसेप्पी को साढ़े चार साल, जबकि कंपनी के एक दूसरे अधिकारी ब्रूनो स्पागनोलिनी को चार साल कैद की सज़ा सुनाई गई है। रिश्वत लेने वालों को सजा नहीं दी जा सकती थी, क्योंकि वो इटली से बाहर रह रहे हैं।
मामले में अब आगे क्या होगा देखते जाइये ?
क्या है अगस्ता हेलीकॉप्टर घोटाला?
2010 में हेलीकॉप्टर बनाने वाली इटली की कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड से वीवीआईपी के लिए 12 हेलिकॉप्टर खरीदने का करार हुआ था।
इस डील में 3 हेलिकॉप्टरों की डिलिवरी हो भी चुकी है, जो आज भी दिल्ली के पालम एयरबेस पर खड़े हैं। इनका एक बार भी प्रयोग नहीं हुआ है।
12 हेलीकॉप्टरों के लिए कुल 3600 करोड़ रुपये देना तय हुआ था। लेकिन तभी इस दलाली की पोल खुल गई कि कंपनी ने भारत में 125 करोड़ रुपये घूस दिए हैं।
इटली की अदालत में यह साबित हुआ कुल डील का 10% हिस्सा रिश्वत में देने की बात सुनिश्चित हुई थी।
इसमें से 125 करोड़ रुपये बिचौलिए के जरिए कांग्रेस के नेताओं को मिले।
घूसखोरी का खुलासा होने के बाद 2010 में मनमोहन सिंह की सरकार ने डील रद्द कर दिया था।
इसके बाद पूर्व एयरफोर्स चीफ एसपी त्यागी समेत 13 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया।
वहीं कल अगस्टा वेस्टलैंड डील पर राज्यसभा में हंगामे के साथ चर्चा शरू हुई। चर्चा की शुरुआत में कांग्रेस की ओर से गुलाम नवी आजाद ने कहा कि अगर यह कंपनी ब्लैकलिस्टेड थी तो इसे ‘मेक इन इंडिया’ में कैसे शामिल की गई। हालाँकि अरुण जेटली ने कांग्रेस के आरोपों को पूरे सिरे से नकार दिया।
संसद में बीजेपी की रणनीति के अनुसार राज्यसभा में नए सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने राज्यसभा में हेलिकॉप्टर समझौते के मुद्दे को उठाया। बीजेपी लीडर सुब्रमण्यम स्वामी ने सोनिया पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया है और उनका नाम लिया। राज्यसभा में नाम लेते ही कांग्रेस सांसद वेल में आकर विरोध करने लगे। इसके बाद कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित हो गई।
हंगामा देखते हुए सदन के पीठासीन अधिकारी ने स्वामी को चेताया कि सदन में ऐसे किसी सांसद का नाम नहीं लिया जाए जो इस सदन में आकर जवाब नहीं दे सकता है। स्वामी ने इसमें हामी भर दी लेकिन कांग्रेस के सदस्य हंगामा करने से बाज नहीं आए और सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा।
इस घोटाले से कांग्रेस की मुसीबतें बहुत बढ़ गई हैं, बीजेपी इस घोटाले पर बहुत आक्रामक हो सकती है। सोनिया के कांग्रेसी भक्त अपनी राजमाता पर आए संकट को राष्ट्रीय आपदा भी घोषित कर सकते हैं।