प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार अपने ‘मन की बात’ में काफी काम की बात कही है। उन्होंने देशवासियों को चेताया है कि 30 सितंबर आखिरी तारीख है, जबकि सब अपने काले धन को उजागर कर सकते हैं। जिस किसी के पास चल-अचल संपत्ति और नकद के रुप में काला धन छिपा पड़ा है, वह उसे सरकार को बता दे तो उसके खिलाफ सरकार कोई कार्रवाई नहीं करेगी। उसकी जांच नहीं होगी। वह काला धन जब्त नहीं किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने भाजपा-विधायकों को संबोधित करके खासतौर से कहा है कि 30 सितंबर के बाद कोई भी बख्शा नहीं जाएगा।
यही सबसे पते की बात है। काले धन के बारे में सबसे पहले नेताओं की क्लास ली जानी चाहिए। काले धन का खुल्लम-खुल्ला देश में कोई इस्तेमाल करता है तो वह नेतागण ही करते हैं। अभी-अभी राज्यसभा के चुनाव में एक-एक विधायक को दस-दस करोड़ देने की जो बात चली थी, क्या वह राशि चेक से दी जानी थी? नेताओं की हर विशाल रैली में करोड़ों रु. खर्च होते हैं? क्या वह काला धन नहीं होता? क्या मोदी समेत देश में एक भी नेता ऐसा है, जो शपथपूर्वक यह कह सके कि वह काले धन का रोज़ इस्तेमाल नहीं करता? यदि नरेंद्र मोदी ही सबसे पहले काले धन को न छूने की शपथ लें और अपनी पार्टी को भी उससे मुक्त करें तो इस सरकार में इतना अधिक नैतिक बल पैदा हो जाएगा कि यह काले धन के सभी स्त्रोतों पर सचमुच प्रहार कर सकेगी। काला धन क्या है? वही धन है, जिस पर आयकर नहीं दिया जाता है। 125 करोड़ के देश में मुश्किल से सवा करोड़ लोग आयकर देते हैं। इससे बड़ा मजाक क्या हो सकता है? कम से कम 25 करोड़ लोगों से आयकर लिया जाना चाहिए। कर घटाइए और करदाता बढ़ाइए। आयकर देने के लिए चार्टर्ड एकाउंटेंट की क्या जरुरत है? कर देने की प्रक्रिया को सरल बनाइए। आयकर विभाग के अफसरों पर भी काबू रखें। यदि देश के अंदर ही काला धन पैदा नहीं होगा तो वह विदेश क्यों जाएगा? देश में यदि नकद आदान-प्रदान घटे, बैंकिंग बढ़े, सिर्फ 100 रु. तक के नोट चलें तो शायद काले धन पर रोक लग जाए। यदि 30 सितंबर के बाद सारे काले धन को पूरी तरह जब्त करने के कार्रवाई होने लगे तो चमत्कार हो सकता है।
Just Change the Currency Format! But, who can do it? You! But how? Simple with click of mouse, click at comments, write I support or any comment at :
https://www.change.org/p/president-of-india-replace-the-indian-currency-with-new-one-immediately-and-scrap-paper-money-later